लोकसभा चुनाव : अमेठी में स्मृति ईरानी की घेराबंदी करना कांग्रेस के लिए बेहद मुश्किल
अमेठी/स्वामीनाथ शुक्ल। केंद्रीय चुनाव आयोग शनिवार को हिंदुस्तान के सामूहिक महापर्व की तिथियों का एलान करेगा। इसके लिए तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। लेकिन उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरने वाला अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस के चेहरे का पता नहीं है। जिससे कांग्रेसियों की मायूसी किसी से छिपी नहीं है। जबकि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी पांच साल से विकास के रथ को लेकर गांव गांव जनसंवाद यात्रा पर हैं। लेकिन राहुल गांधी चुनाव हारने के बाद से अमेठी को लेकर गंभीर नहीं है। जिससे स्मृति ईरानी की घेराबंदी में सेंध लगा पाना मुश्किल भरा सफर है।
यह अलग बात है कि कांग्रेस भक्त राहुल गांधी के जीत का दावा करते हैं। लेकिन अमेठी की जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग हो चुकी है। स्मृति ईरानी के आने के पहले अमेठी में गांधी परिवार के नाम पर वोट पड़ते थे। लेकिन अब स्मृति ईरानी के काम का आकलन होता है। अमेठी में ओवरब्रिज और बाईपास की मांग तीन दशक से थी। लेकिन बना नहीं था। स्मृति ईरानी पांच साल के अंदर ओवरब्रिज और बाईपास का निर्माण कराकर जनता को सौंप दिए है। रेलवे से जुड़ी कई बड़ी बड़ी सौगातें जनता को दे चुकी है।
अमेठी में रेलवे के तीन अंडरपास, आधा दर्जन ट्रेनों का ठहराव और आठ रेलवे स्टेशनों के नाम धार्मिक स्थलों और महापुरूषों के नाम हो चुके हैं। इसमें कासिमपुर हाल्ट जायस सिटी हो गया है। जायस रेलवे स्टेशन गुरु गोरखनाथ धाम,बनी रेलवे स्टेशन स्वामी परमहंस,मिसरौली रेलवे स्टेशन मा कालिकन धाम, निहालगढ़ रेलवे स्टेशन महाराजा बिजली पासी,अकबरगंज रेलवे स्टेशन मा अहोरवा भवानी धाम, वारिस गंज रेलवे स्टेशन अमर शहीद भाले सुल्तान, फुरसतगंज रेलवे स्टेशन तपेश्वरनाथ धाम हो चुका है। इसी तरह छोटे बड़े सभी कार्य कराए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी हर हफ्ते अमेठी आती है। बाकी इनके अपर सचिव विजय गुप्ता महीने में 25 दिन अमेठी में ही रहते हैं। जिससे स्मृति ईरानी अमेठी की छोटी बड़ी समस्याओं का समाधान कराती है। गौरीगंज के पूर्व विधायक चंद्र प्रकाश मिश्र मटियारी ने कहा कि अमेठी में स्मृति ईरानी का काम बोलता है।हर एक गांव पुरवा कस्बा में विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। छोटी छोटी बातों पर सांसद की पैनी नजर रहती है। पूर्व विधायक स्व जमुना प्रसाद मिश्र के पुत्र अनिल मिश्र ने कहा कि पांच साल में अमेठी की तस्वीर बदल गई है। वरना पूरी अमेठी जाम में फसी रहती थी। लेकिन ओवरब्रिज और बाईपास का निर्माण हो जाने से अमेठी आबाद हो गई है।