पाणिग्रहण: सात फेरे, सात वचन लिए, जाकर बांधी 'श्री सरस्वती सदन' से 'आजीवन गांठ

नववधू अस्मिता शुक्ल बोलीं, संस्कृति और लोक मंगल के कार्यों में पति का सहकार सहधर्मिणी धर्म;

Update: 2025-02-13 12:35 GMT

हरदोई। नव दम्पति के रूप में प्रसून वाजपेयी (जीएसटी इंस्पेक्टर) एवं अस्मिता शुक्ल विवाह मंडप से सीधे जनपद की सबसे प्राचीन साहित्यिक संस्था श्री सरस्वती सदन पहुंचे और आजीवन सदस्यता ली।

लाइब्रेरियन सीमा मिश्रा को दोनों ने सुरक्षा निधि और आजीवन सदस्यता शुल्क संग अपने-अपने आवेदन दिये। नव दम्पति ने वाग्देवी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। लाइब्रेरियन सीमा मिश्रा ने सदन की मुख पत्रिका वाणी भेंट की।

नव युगल बोला, पुस्तकें 'ज्ञान-कुम्भ', समक्ष जितना झुकोगे जीवन उतना ऊंचा उठेगा : श्री सरस्वती सदन की आजीवन सदस्य बनने के बाद नव दम्पति ने कहा, पुस्तकालय एवं वाचनालय ज्ञान मन्दिर हैं।

पुस्तकों के बीच नित नयी चेतना का अंकुरण होता है। देश-दुनिया की संस्कृति को समझने और ज्ञान-विज्ञान से लैस रहने के लिए हर घर में पुस्तकों को पारिवारिक सदस्य के रूप में जगह मिलनी चाहिए।

इससे लोक चेतना को बल मिलता है। दोनों ने पुस्तकों को 'ज्ञान-कुम्भ' बताया। कहा, पुस्तकों के समक्ष जितना झुकोगे जीवन उतना ऊंचा उठेगा।

राष्ट्र-समाज निर्माण की रचनात्मक गतिविधि में सहयोग प्राथमिकता : जीएसटी इंस्पेक्टर प्रसून वाजपेयी ने सदन के विविध सांस्कृतिक और शैक्षणिक आयोजनों का जिक्र किया। कहा, साहित्य-सेवा और हिन्दी संवर्धन में सदन अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

राष्ट्रीय एवं सामाजिक चेतना पनपातीं ऐसी संस्थाओं से जुड़ना और सहयोग करना जन-दायित्व है। इसी प्रेरणा से पत्नी संग सदन से आजीवन आबद्ध हुए। कहा, राष्ट्र और समाज निर्माण की रचनात्मक गतिविधियों को सहयोग उनकी प्राथमिकता है।

पुस्तकालय की आजीवन सदस्यता दाम्पत्य पथ का संबल : नववधू अस्मिता शुक्ल ने कहा, धर्म-संस्कृति और लोक मंगल के कार्यों में पति की सहयोगी रहना सहधर्मिणी धर्म है। कहा, पति संग पहला पग श्री सरस्वती सदन में रखना और पुस्तकालय की आजीवन सदस्यता ग्रहण करना, दाम्पत्य पथ का संबल है। यह पग पारिवारिक और सामाजिक दायित्व निभाने में प्रेरक बनेगा।

छात्र जीवन से है प्रसून का सदन से लगाव : सदन की लाइब्रेरियन सीमा मिश्रा ने कहा कि हिन्दी प्रश्न मंच आदि प्रतियोगिताओं में शामिल होते रहे प्रसून वाजपेयी का श्री सरस्वती सदन से छात्र जीवन से जुड़ाव है।

पुस्तकों के रखरखाव के लिए बाबा पूर्व प्रधानाचार्य ओंकारनाथ वाजपेयी की स्मृति में सदन को अलमारी दान कराई थी। जीएसटी इंस्पेक्टर पद पर नियुक्ति से पूर्व प्रसून वाजपेयी रक्षा विभाग में आडीटर और बेसिक शिक्षा परिषद में शिक्षक रह चुके हैं। 

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