हरदोई में राजस्व पत्रावलियों से छेड़छाड़: भ्रष्ट एसडीएम संडीला डॉ. अरुणिमा श्रीवास्तव के खिलाफ जांच कमिश्नर रौशन जैकब को, निलंबन तय…

नियम-7 में दोषी होने पर बर्खास्तगी तक, डीएम एमपी सिंह से सुबूत और आरोप पत्र 15 दिन में तलब

Update: 2024-12-21 07:52 GMT

बृजेश 'कबीर', हरदोई। संडीला की उप जिलाधीश डॉ. अरुणिमा श्रीवास्तव को सवायजपुर तहसील में राजस्व न्यायालय की पत्रावलियों में छेड़छाड़ का दोषी पाया गया है। शासन ने मंडलायुक्त (लखनऊ) रोशन जैकब को जांच दी है। जिसमें बर्खास्तगी का भी प्रावधान है।

पत्रावलियों से छेड़छाड़ का खुलासा होने के बाद एसडीएम और एक पूर्व तहसील कर्मी के बीच ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह 10, 20, 50 हजार रुपए खर्च कर मामला मैनेज करने की बात कह रही हैं।

पहली जांच अपर जिलाधीश (वित्त एवं राजस्व) प्रियंका सिंह ने की और एसडीएम पर आरोप सही पाए। एडीएम की जांच आख्या के आधार पर जिलाधीश मंगला प्रसाद सिंह ने शासन को भेजी रपट में एसडीएम संडीला पर कार्यवाही की संस्तुति की थी।

मंडलायुक्त को जांच का आदेश डीएम दफ्तर को भेज निर्देश दिए गए हैं, डॉ. अरुणिमा श्रीवास्तव के खिलाफ सुबूत और आरोप पत्र 15 दिन में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

कमिश्नर रोशन जैकब

निलंबन तो तय, दोष सिद्ध होने पर हो सकती बर्खास्तगी भी

एसडीएम संडीला डॉ. अरुणिमा श्रीवास्तव प्रथम दृष्टया राजस्व न्यायालय के मुकदमों की पत्रावलियों में छेड़छाड़ की दोषी पाई गई हैं। नियुक्ति विभाग ने उनके विरुद्ध उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 के नियम-7 तहत जांच के आदेश कमिश्नर रोशन जैकब को दिए हैं।

एसडीएम संडीला डॉ. अरुणिमा श्रीवास्तव

नियम के तहत जांच में दोषी पाए जाने पर बर्खास्तगी तक का प्रावधान है। जांच आदेश में कहा है, डॉ. अरुणिमा श्रीवास्तव ने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया। हरदोई डीएम ने राजस्व न्यायालय की वाद पत्रावलियों में छेड़छाड़, पत्रावलियों का रखरखाव सही से नहीं किए जाने और उनके कार्यों से शासन-प्रशासन की छवि धूमिल करने पर कार्रवाई की संस्तुति की है।

गंभीर कदाचार में प्रथम दृष्टया दोषी पाने के दृष्टिगत डॉ. अरुणिमा के खिलाफ नियम-7 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही के आदेश दिए गए हैं।

एसडीएम साहिबा ने सवायजपुर में बैक डेट में किया दाखिल खारिज

इसी बरस 17 अक्तूबर को एसडीएम प्रमोट होने के बाद बतौर तहसीलदार बैक डेट में दाखिल-खारिज के आदेश का खुलासा हुआ था। दरअसल, सवायजपुर तहसीलदार पद पर रहते अरुणिमा की सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की पोस्ट पर प्रमोशन के बाद पहले सवायजपुर, फिर संडीला डिवीजन में पोस्टिंग हुई।

उन्होंने तहसीलदार रहने (28 जून 2023) के दिनों की तारीख में सवायजपुर तहसील के डीघासर गांव की 0.975 हेक्टेयर और बरौली गांव की 0.0510 हेक्टेयर जमीन के दाखिल खारिज की पत्रावली पर हस्ताक्षर किए थे। जांच के बाद मामले में डीएम एमपीटी सिंह ने शासन और लोकायुक्त को पत्र भेजे थे।

यूं मारी एसडीएम साहिबा ने पांव पर कुल्हाड़ी, ...यह क्याटी किया मुन्ना बाबू आपने, 10, 20, 50 हजार लगें, हमारे दस्तखत वाला पन्ना हटाइए, तुरंत...

दरअसल, उप जिलाधीश संडीला अरुणिमा श्रीवास्तव ने भ्रष्टाचार का मामला रफा दफा करने का जो तरीका अपनाया उसमें खुद ही फंस गई थीं। वायरल एक कॉल ऑडियो में अरुणिमा ने खुद ही भ्रष्ट आचरण की स्वीकारोक्ति कर ली।

दाखिल खारिज से संबंधित पत्रावली अभिलेखागार (रिकॉर्ड रूम) से गायब करने के लिए एसडीएम संडीला 10, 20 और 50,000 रुपए तक खर्च करने की बात पूर्व पेशकार मुन्ना जैदी से कही और ये बातचीत वायरल हो गई। एडीएम (वित्त एवं राजस्व) प्रियंका सिंह ने वायरल ऑडियो का संज्ञान लेकर जांच रिपोर्ट जिला मजिस्ट्रेट एमपी सिंह को सौंपी थी।

अरुणिमा श्रीवास्तव और मुन्ना बाबू के बीच कुछ यूं हुई थी बातचीत

अरुणिमा कहती हैं, वो जो फाइलें थीं जो 12/7 में आईं थीं और 28/6 में आदेश हुए थे वो फाइल आखिर कहां हैं? वर्तमान में क्या स्थिति है, वो आदेश तो मैंने दे दिया था। जवाब में मुन्ना जैदी कहते हैं, वो मैम सब यहां करवा दी थीं दाखिल।

अरुणिमा पूछती हैं, कहां करा दी थीं ? मुन्ना बताते हैं, रिकॉर्ड रूम में। अरुणिमा पूछती हैं, उसमे क्या लिख के दाखिल था, आदेश लगा था नहीं लगा था ? मुन्ना बताते हैं, आदेश लगा था मैडम। तो पूछती हैं, कौन सा आदेश ? मुन्ना जवाब देते हैं, वही जो ऑनलाइन दिखा रहा, वो हुआ था मैडम आदेश दाखिल खारिज का। अरुणिमा पूछती हैं, 28/6 का, वो आदेश लगा के किया था, जब वो आदेश हटा दिया था तो आदेश लगा कैसे उसमे ? मुन्ना कहते हैं, तो फिर दाखिल कैसे करते मैडम, ऑनलाइन तो थी ही वो रिकॉर्ड में।

अरुणिमा कहती हैं, वही हमको उलझा दिया, आप लोगों पर भरोसा किया, अब वो जांच हो रही है उसपे, अरुण बैठा अभिलेखागार में तारीख देख रहा, शपथ पत्र है हमारे खिलाफ, आदेश लगाने की क्या जरूरत थी ? ...कुछ ठहर कर पूछती हैं, मेरे दस्तखत वाला आदेश भी लगा है या ऑनलाइन वाला वाला है आदेश ?

पैसे की पेशकश करती हैं अरुणिमा श्रीवास्तव

मुन्ना बताते हैं, आपके दस्तखत वाला मैम, अरुणिमा पूछती हैं, मेरे दस्तखत वाला आदेश हमने दे दिया था आपको ? मुन्ना बोलते हैं, जी मैम। अब अरुणिमा बदहवासी में बोलती हैं, अरे भाई अब जो है हटाइए आदेश उसमे से, किसी भी तरह, क्या किया मुन्ना बाबू आपने ये। मुन्ना कहते हैं, देख लेते हैं मैडम, जाते हैं अभी, करेंगे अरुण से बात।

अरुणिमा कहती हैं, अरुण से क्या बात करेंगे, फाइल पहले देखिए कहां है, दस्तखत तो हमने हटा के दिया था आपको ना। मुन्ना बताते हैं, नहीं दे दिए थे मैम आपने बाद में। अरुणिमा कहती हैं, तो दस्तखत लगा के नहीं करना था भाई, उसको (अरुण) किसी तरह मिलिए और 10, 20, 50 हजार लगें, उसमे से दस्तखत वाला पन्ना हटाइए।

मुन्ना कहते हैं, ठीक है, अरुणिमा बोलती हैं, तुरंत। जिसके बाद टेलीफोनिक बात तो खत्म हो गई, पर हवाओं में चालू हो गई यानी कॉल रिकॉर्डिंग वायरल हो गई।

वीआरएस ले चुके हैं मुन्ना बाबू

एसडीएम संडीला से बातचीत कर रहे मुन्ना जैदी राजस्व विभाग में 20 वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुके हैं। इसलिए वो निसाखातिर लग रहे थे और ऐसा नहीं होता तो दो के बीच की बातचीत बाहर नहीं आती और आज भ्रष्ट एसडीएम साहिबा पर निलंबन/बर्खास्तगी की तलवार नहीं लटक रही होती।

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