Gyanesh Kumar New CEC: एक बेटी डीएम, दूसरी IRS अधिकारी, दोनों दामाद IAS…जानिए आगरा के ज्ञानेश कुमार के बारे में

नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बैच 1988 के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। ज्ञानेश कुमार एक शिक्षित परिवार से आते हैं।;

Update: 2025-02-18 03:50 GMT

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव का कार्यकाल आज यानी 18 फरवरी को खत्म होने जा रहा है। उनका स्थान आगरा में जन्में ज्ञानेश कुमार गुप्ता लेने जा रहे हैं। नए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार बैच 1988 के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। ज्ञानेश कुमार एक शिक्षित परिवार से आते हैं, जहां उनके माता- पिता से लेकर बेटी- दामाद तक सभी अधिकारी हैं। कहा जाता है उनके परिवार के 28 सदस्य चिकित्सक हैं।  आइए जानते हैं कौन है ज्ञानेश कुमार जो बनने जा रहे हैं मुख्य चुनाव आयुक्त…

कहां से हुई शिक्षा?

इनके पिता डॉ. सुबोध कुमार गुप्ता मुख्य चिकित्सा अधिकारी रहें हैं और मां सत्यवती गुप्ता योग सिखाती हैं। पिता के सरकारी नौकरी में होने के कारण इनकी प्रारंभिक शिक्षा गोरखपुर, लखनऊ और कानपुर से हुई। 12वीं कक्षा में उन्होंने लखनऊ के काल्विन तालुकेदार कॉलेज में टॉप किया था। उसके बाद आईआईटी कानपुर से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पोस्ट ग्रेजुएशन किया।

ज्ञानेश कुमार का अब तक का करियर

साल 1988 में उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा पास की और केरल कैडर के आईएएस अधिकारी बने। सबसे पहली पोस्टिंग उन्हें तिरुवनंतपुरम में बतौर जिलाधिकारी मिली। 2007 -2012 वो संयुक्त रक्षा सचिव रहे। 2014 में वे केरल सरकार के दिल्ली में रेजिडेंट कमिशनर भी थे। उन्होंने संसदीय कार्य मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्य किया।

बेटी और दामाद भी अधिकारी

ज्ञानेश कुमार की विवाह अनुराधा कुमार से हुआ। उनके दो बेटी और एक बेटा है। एक बेटी अभिश्री आईआरएस अधिकारी हैं और उनके पति अक्षय लाबरू आईएएस हैं। तो दूसरी बेटी मेधा रूपम और उनके पति मनीष बंसल दोनों ही यूपी कैडर 2014 के आईएएस अधिकारी हैं। बेटा अर्णव पढ़ाई करता है। ज्ञानेश के भाई मनीष कुमार आईआरएस अधिकारी हैं और बहन रोली इंदौर में विद्यालय चलाती हैं, उनके पति उपेंद्र जैन आईपीएस हैं।

ज्ञानेश कुमार के प्रमुख कार्य

  • श्रीराम मंदिर तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट में प्रतिनिधि रहें।
  • बाल स्वरूप के भगवान श्रीराम की मूर्ति चयन के निर्णायक मंडल के सदस्य।
  • रक्षा मंत्रालय में रहते हुए इस्लामिक स्टेट की हिंसक गतिविधियों के बीच उन्होंने 183 भारतीयों को इराक से निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका।
  • जम्मू - कश्मीर पुनर्गठन विधेयक तैयार करने में भूमिका।
Tags:    

Similar News