नई दिल्ली। गूगल ने ऐसे सैकड़ों संदिग्ध ऐप्स को अपने प्ले स्टोर से हटा दिया जो लोगों की जासूसी कर उन्हें अपना शिकार बनाते थे। इस तरह के ऐप्स को क्रीपवेयर कहा जाता है। कई लाख बार डाउनलोड किए जा चुके इन ऐप्स को हैकर्स ऑपरेट करते थे। एक रिपोर्ट की मानें तो गूगल ने ऐसे 813 ऐप्स को बैन कर दिया है।
क्रीपवेयर ऐप्स वह होते हैं जिनके इस्तेमाल हैकर्स किसी व्यक्ति की जासूसी करने, धमकी देने या धोखाधड़ी करने के लिए करते हैं। इनके जरिए हैकर्स आपकी ऑनलाइन ऐक्टिविटी ट्रैक करते हैं और आपके पासवर्ड तक चुरा लेते हैं। इसके बाद इस जानकारी का गलत इस्तेमाल करते हैं।
जैसे ही कोई व्यक्ति इस तरह के ऐप को डाउनलोड करता है, हैकर्स को उनके फोन की फाइल्स, मैसेजेस और कैमरे आदि का ऐक्सेस मिल जाता है। साइबर सिक्योरिटी फॉर्म नॉर्टन के मुताबिक, 'क्रीपवेयर के जरिए हैकर्स दूर बैठकर ही आपके कंप्यूटर या मोबाइल डिवाइस पर कंट्रोल हासिल कर लेते हैं।' ये आपके डिवाइस के कैमरे और माइक्रोफोन के जरिए आपको देख और सुन पाते हैं।
शोधकर्ताओं ने ऐसे 1095 ऐप्स का पता लगाया था, जिन्हें साल 2017 से 2019 के बीच 10 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड्स किया जा चुका था। इस लिंक पर क्लिक करके आप उन सभी ऐप्स की लिस्ट देख सकते हैं।