कार्यकर्ता सम्मान समारोह: देखने हम भी गए थे पै तमाशा न हुआ, लगता, पार्टी को मेरी जरूरत नहीं...

Update: 2025-01-11 16:28 GMT

बृजेश 'कबीर', हरदोई। सूबे में मंत्री और सदर विधायक नितिन अग्रवाल के कार्यकर्ता सम्मान समारोह से पहले जिले का सियासी पारा चढ़ने की जितनी चर्चा थी, संभावनाएं थीं, वो अफसाने की सूरत में नहीं ढलीं। उप मुख्यमंत्री का मंच होने के बाद भी सात में एक अदद विधायक नहीं पहुंचा। एमएलसी में भी अशोक अग्रवाल ही थे। मिश्रिख सांसद अशोक रावत विशिष्ट अतिथि ही थे। भाजपा जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन प्रोटोकॉल में रहे और अध्यक्षता की, हालांकि कार्यक्रम समापन पर परंपरानुसार उनसे आधिकारिक घोषणा नहीं कराई गई।

बाकी जिला पंचायत अध्यक्ष प्रेमावती, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष मुकेश अग्रवाल, नगर पालिका अध्यक्ष सुख सागर मिश्र, पीके वर्मा, अहिरोरी प्रमुख धर्मवीर सिंह पन्ने, सुरसा प्रमुख प्रतिनिधि धनंजय मिश्रा, बावन प्रमुख प्रतिनिधि धर्मेंद्र सिंह, हरियावां प्रमुख प्रतिनिधि शशांक सिंह के ही चेहरे प्रमुख थे। संचालन पूर्व पालिकाध्यक्ष/सहकारी बैंक अध्यक्ष राम प्रकाश शुक्ला कर रहे थे। लोगों को प्रतीक्षा नरेश अग्रवाल के भाषण की थी।

उन्होंने चिर परिचित अंदाज में कार्यकर्ताओं से संवाद किया, पर उनकी तकरीर में जिस ’टिपिकल नरेश-पना’ के बघार की उम्मीद रहती, वह तिरोहित थी। अधिकतर वक्त वह भाजपा में स्थिति को लेकर शिकवे के अंदाज में नजर आए। कुल जमा तस्वीर ’गालिब’ के अशआर की परछाईं में, फिर रपट में समझिए...

थी ख़बर गर्म कि 'ग़ालिब' के उड़ेंगे पुर्ज़े, देखने हम भी गए थे पै तमाशा न हुआ... : कार्यकर्ता सम्मान समारोह के मुख्य वक्ता नरेश अग्रवाल ने कहा, पार्लियामेंट चुनाव के बाद मैं चुप्पी तोडूंगा। बोले 50 साल से हरदोई के कार्यकर्ता को पाल रहे। कोई स्थिति परिस्थिति रही हो, कार्यकर्ता को नहीं छोड़ा। हरदोई के लिए पार्टी नहीं, नरेश महत्वपूर्ण रहे। मनोविनोद में डिप्टी सीएम से मुखातिब हुए और बोले, आप नए नए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हुए थे, मैं सपा राष्ट्रीय महामंत्री था, जलजला हमारा भी था।

नितिन को हराने के लिए प्रतिष्ठा लग गई, पीएम खुद हरदोई आए। नितिन जीते, तो मोदी ने बुला के कहा, बेटे को आशीर्वाद दे देना। केशव जी, सोचिए आप किस कार्यकर्ता को संबोधित करने आए हैं। बोले, मेरी डांट मशहूर है। कहते हैं जिससे गुस्सा गए, उसका काम हो गया। इसलिए ये नाराज होते हैं। कहा, जब हम बीजेपी में आए तब हरदोई जीती। लेकिन, मेरी कुंडली में यश संग अपयश लिखा है। लड़ाता हूं, जिताता हूं, गाली भी खाता हूं।

नितिन के बयान पर बोले, अरे मैं चाहता हूं उसका विरोध हो, जिसका विरोध नहीं वो नेता नहीं। बोले, उप मुख्यमंत्री जी मैं हरदोई कभी नहीं हारा, आप हारे तो नेता बतौर नहीं खत्म हो गए। चुनाव जीतने हारने से नेता नहीं बनता।

फिर नरेश अग्रवाल ने सुई की नोक संकेत में सदर सांसद की तरफ घुमाई। बोले, कुछ लोग दिन रात विरोध करते हैं। पर हम चुप रहते, कुछ नहीं बोलते। विरोधियों की हालत टिटहरी जैसी है, सोते पर पैर ऊपर कर लेते, सोचते आसमान का भार उस पर है, पर आकाश अपनी जगह रहता। बोले, हम वो शेर हैं जो देखते, सुनते, गुनते सब हैं और शिकार मौका आने पर करते। कहा, हमारा कार्यकर्ता वोट संग जान देने वाला है।

