पर्यटन जगत को मिली राहत, 21 सितम्बर से खुलेंगे ताजमहल और आगरा किला
-17 मार्च से बंद ताजमहल और किला को खोलने के आदेश जारी
आगरा। 174 दिनों के बाद सोमवार को पर्यटन जगत को राहत मिली है। कोरोना वायरस महामारी के कारण 17 मार्च से बंद ताज महल और आगरा किला के दरवाजे अब पर्यटकों के लिए खोले जाने के आदेश जारी हो गए हैं। 21 सितंबर से विश्व प्रसिद्ध दोनों स्मारक पर्यटकों के लिए खोल दिए जाएंगे।
सोमवार को जिलाधिकारी पीएन सिंह ने ट्वीट के माध्यम से ये जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस सम्बंध में पर्यटन व्यवसायियों को भी सूचित कर दिया है। इसके अलावा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अपनी वेबसाइट पर भी यह जानकारी दी है। ताजमहल में एक दिन में 5 हजार और आगरा किला में एक दिन में अधिकतम 2500 पर्यटकों को प्रवेश मिल सकेगा। इससे पूर्व शहर के अन्य छह स्मारक 1 सितम्बर को पर्यटकों के लिए खोल दिए गए थे। छह माह से अधिक की बन्दी का यह रिकॉर्ड बन गया है। ताजमहल और आगरा किला के खुलने से टूरिज्म इंडस्ट्री को बडी राहत मिलेगी। इससे आगरा की होटल इंडस्ट्री, गाइड और फोटोग्राफरों को कोरोना के संकट से ठप हुए कारोबार को फायदा होगा। 21 सितंबर से ताजमहल व लालकिला में सीमित पर्यटकों को ही प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए एसओपी भी जारी की गई हैं। ताजमहल के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी, तापमान होने पर ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
सांसद प्रो. बघेल ने कहा ताज के रात्रि दर्शन का भी करेंगे प्रयास
सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल ने रविवार को कहा था कि जब बाजार में भीड़ हो रही है और यातायात के संसाधन चल रहे हैं, तो ताजमहल खोलने में कहां मुश्किल है। वे ताजमहल को दिन ही नहीं रात में भी खुलवाने का प्रयास करेंगे। उनका कहना था कि पूरे देश में कोविड-19 ने किसी शहर को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है तो वह आगरा है। पर्यटन पूरी तरह ठप्प है। एनजीटी, ताज ट्रिपेजियम जोन आदि से भी बहुत कार्य प्रभावित हैं।
ताजमहल बंद होने का बना रिकाॅर्ड
कोरोना संक्रमण काल में ताजमहल पूरे छह माह से अधिक समय तक बंद रहा है। इतने ज्यादा समय तक ताजमहल के बंद होने का यह अपने आप में पहला रिकाॅर्ड है। इससे पहले 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान ताजमहल को पूरी तरह पेड़ों की टहनियों से ढक दिया गया था। युद्ध चार से 16 दिसंबर तक चला था, लेकिन उसकी सफाई में दो दिन और लगने से यह पर्यटकों के लिए चार से 18 दिसंबर तक बंद रहा था। सितंबर, 1978 में यमुना में बाढ़ आई थी। पर्यटक ताज से यमुना में पानी देखने पहुंचते थे। सुरक्षा की दृष्टि से तब सात दिन तक पर्यटकों के लिए बंद रहा था।