आज है विजया एकादशी: इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, श्री हरि की बरसेगी कृपा
इस तिथि का प्रारंभ कल यानी 23 फरवरी को दोपहर 1 बजकर 55 मिनट से शुरू हो गया है। समापन आज यानी 24 फरवरी को दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर होगा।;
Vijaya Ekadashi 2025: सनातन धर्म में एकादशी का व्रत बेहत महत्वपूर्ण होता है। साल में 24 एकादशी आती है यानी 1 महीने में दो बार एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस फाल्गुन मास में पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं, जिसमें भगवान विष्णु की उपासना की जाती है। आज यानी 24 फरवरी 2025 सोमवार को विजया एकादशी मनाई जा रही है।
विजया एकादशी का शुभ मुहूर्त?
फाल्गुन मास की पहली एकादशी यानी कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी का कहा जाता है। इस तिथि का प्रारंभ कल यानी 23 फरवरी की दोपहर 1 बजकर 55 मिनट से शुरू हो गया है। समापन आज यानी 24 फरवरी को दोपहर 1 बजकर 44 मिनट पर होगा। इस प्रकार उदयातिथि के अनुसार एकादशी 24 फरवरी को मनाई जाएगी। 25 फरवरी यानी कल सुबह 6 बजकर 50 मिनट से लेकर 9 बजकर 08 मिनट तक व्रत का पारण किया जाएगा।
विजया एकादशी की पूजन विधि
- विजया एकादशी के दिन भोर में उठकर स्नान ध्यान कर लें।
- इसके बाद पीले चंदन/पीले फूल/लौंग सुपारी आदि से पूजन करें।
- धूप - दीप जलाकर एकादशी की कथा सुने और मन में व्रत का प्रण लें।
- मन में श्री हरि से अपनी मनोकामना भी माँग सकते हैं।
- कथा पूरी होने पर विष्णु भगवान की आरती करें और प्रसाद सभी में वितरित कर दें।
विजया एकादशी की कथा
शास्त्रों की मानें तो त्रेता युग में भगवान श्रीराम ने समुद्र देवता से लंका जाने के लिए मार्ग मांगा था। जब उन्होंने मार्ग नहीं दिया तो भगवान ने वकदालभ्य मुनि की आज्ञा इस विजया एकादशी के व्रत को किया था। जिसके फलस्वरूप समुद्र ने भगवान राम और उनकी सेना को लंका जाने का मार्ग दिया। जब से ही इस व्रत को विजया एकादशी के नाम से जाना जाने लगा।