हिसाब दो, जवाब दो: "245.54 लाख अनुरक्षण मद में कांग्रेस की घोटाले की तोहमत कैनाल विभाग में घनघोर भ्रष्टाचार, मौके पर सत्यापन में काम मिलेंगे जीरो" - आशीष सिंह

Update: 2024-10-15 15:58 GMT

हरदोई। कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कलेक्ट्रेट में नहर विभाग के भ्रष्टाचार पर ’हिसाब दो जवाब दो’ के नारे उछालते हुए प्रदर्शन किया। पार्टी ने 15 अक्तूबर को अनुरक्षण मद में खर्च 245 लाख रुपए के हेरफेर की हो जांच की मांग उठाते हुए प्रमुख सचिव सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग (लखनऊ) के नाम ज्ञापन नगराधीश सुनील त्रिवेदी को ज्ञापन सौंपा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष आशीष सिंह सोमवंशी ने कहा, शारदा नहर खण्ड में अनुरक्षण मद से 245 लाख रुपये से कराए कार्यों में वित्तीय अनियमितता एवं ई-निविदा प्रणाली में धांधली की जांच किया जाना जरूरी है।

प्रदर्शन में, जिला महामंत्री ओमेंद्र वर्मा, जिला उपाध्यक्ष नेतम भारतीय, जिला उपाध्यक्ष अनुपम दीक्षित, शहर अध्यक्ष/सभासद जमील अहमद अंसारी, जिला महासचिव शशिबाला वर्मा, जिला महासचिव सुरेन्द्र पाल सिंह यादव, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष भुवनेश प्रताप सिंह, सोशल मीडिया जिलाध्यक्ष महताब अहमद, जिला कोषाध्यक्ष प्रकाश मिश्रा, जिला सचिव इस्लाम गाजी, जिला सचिव त्रिवेणी लाल श्रीवास्तव, जिला सचिव राजेश पाण्डेय, जिला सचिव बलतेज सिंह बरार, गोपामऊ विधानसभा क्षेत्र युवा कांग्रेस अध्यक्ष पंकज पाल, देशराज पाल, सौरभ कुमार, सुधीर कुमार, विनीत कुमार, बृजेश कुमार, रामस्वरूप, रावेन्द्र, मदन पाल, ओमप्रकाश मिश्रा, अफसर हुसैन, गया प्रसाद, विजयपाल, अजय पाल, श्रवण कुमार, मधुर पाल आदि पदाधिकारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने प्रमुख सचिव को लिखा है, हरदोई खण्ड शारदा नहर विभाग में उनके अधीनस्थ जम कर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। विकास कार्यों के लिए आवंटित धन में की नोच खसोट हो रही है। हरदोई में तैनात अधिशासी अभियंता, गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में संलिप्त अवर अभियंता और भाजपा के चहेते ठेकेदार मिलीभगत से वित्तीय वर्ष 2023-24 में अनुरक्षण मद में आवंटित 50.88 लाख रुपए, विशेष अनुरक्षण मद में 82.66 लाख रुपए और बाढ़ नियंत्रण अनुरक्षण मद में 112 लाख रूपए (245.54 लाख) में भ्रष्टाचार किया गया है। इन मदों से कराए कार्य का भौतिक सत्यापन किया जाए तो अधिकांश शून्य पाए जाएंगे।

आशीष के मुताबिक, मोहलिया ड्रेन के किलोमीटर .900 पर पुलिया का निर्माण ठेकेदार ने निविदा आमन्त्रण के पहले ही कर दिया और भुगतान भी 6.51 लाख रुपए कर दिया गया। जिलाधीश से 06 फरवरी को शिकायत की गई तो पुलिया निर्माण अन्यत्र प्रस्तावित दिखा दिया गया, मगर जनता के आवागमन की समस्या जस की तस है। फर्जी एमबी, बिल और वाउचर बना वित्तीय अनियमितता की गई है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने अनुसार, नोनखारा गर्रा नदी का कटान रोकने के लिए अनुरक्षण मद से अधिशासी अभियंता ने चहेते ठेकेदारों को काम दिया, परंतु बिना कार्य कराए ही लाखों रुपए का झोलझाल कर दिया। ई-निविदा प्रणाली के नियमों में भी अधिशासी अभियंता ने अनियमितता की है, जो जांच का विषय है। जिलाधीश को 06 फरवरी और 08 फरवरी को पंजीकृत डाक से पत्र प्रेषित किया जा चुका है, पर कोई जांच या कार्यवाही अभी तक नहीं हुई है। नियमों के उल्लंघन और वित्तीय अनियमितता की जांच शासन स्तर से होना आवश्यक है।

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