योगी सरकार का मेगा बजट: बजट पेश होने के बाद बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कहा यह बजट…

Update: 2025-02-20 08:45 GMT

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 8 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया। बजट पेश करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे राज्य के विकास के लिए ऐतिहासिक कदम बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा, "आज देश के सबसे बड़े राज्य का बजट पेश हुआ है। यह यूपी सरकार का नौवां बजट है और पिछले आठ वर्षों में किए गए प्रयासों के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।"

बजट पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ: प्रमुख बिंदु

पिछले साल सरकार ने अन्नदाता किसानों पर केंद्रित बजट पेश किया था, जबकि इस बार के बजट में विकास और समृद्धि को प्राथमिकता दी गई है।

वित्तीय वर्ष 2025-26 का यह बजट सनातन संस्कृति की सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा के अनुरूप गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विज़न को साकार करते हुए 'वंचित को वरीयता इस बजट का केंद्रीय भाव है।

इस बजट का आकार 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ रुपये से अधिक (8,08,736.06 करोड़ रुपये) का है। वर्ष 2024-25 के बजट के सापेक्ष इसमें 9.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उत्तर प्रदेश के बजट के आकार में यह बढ़ोत्तरी राज्य के सामर्थ्य के अनुरूप है। यह बजट अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की डबल इंजन सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

कुल व्यय में 02 लाख 25 हजार 561 करोड़ 49 लाख रुपये कैपिटल एक्सपेंडिचर सम्मिलित है।

वर्ष 2017-18 में प्रदेश की जी०डी०पी० 12.89 लाख करोड़ रुपये थी, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 27.51 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।

प्रदेश का राजकोषीय घाटा, सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 प्रतिशत है, जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एफ०आर०बी०एम० एक्ट में निर्धारित 3.5 प्रतिशत की सीमा से कम है।

नीति आयोग द्वारा राज्यों की राजकोषीय स्थिति के सम्बन्ध में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को फ्रण्ट रनर (अग्रणी) राज्य की श्रेणी में रखा गया है।

इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022-23 की अवधि में प्रदेश के समेकित फिस्कल हेल्थ इण्डेक्स में 8.9 अंकों का इजाफा हुआ है।

व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है, वर्ष 2018 से 13 की अवधि में पूँजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा।

इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से अधिक रहा।

विगत 08 वर्षों में बेरोजगारी की दर को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। प्रदेश में रोजगार की सम्भावनाएं बढ़ीं हैं, नये रोजगार सृजित हुए हैं।

लगातार प्रयासों के फलस्वरूप पिछले 08 वर्षों में प्रदेश को लगभग 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं जिसमें से 15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव जमीन पर उतरे जा चुके हैं और 60 लाख नौकरियों के अवसर सृजित हुए हैं।

बजट में व्यय की नई मदों हेतु 28 हजार 478 करोड़ 34 लाख रुपये का प्रावधान।

अवस्थापना विकास के लिये 01 लाख 79 हजार 131 करोड़ 04 लाख रुपये प्रस्तावित। (कुल बजट का 22 प्रतिशत)

इसमें ऊर्जा क्षेत्र के लिये 61,070 करोड़ रुपये से अधिक, सिंचाई के लिये 21,340 करोड़ रुपये से अधिक, भारी एवं मध्यम उद्योग के लिये लगभग 24 हजार करोड़ रुपये, नगर विकास के लिये 25,308 करोड़ रुपये से अधिक, आवास एवं शहरी नियोजन के लिये 7,403 करोड़ रुपये से अधिक तथा नागरिक उड्डयन के लिये 3,152 करोड़ रुपये प्रस्तावित।

शिक्षा क्षेत्र के लिये 1,06,360 करोड़ रुपये से अधिक प्रस्तावित। (कुल बजट का 13) शिक्षा पर इतना व्यय करने वाला उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य है।

कृषि क्षेत्र के अन्तर्गत कृषि, उद्यान, पशुधन, दुग्ध, मत्स्य, सहकारिता, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति के लिये कुल लगभग 89,353 करोड़ रुपये प्रस्तावित। (कुल बजट का 11 प्रतिशत)

चिकित्सा क्षेत्र के अन्तर्गत चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, आयुष तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिये 50,550 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान। (कुल बजट का 6 प्रतिशत)

प्रदेश के सभी होमगार्डस, पी०आर०डी० जवान, ग्राम चौकीदार, शिक्षामित्र, बेसिक शिक्षा विभाग के अनुदेशक एवं मानदेय के आधार पर कार्य करने हेतु वाले कार्मिकों को मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अन्तर्गत 05 लाख रुपये तक की निःशुल्क चिकित्सा का लाभ दिया जाएगा।

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