लखनऊ। पड़ोसी देश नेपाल से आयात-निर्यात फिर से बढ़ गया है। लॉकडाउन के बीच आयात दो फीसदी और निर्यात 10 तक आ गया था। अब 70 फीसदी बढ़त लॉकडाउन के बाद देखी गई है। पिछले कुछ दिनों से सीमा के इस पार और उस पार आनेजाने वाले ट्रकों की कतारें पहले जैसी लगने लगी हैं। नेपाल और भारत का रिश्ता सुबह की चाय से लेकर दवाओं तक का है। अपने देश से सब्जियां, दाल, चावल रोज नेपाल बिक्री के लिए जाते हैं। दूसरी तरफ नेपाल से औषधियां यहां आती हैं।
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सीमा से सटे चार बड़े स्थान हैं जहां से आयात-निर्यात हो रहा है। इनमें बढ़नी, गौरीफंटा, सुनौली, रूपईडीहा के रास्ते वाहन एक से दूसरे देश की सीमाओं में प्रवेश करते हैं। लॉकडाउन के दौरान सुनौली बॉर्डर पर ट्रकों की संख्या 100 तक आ गई थी जो कि पहले 450 तक रहती थी। इसी तरह रूपइडीहा-नेपालगंज बॉर्डर पर ट्रकों की संख्या 250 से 60-70 तक आ गई थी। अब वापस इनकी संख्या पहले जैसी हो गई है। बॉर्डर पर एसएसबी और राजस्व के लिए कस्टम के अधिकारी तैनात रहते हैं।
उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के कस्टम कमिश्नर वीपी शुक्ला ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में दोनों देशों के बीच व्यापार सामान्य हो गया है। यह धीरे धीरे और बढ़ रहा है। कस्टम के अधिकारी कर्मचारी सीमा क्षेत्र पर सक्रिय हैं और नजर रखे हैं कि कहीं कोई तस्करी न होने पाए।
भारत-नेपाल के बीच अटूट रिश्ता है। कस्टम अधिकारी बताते हैं कि यहां से पेट्रोल, डीजल, गैस से लेकर सब्जियां, दाल, चायपत्ती, सब्जी, चमड़े के उत्पाद रोजाना नेपाल जाते हैं। इसी तरह वहां से जड़ी बूटियां, मसाले, पेंट उद्योग में इस्तेमाल होने वाला रोजीन अपने देश आता है। सुनौली बॉर्डर से नूडल्स, पशुचारा भारत के लिए आता है। बिना एक दूसरे की मदद के किसी का काम नहीं चलने वाला।
नेपाल से रिश्तों को लेकर चल रहीं खबरों के बीच हालात पूरी तरह सामान्य हैं। व्यापार पर भी कोई असर नहीं दिख रहा। जैसे जैसे दोनों देशों में उद्योग फिर से चालू होते जा रहे हैं, आयात-निर्यात भी रफ्तार पकड़ता जा रहा है।