तटबंधों को लगातार तोड़ रही है यमुना, 3 लोग बहे
90 से अधिक गांव प्रभावित, 800 बीघा फसलें जलमग्न मेहताब बाग में ताज व्यू प्वाइंट बंद
आगरा। यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। ताजमहल की दीवारों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। मेहताब बाग में ताज व्यू प्वाइंट को बंद कर दिया गया है। इस बीच, मंगलवार को बटेश्वर घाट पर आए यमुना के सैलाब में 3 लोग बह गए।
बटेश्वर घाट का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें यमुना नदी में बहे तीन लोगों ने एक झोपड़ी का सहारा लिया। झोपड़ी नदी के तेज बहाव में बही जा रही है। जबकि ये तीनों लोग उसके ऊपर खड़े हैं। काफी दूर बहने के बाद घाट किनारे तैनात तैराकों ने स्ट्रीमर से जाकर तीनों को रेस्क्यू किया। यमुना खतरे के निशान मिड फ्लड लेवल 499 फीट से 10 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। खतरे के निशान से चार फीट ऊपर बह रही यमुना ने मीडियम फ्लड लेवल 499 फीट भी पार कर लिया है। 90 से अधिक गांव प्रभावित है तो 800 बीघा फसलें जलमग्न हो गई है। फतेहाबाद क्षेत्र के कई गांव का संपर्क मार्ग टूट गया है। तनोरा और सुरेरा के बीच में टापू बन जाने से छह लोग फंस गए, जिन्हें एनडीआरएफ ने रेस्क्यू कर निकाला है।
वहीं सोमवार को कैलाश गांव के पास का तटबंध टूटने से 13 साल बाद शहर में भी पानी आ गया। कैलाश मंदिर समेत कई मंदिरों में पानी भर गया। कैलाश गांव में पानी भर जाने से बलदेव की ओर के 6 गांवों का संपर्क शहरी क्षेत्र से कट गया है।
लोहिया नगर, तनिष्क राजश्री और दयालबाग की कॉलोनियों में पानी भर गया। शहर में यमुना किनारे बने 5 सीवेज पंपिंग स्टेशन एहतियातन बंद कर दिए गए हैं। यमुना में गिर रहे भैंरो नाला, मंटोला नाला समेत छोटे-बड़े नालों का बहाव उल्टा हो गया है। वहीं टोरेंट ने घाट के पास ट्रांसफॉर्मर के पानी में डूब जाने पर विद्युत आपूर्ति रोक दी है। उधर, ताजमहल तक यमुना का पानी पहुंच गया है। आगरा व्यू प्वाइंट और मेहताब बाग को बंद कर दिया है।
30 परिवारों को सुरक्षित जगह भेजा
कैलाश गांव में रहने वाले संतोष गिरि ने बताया कि वर्ष 1978 में बाढ़ आई थी। 2010 में भी गांव में पानी आया था, लेकिन इस बार लगातार पानी बढ़ रहा है। दहशत के माहौल में लोगों को छतों पर रात गुजारनी पड़ी है। गांव में करीब 5 फीट तक पानी भर गया है। सोमवार से पानी बढ़ना शुरू हुआ, जो कि मंगलवार तक जारी रहा। ऐसे में प्रशासन ने एहतियातन गांव में यमुना किनारे पर रहने वाले करीब 30 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा। जिन लोगों के घर दो मंजिला थे, उन्होंने अपने घर का सामान दूसरी मंजिल पर पहुंचाया। इसके बाद रात को सभी लोग छत पर सोए।
4 बाढ़ राहत चौकी बनाई
प्रशासन ने बाढ़ को देखते हुए चार बाढ़ राहत चौकी बनाई हैं। दयालबाग में वीरी सिंह इंटर कॉलेज में बाढ़ राहत केंद्र बनाया गया है। इसके अलावा बल्केश्वर में भी केंद्र बनाया गया है। लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए शहरी क्षेत्र के 28 इलाकों को चिह्नित किया गया है।