वेबडेस्क। वह वर्ष 2011 के अटूबर का महीना था, जब तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी लिंटन इस्ला्माबाद यात्रा पर थीं। इस दौरे में पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रबानी खार के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए श्रीमती लिंटन ने नसीहत देते हुए कहा था- 'यह उस पुरानी कहानी की तरह है कि आप अपने आंगन में सांप रखकर यह उमीद नहीं कर सकते कि वह केवल आपके पड़ोसियों को काटेगा। अंतत: वह सांप उसे आंगन में रखने वालों को भी काटेंगे।पिछले साल दिसंबर मध्य के सर्द दिनों में जब बर्फ जमी हुई थी तब इसी बात का हवाला देते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी कहा था कि 'दुनिया पाकिस्तान को आतंकवाद के केंद्र के रूप में देखती है।
टेररिज्म अप्रोच चैलेंज एंड वे फॉरवर्ड के बाद पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर में यह बात इसलिए कहनी पड़ी थी यों कि पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रबानी खार ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्ताननी दुष्प्रचार के अपने एजेंडा के तहत भारत पर प्रतिकूल टिप्पणी की थी। बहरहाल पाकिस्तान हितकारक नसीहतों को मानता कहां हैं? इसके परिणाम भी गंभीर हो चले हैं। आर्थिक रूप से दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान में आतंकवाद का सांप अब उसे ही डसने लगा है जिसे उसने अपने आंगन में पाला है। पाकिस्तान में तालिबान खैबर पतूनवा प्रांत के स्वोत जिले के कबाल पुलिस थाना परिसर में स्थित काउंटर-टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) के परिसर में सोमवार रात 8.20 बजे विस्फोट हो गया। इस हमले में करीब 17 लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन नागरिक और शेष पुलिसकर्मी थे। जबकि विस्फोट और इमारत के मलबे में दबने 70 अन्य घायल हुए हैं। इनमें से 10 की हालत गंभीर है।
इस विस्फोट के कुछ घंटे पहले ही, सीटीडी ने लकी मरवत क्षेत्र में एक अभियान चलाया था, जिसमें तीन तालिबानी आतंकवादी ढेर हुए थे। माना जा रहा है कि इसी के जवाब में तहरीके तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने आतंकवादरोधी विभाग के कार्यालय पर हमला किया। विस्फोट से पुलिस स्टेशन की छत, सीटीडी कार्यालय और थाने के अंदर बनी मस्जिद हिल गई। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, विस्फोट के कारण छत गिरने से 20 पुलिसकर्मी दब गए। हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी इसे फिदायीन हमला करार दिया था, हालांकि बाद में इस बयान को बदलते हुए कहा गया कि विस्फोट यों हुआ इसके कारणों की जांच की जा रही है। डीआईजी मलकंद नासिर महमूद सती ने देर रात पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह घटना आतंकवादी गतिविधि या आत्मघाती विस्फोट का परिणाम नहीं थी, बल्कि प्रारंभिक जांच के अनुसार यह लापरवाही का संकेत है।
उन्होंने बताया कि पुलिस थाना परिसर में आतंकवादरोधी विभाग के एक पुराने कार्यालय के अंदर हथियारों के भंडारण क्षेत्र में विस्फोट हुआ। पाकिस्तान की यह बड़ी समस्या या कहें मजबूरी है कि वह आतंकवादियों को आतंकवादी नहीं कह सकता। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) एक इस्लामिक संगठन है जो पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करने की मांग करता है। इसके लिए यह संगठन लगातार आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देता रहता है। पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तानी तालिबानों की आंतकी गतिविधियों की घटनाओं काफी बढ़ोतरी में हुई है। कबालयी क्षेत्र, खैबर पतूनवा और बलूचिस्तान में टीटीपी सबसे ज्यादा सक्रिय है। हालांकि सिंध प्रांत के प्रमुख शहर कराची तक में इसके आतंकवादी फिदायीन हमला कर चुके हैं। पुलिस थानों पर हमला करके पुलिस को निशाना बनाने की रणनीति अपना कर टीटीपी जनता के बीच अपनी गहरी पैठ बना रहा है। टीटीपी ने सेना और पुलिस की नाक में दम कर रखा है। इसके हमले पुलिस और सेना पर होते रहे हैं। तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के आतंकवादी समूह वर्ष 2021 में पश्चिमी ताकतों के अफगानिस्तान से बाहर निकलने के बाद अफगान तालिबान की 'जीत से उत्साहित हैं। उनका अगला लक्ष्य पाकिस्तान को एक ऐसे इस्लामिक राज्यी में बदलना है, जहां शरिया संविधान से ऊपर होगा। इसके बावजूद पाकिस्तान की सरकार और राजनीतिक दलों के नेता श्रीमती हिलेरी लिंटन की उस सीख को अब तक मानने तैयार नहीं हैं।
(लेखक पत्रकार एवं पाकिस्तानी मामलों के विशेषज्ञ हैं)