जन भागीदारी और जन विश्वास में ही है लोकतंत्र की ताकत

वर्चुअल रैली से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पश्चिमी उत्तरप्रदेश के मतदाताओं को दिया संदेश

Update: 2022-01-30 15:15 GMT

वेब डेस्क/दिनेश शर्मा। उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 31 जनवरी सोमवार से चुनावी प्रचार में उतरेंगे। हालांकि मोदी जी वर्चुअल रैली के माध्यम से जनता को संबोधित करेंगे और इसके लिए भाजपा ने सभी तरह की तैयारियां की हैं। भाजपा इस रैली को मंडल स्तर पर एलईडी स्क्रीन के माध्यम से प्रसारित करने के साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लाखों लोगों तक पहुंचाएगी। मोदी जी ने अपनी वर्चुअल रैली से पहले ट्वीट किया है और कहा है कि जन भागीदारी और जन विश्वास में ही लोकतंत्र की ताकत निहित है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में लिखा है कि 31 जनवरी सोमवार को उत्तर प्रदेश के पांच जिलों के लिए होने वाली वर्चुअल रैली में आपकी हिस्सेदारी महत्वपूर्ण है। मेरा आग्रह है कि इस रैली के लिए आप अपने सुझाव नमो ऐप पर जाकर अवश्य साझा करें। राज्य में चुनाव आयोग ने रैलियों और चुनावी सभाओं पर रोक लगा रखी है। लिहाजा भाजपा राज्य में अभी तक जहां डोर टू डोर और जनसंपर्क अभियान के माध्यम से जनता से संपर्क कर रही थी वहीं अब भाजपा ने अपने स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चुनावी मैदान में उतारने की योजना बनाई है। उनके जरिए पार्टी पहले चरण में राज्य के पश्चिमी जिलों को साधने की तैयारी में है। भाजपा वर्चुअल रैली के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश कर रही है। साथ ही पार्टी के ज्यादातर नेता पश्चिमी उत्तर प्रदेश में डेरा डाले हुए हैं। भाजपा ने अपनी रणनीति के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वर्चुअल रैली के माध्यम से पांच जिलों को साधने की तैयारी की है। मोदी जी की रैली पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत और सहारनपुर जिले में लाइव की जाएगी और इसके माध्यम से दो दर्जन से अधिक विधानसभा सीटों को कवर किया जाएगा। इन जिलों में पहले और दूसरे चरण में मतदान होना है।

एक सैकड़ा से अधिक कार्यकर्ता नहीं हो सकेंगे शामिल

राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए चुनाव आयोग ने रैलियों का आयोजन प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही राज्य में कोरोना प्रोटोकॉल के नियम भी लागू है। इस कारण जहां पर भी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी वहां कम संख्या में ही लोग शामिल हो होंगे। यानी कोविड नियमों का पालन करने के लिए एक स्थान पर 100 से अधिक कार्यकर्ता नहीं बैठ सकेंगे। फिलहाल भाजपा करीब 50 हजार कार्यकर्ताओं को मोदी जी की वर्चुअल रैली से जोडऩा चाहती है जबकि सोशल मीडिया के माध्यम से मोदी जी की रैली को लाइव किया जाएगा।

3-डी तकनीक का किया जाएगा इस्तेमाल

प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा अपनी वर्चुअल रैली के लिए 3-डी तकनीक का भी इस्तेमाल करेगी और इसके लिए स्टूडियो मिस तकनीक का उपयोग होगा। इस तकनीक का इस्तेमाल दो रैलियों को एक साथ दिखाने के लिए भी किया जाएगा। इस तकनीक के माध्यम से अलग जगहों पर बैठे नेताओं को एक मंच पर दिखाया जा सकता है। इस तकनीक के माध्यम से वर्चुअल स्टेज बनाकर नेताओं को ऐसे दिखाया जा सकता है मानो वह सामने मंच से ही संबोधित कर रहे हों। बताया गया है कि भाजपा ने ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग की भी व्यवस्था की है और इसके अनुसार मोबाइल पर घंटी बजने के बाद मोदी जी के भाषण को सुना जा सकता है।

बिहार चुनाव में हुई थी वर्चुअल रैली की शुरुआत

देश में वर्चुअल रैली की शुरुआत वर्ष 2019 में बिहार विधानसभा चुनाव से हुई थी योंकि देश में कोरोना संक्रमण की पहली लहर शुरू हो गई थी और राज्य में चुनाव होने थे। इसके चलते भाजपा और कई राजनैतिक दलों ने वर्चुअल रैली के जरिए जनता से संपर्क किया था। भाजपा नेता अमित शाह ने ओडिशा में भी वर्चुअल रैलियां की थीं जबकि पश्चिम बंगाल में बाद के चरणों में वर्चुअल रैलियां की गई थीं। इसी क्रम में अब उार प्रदेश सहित देश के पांच राज्यों में हो रहे चुनाव में भी वर्चुअल रैलियों की शुरुआत हो गई है योंकि चुनाव आयोग ने चुनावी रैलियों पर प्रतिबंध लगा दिया है।




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