बारिश के मौसम में बढ़ा 'आई फ्लू' का खतरा, ये हैं लक्षण और बचाव के उपाय

—उत्कर्ष गर्ग की रिपोर्ट

Update: 2023-07-21 17:08 GMT

खेरागढ़। क्षेत्र में आई फ्लू के केस लगातार बढ़ रहे हैं। आई फ्लू से पीड़ित व्यक्ति को आंखों में दर्द, लालपन जैसी कई परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। आइए जानते हैं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खेरागढ़ के अधीक्षक डॉ सुधांशु यादव से कि आई फ्लू क्या है, लक्षण, फैलने के कारण और बचाव के उपाय क्या हैं?

आई फ्लू क्या है?

आई फ्लू एक नेत्र रोग है जिसे वायरल कंजक्टिविटीज़या पिंक आई के रूप में भी जाना जाता है। यह एक आँखों का संक्रमण है, जिसका सामना हम अपने जीवन में कभी न कभी करते हैं। यह संक्रमण आँखों में जलन पैदा करता है और ऐसी स्थिति पैदा करता है कि व्यक्ति की आँखों में दर्द होता है। आई फ्लू के दौरान आंखों के सफेद हिस्से में संक्रमण हो जाता है।बरसात में फंगल इन्फेक्शन समेत हवा में प्रदूषण, वातावरण में नमी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। जिसकी वजह से कई बार लोगों को आंखों से जुड़ी परेशानियां होने लगती हैं।

आई फ्लू के लक्षण


-आंखों का लाल होना

-आंखों में सफेद रंग का कीचड़ दिखाई देना

-आंखों से पानी बहना

-आंखों में सूजन

- आंखों में दर्द

- आंखों में खुजली

- धुंधली दृष्टि हो जाना

- पलकों का चिपकना

- आँख रेत की तरह किरकिरी होना और दर्द होना

- सूरज की रोशनी या तेज रोशनी के प्रति असंवेदनशीलता, जिसे फोटोफोबिया भी कहा जाता है।


आई फ्लू फैलने का कारण-

- बारिश के गंदे पानी में नहाने या फिर लंबे समय तक पसीने में काम करने से आंखों में संक्रमण की समस्या हो जाती है।

- आई फ्लू से पीड़ित लोगों के साथ हाथ मिलाने और गंदे हाथों से आंखों को छूने से भी आंखों में संक्रमण हो सकता है।

- आई फ्लू से पीड़ित व्यक्ति के कपड़े, चश्मे, तौलिया आदि वस्तुएं उपयोग करते हैं तो भी आई फ्लू होने की आशंका बनी रहती है।

- अगर कोई संक्रमित आँखों को छूता है, तो उंगलियां संक्रमित हो जाती हैं और अगर ये उंगलियां किसी अन्य व्यक्ति की आँखों के संपर्क में आती हैं, तो वह भी संक्रमित हो सकता है।

- स्वीमिंग पूल में तैरने से भी कोई प्रभावित हो सकता है।

- यह एक भ्रम है कि संक्रमित व्यक्ति की आँखों में देखने से भी वायरस फैलता है लेकिन ये सही नहीं है।

-यह वायरस अत्यधिक संक्रामक है, इसलिए यदि आपके आस-पास कोई व्यक्ति संक्रमित है, तो आपके संक्रमित होने की ज़्यादा संभावना होती है। इसलिए संक्रमण से बचने के लिए उचित देखभाल करें।

आई फ्लू से बचने के उपाय-

- पीड़ित व्यक्ति काला चश्मा पहनकर रखे

- टीवी या मोबाइल देखने से बचें

- आंखों को बार-बार छूने से बचें

-आंखों को छूने के बाद साबुन से हाथ जरूर धोएं या हैंड सैनिटाइजर अवश्य करें

-स्विमिंग पूल में चश्मे का उपयोग करें और संक्रमण होने पर तैराकी ना करें

-आई इन्फेक्शन से बचने के लिए बारिश में भीगने से बचें।

- अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करें

आई फ्लू होने पर क्या करें-

- आंखों को गुनगुने/ताजा पानी से साफ करें।

- आंखों को साफ करने के लिए किसी साफ और सूती कपड़े का प्रयोग करें

- आखों को रगड़े नहीं

- संक्रमित आखों से हाथ लगाने के साबुन से हाथ अवश्य धोएं या सैनिटाइजर का उपयोग अवश्य करें

- जब तक डॉक्टर यह न कहे कि कॉन्टेक्ट लेंस पहनना ठीक है, तब तक कॉन्टैक्ट लेंस पहनना बंद कर दें।

-आई फ्लू के लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

वर्जन

प्रतिदिन 20 से 25 आई फ्लू के मरीज आ रहे हैं जिनमें से 50 प्रतिशत बच्चें हैं और शेष वयस्क व्यक्ति। बच्चों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है और बच्चों से वयस्कों में। सीएचसी पर आने वाले मरीजों को दवाई दे जा रही है और संक्रमण से बचाव के उपाय भी बताए जा रहे।

—डॉ. सुधांशु यादव, अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, खेरागढ़। 

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