संसद की घटना का हरदोई में सड़क पर असर: निषेधाज्ञा तोड़ भाजयुमो का ’राजीव भवन’ पर धावा, झंडे-डंडे से लैस युवा मोर्चा और कांग्रेसी आए आमने-सामने, जमकर तकरार…

कांग्रेसियों ने किया भाजयुमो को कदम पीछे खींचने को मजबूर, पुलिस अफसरों ने थामी रार, आक्रोशित कांग्रेस जिलाध्यक्ष बोले, हमलावर युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं पर प्राथमिकी नहीं तो कोर्ट में बनाएंगे पुलिस कप्तान को पार्टी

Update: 2024-12-19 15:34 GMT

बृजेश 'कबीर', हरदोई। संसद में भाजपा और कांग्रेस सांसदों के मध्य संघर्ष की आंच हरदोई तक भी पहुंची। आदिवासी भाजपा सांसद प्रताप सारंगी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा धक्का देकर चोट पहुंचाने की कथित घटना को लेकर भाजपा की यूथ विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जिंदपीर चौराहा पर जुटे और पुलिस की मौजूदगी में हुजूम की सूरत में नघेटा रोड स्थित कांग्रेस दफ्तर राजीव भवन की ओर बढ़ चले।

दूसरी ओर निवर्तमान कांग्रेस जिलाध्यक्ष आशीष सिंह सोमवंशी कार्यकर्ताओं संग झंडे-डंडे से लैस पार्टी कार्यालय की हिफाजत में मुस्तैद ही नहीं रहे, हमलावर भाजयुमो कार्यकर्ताओं को बैक-फुट पर धकेला। पुलिस अफसरों की मान-मनौव्वल के बाद दोनों खेमें वापस लौटे। बता दें, जिलाधीश मंगला प्रसाद सिंह के आदेश से 31 दिसम्बर तक जनपद में निषेधाज्ञा प्रभावी है।


भारतीय जनता युवा मोर्चा जिला महामंत्री प्रखर अग्निहोत्री, जिला मीडिया प्रभारी अनुज मिश्रा, मुदित बाजपेई ,नगर अध्यक्ष युवा मोर्चा मनी मिश्रा, अभिषेक सिंह, गोविंद, अखिल राजपूत, सनी दीक्षित, आशुतोष बाजपेई सहित बड़ी संख्या में कर्यकर्ता मौजूद रहे।

प्रखर ने कहा, राहुल गांधी ने आदिवासी सांसद प्रताप सारंगी को चोट पहुंचाई, फर्रुखाबाद सांसद मुकेश राजपूत से धक्कामुक्की की। नेता प्रतिपक्ष के कृत्य से मोर्चा कार्यकर्ता आहत हुए और विरोध स्वरूप नघेटा रोड पर कांग्रेस दफ्तर पर प्रदर्शन कर राहुल गांधी की मुर्दाबाद के नारे लगाए।

पार्टी दफ्तर पर जानलेवा हमला करने आए, पीठ दिखा के गए : आशीष सोमवंशी

भाजयुमो कार्यकर्ताओं का हुजूम जब कांग्रेस दफ्तर पहुंचा तो निवर्तमान कांग्रेस जिलाध्यक्ष आशीष सिंह सोमवंशी, निवर्तमान शहर अध्यक्ष सभासद जमील अहमद और मंजू मित्रा के साथ मुट्ठी भर कार्यकर्ता भी झंडे-डंडे से लैस मजबूती से प्रतिकार करते दिखे। हालांकि जुबानी तकरार बढ़ने से पहले डिप्टी एसपी सिटी अंकित मिश्रा, सिटी कोतवाल नारायण कुशवाहा और एलआईयू इंस्पेक्टर शिरीष शर्मा ने भाजयुमो कार्यकर्ताओं को समझा-बुझा कर वापस भेजा। आशीष ने कहा, हम विधानसभा घेराव में पुलिस की मारपीट में मारे गए यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात पाण्डेय को पार्टी कार्यालय पर श्रद्धांजलि दे रहे थे।

इस दौरान पुलिस की मौजूदगी में झंडे-डंडे लहराते हुए भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने साजिशन हमला किया। कांग्रेस की महिला, किसान और मजदूर कार्यकर्ताओं से अभद्रता और धक्कामुक्की की। कहा, पुलिस को फीडबैक था, फिर भी प्रशासन ने कांग्रेस जनों पर जानलेवा हमला कराने की साजिश की। मांग की, पुलिस स्वतः संज्ञान ले कर चौकी इंचार्ज रेलवेगंज से एफआईआर दर्ज कराए। प्रतिकूल हालात में जिन पुलिस अफसरों की मौजूदगी में घटना कारित हुई, उनके विरुद्ध न्यायालय से मुकदमा लिखाएंगे और प्रथम पक्ष जनपद पुलिस के मुखिया नीरज जादौन को बनाएंगे।

राहुल की हरकत से गुस्साए मोर्चा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, हमला नहीं : बब्बन


घटनाक्रम को लेकर भारतीय जनता पार्टी जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने कहा, राहुल गांधी की असभ्यता पूरे देश ने देखी। संसद परिसर में आदिवासी, पिछड़ा और महिला सांसदों से धक्कामुक्की की। सांसद प्रताप सारंगी चोटिल हुए। इससे आक्रोशित भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया। कहा, एक भी कार्यकर्ता कांग्रेस दफ्तर में नहीं घुसा। बब्बन में भाजयुमो कार्यकर्ताओं के डंडों से लैस होने का खंडन किया। बोले, लाठी डंडे कांग्रेसियों के हाथ में थे। जनपद में निषेधाज्ञा के बावजूद हुजूम में कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के सवाल को बब्बन टाल गए।

राजनीति के पतन का चरम-काल, ऐसा ना देखा, ना सुना : प्रशान्त पाठक


वरिष्ठ पत्रकार प्रशान्त पाठक बोले, ढाई दशक की उनकी पत्रकारिता में एक राजनैतिक दल का विपक्षी पार्टी के दफ्तर पर प्रदर्शन की घटना कभी देखी नहीं और ना वरिष्ठों से भी नहीं सुनी। कहा, ऐसा होना नहीं चाहिए। विचारधारा का संघर्ष सदा से रहा है, राजनीतिक का स्तर इतना नीचे नहीं जाना चाहिए। सत्ता दल की फैलाई अव्यस्था समाज में गलत संदेश देती है और भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं है। सपा-बसपा की घनघोर अदावत के बाद भी दोनों को कभी एक दूसरे के कार्यालयों को टारगेट करते नहीं देखा। 

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