पूर्व सांसद का दर्द भी कुछ यूं बाहर आया, शायद पार्टी को हमारी जरूरत नहीं, पर हम पार्टी में हैं, चुनाव लड़ाते और जिताते हैं, पर ये वादा करता हूं, मेरे रहते पार्टी को हरदोई में कोई छू नहीं सकता। कहा, नितिन को सीख दी है, माता, पिता और गुरु के बाद कार्यकर्ता को परिवार मानना, नितिन को यही कहूंगा। बोले, लोगों को कहता हूं, देश में बिरले परिवार होंगे जिनकी चौथी पीढ़ी राजनीति में जिंदा है।

मोदी-योगी की मुक्त कंठ से प्रशंसा, केशव को बताया संभावना वाला नेता : नरेश अग्रवाल ने कहा, दुनिया में मोदी जैसा स्थान बहुत कम ने बनाया। अपने जमाने में इंदिरा को देखा था। अर्थव्यवस्था इतनी चुस्त दुरुस्त, कोई गरीब दिखाई नहीं देता, कोई भूखा नंगा नहीं। आज यूपी की कानून व्यवस्था देश में ब्रांड हो गई है। बुलडोजर बाबा कहे जाने लगे हैं। कहा, ऊर्जा मंत्री बने तो हरदोई की कानून व्यवस्था पटरी पर की और गुंडा गिरोह खत्म किए। बोले वैश्य हूं, राजनीति में जिंदा रहना बहुत था। केशव जी, आपकी तरह ओबीसी होता तो धमक कुछ दूसरी होती। केशव प्रसाद की प्रशंसा करते हुए लोकसभा चुनाव का संस्मरण सुनाया। बोले, 24 के चुनाव में बावन क्षेत्र के कार्यकर्ता इंद्रपाल कुशवाहा को बुला कर पूछा, सपा में जा रहे ? इंद्रपाल बोले, नहीं हम केशव के साथ हैं। नरेश ने कहा, केशव की आप में नेतृत्व क्षमता है, आप नेता बनेंगे, अभी उम्र ही क्या, मेरा आशीर्वाद है। चलते चलते एमएलसी अशोक अग्रवाल से चुहल की, दुनिया के मंदिर पूजते हो, हमारा पूजो, एमएलसी हमने बनाया है तुम्हें।

प्रतिनिधि पर निर्भर जन प्रतिनिधि नेता नहीं, इत्ता बोला तो खफा हो गए वो : नितिन

मंत्री/सदर विधायक नितिन अग्रवाल ने कहा, 17 में मोदी की सुनामी में भी कार्यकर्ता ने जिताया। लंबे कुर्ते वाले वोटों को ठेकेदार कभी नहीं फटकने दिए। कार्यकर्ता को महत्व का उदाहरण भी रखा। कहा, सुशील अवस्थी ’छोटे महाराज’ जैसे 40 बरस पुराने कार्यकर्ता की कोई पूछ नहीं थी। उसको हमने सहकारी क्रय विक्रय समिति अध्यक्ष बनाया। कार्यकर्ताओं की दम से 24 में दोनों सीटें जीती। पर, कुछ लोग जरूर विरोध करते हैं। सदर सांसद जय प्रकाश की ओर संकेत कर कहा, जो जन प्रतिनिधि, प्रतिनिधि बना लेता है, वो दलाल पैदा करता। जनता का प्रतिनिधि खुद जनप्रतिनिधि को होना चाहिए और हमने अपने व कार्यकर्ता के मध्य प्रतिनिधि की बाधा कभी नहीं रखी। बस, इतनी बात उन्हें बुरी लग गई।

24 में सूबा डिस्टर्ब रहा, पर हरदोई नरेश ने नहीं दी होने : अशोक रावत

विशिष्ट अतिथि मिश्रिख सांसद अशोक रावत ने कहा, कार्यकर्ता का सम्मान नरेश अग्रवाल से सीखें। हम भी अब वृहद स्तर पर कार्यकर्ता सम्मान करेंगे। कहा, लोकसभा चुनाव में प्रदेश डिस्टर्ब रहा, पर नरेश अग्रवाल के मार्गदर्शन में हरदोई सुरक्षित रहा। वह जनपद की राजनीति की धुरी हैं, इससे किसी को ही इनकार होगा। हमारी राजनीति उनके मार्गदर्शन में परिपक्व हुई। अपील की, जनता (शायद बिरादरी, जिसे साधने के लिए वह मंच की जरूरत थे) नरेश और नितिन के साथ चलती रहे।

दरी-पट्टी से पहुंचाया लग्जरी तक : पीके

भाजपा अवध क्षेत्र अनुसूचित मोर्चा के महामंत्री प्रदीप कुमार ’पीके वर्मा’ ने कहा, 1995 में नरेश अग्रवाल की छाया में दरी-पट्टी बिछाने से राजनीति में शुरुआत की। उन्होंने मुझ जैसे कार्यकर्ता की सदा चिंता की। मेरे कोरोना प्रभावित होने पर पत्नी प्रेमावती का चुनाव खुद लड़ा। कहा, नरेश अग्रवाल ऐसे विराट नेता है, कार्यकर्ता का फोन उठाते हैं और काम होने के बाद कॉल बैक कर बताते भी हैं। राजनीति में जो पाया है, उनका विशेष आशीर्वाद है। 

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