अखिलेश यादव के वोटबैंक पर स्मृति ईरानी की गहरी चोट, मेदन मेवई में यदुवंशियों का महाकुंभ
जिला अध्यक्ष बोले - समाजवादी पार्टी यादव को बंधुआ मजदूर समझती है
अमेठी/स्वामीनाथ शुक्ल। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के समर्थन में यादव समाज कूद पड़ा है। सपा छोड़कर भाजपा में शामिल होने के लिए स्मृति ईरानी के घर पर बुधवार से शुक्रवार तक यदुवंशियों का महाकुंभ लगा था। इस महाकुंभ में यादव समाज के बड़े बड़े दिग्गज और धुरंधर बल्लेबाज साईकिल से उतर कर जय श्रीराम के साथ भगवा रंग में सराबोर हो गए हैं। अमेठी लोकसभा क्षेत्र में यादव समाज के रंग बदलने से अखिलेश यादव के वोटबैंक पर स्मृति ईरानी की गहरी चोट मानी जा रही है। यादव समाज के भाजपा में आने से सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगा है। अमेठी लोकसभा क्षेत्र में सपा कांग्रेस को समर्थन करती है। जिससे यादव समाज खुद को छला महसूस करता है। यही वजह है कि अमेठी के यादव स्मृति ईरानी के समर्थन में उतरे हैं।
समाजवादी पार्टी यादव को बंधुआ मजदूर समझती है
यादव महासभा के जिलाध्यक्ष ने कहा कि हमारे समाज के नेता मुलायम सिंह यादव थे। लेकिन अब वो नहीं है। मुलायम सिंह यादव हमारे समाज के दुख-सुख में बराबर खड़े रहते थे। जिससे यादव समाज मुलायम सिंह यादव के साथ था। लेकिन मुलायम के बाद की समाजवादी यादव को बंधुआ मजदूर समझती हैं। इसी लिए अमेठी के यादव मोदी, योगी और स्मृति ईरानी के विकास कार्यों से प्रभावित होकर साईकिल से उतर गए हैं। वयोवृद्ध नेता रामदास यादव ने कहा कि स्मृति ईरानी विपरीत परिस्थितियों में भी अमेठी की जनता के दुख-सुख में बराबर खड़ी रहती है। कोरोना काल में सपा और कांग्रेस के नेता घरों में छिपे बैठे थे। लेकिन स्मृति ईरानी अमेठी की जनता को बचाने के लिए सड़क पर टहल रही थी। जिससे यादव समाज स्मृति ईरानी को चुनाव जिताने के लिए घर घर जाकर चुनाव प्रचार करेगा।
अमेठी में राहुल गांधी को हराकर सांसद चुनी गई स्मृति ईरानी
स्मृति ईरानी 2014 से लगातार अमेठी में डटी हुई है। पहली बार चुनाव हारने के बाद भी अमेठी की जनता को छोड़कर वापस नहीं गई थी। चुनाव हारने के बाद भी अमेठी में किराए का घर लेकर जनता के दुख-सुख में बराबर खड़ी हुई थी। जिससे 2019 के चुनाव में कांग्रेस के गढ़ अमेठी में राहुल गांधी को हराकर सांसद चुनी गई है। सांसद चुने जाने के बाद से अमेठी को सीधे विकास से जोड़ दिए हैं। अमेठी में 2014 के पहले भाजपा नाम की थी। लेकिन मौजूदा समय में भाजपा के पास एक लाख कार्यकर्ता संगठन से जुड़े हुए हैं। बाकी प्रत्येक बूथ पर 25 लोगों की घर घर घूमने वाली टोली बनी हुई है। स्मृति ईरानी का चुनाव प्रचार चरम पर है। लेकिन कांग्रेस और बसपा के उम्मीदवारों का अबतक अता-पता नहीं है। स्मृति ईरानी के चुनावी कमांडर विजय गुप्ता है। विजय गुप्ता चुनावी चाणक्य माने जाते हैं। विपरीत परिस्थितियों में भी कांग्रेस का किला ढहाने में विजय गुप्ता का सबसे बड़ा मैनेजमेंट है। इन्हीं के मैनेजमेंट में अमेठी के करीब पांच हजार यादव सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं।