मायावती ने लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन से किया किनारा, भतीजे आकाश को दिया आशीर्वाद

मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन करके बसपा को लाभ के बजाए नुकसान ज्यादा उठाना पड़ा है। क्योंकि हमारी पार्टी का वोट स्पष्ट तौर पर गठबंधन वाली दूसरी पार्टी को ट्रांसफर हो जाता है

Update: 2023-08-23 11:16 GMT

लखनऊ।  बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा चुनाव-2024 की तैयारियों को लेकर बुधवार को पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों के साथ बैठक की। मायावती ने कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों से कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव पार्टी अपने ईमानदार कार्यकर्ताओं के बल पर अकेले लड़ेगी। इसलिए पूरे तन-मन से इस चुनाव में अभी से जुट जाएं। चुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार के चयन पर भी खास सावधानी बरतनी होगी। क्योंकि राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के विधानसभा चुनाव के ठीक बाद लोकसभा चुनाव की घोषणा होगी।

मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गठबंधन करके बसपा को लाभ के बजाए नुकसान ज्यादा उठाना पड़ा है। क्योंकि हमारी पार्टी का वोट स्पष्ट तौर पर गठबंधन वाली दूसरी पार्टी को ट्रांसफर हो जाता है जबकि दूसरी पार्टियां अपना वोट हमारे उम्मीदवार को ट्रांसफर कराने की न सही नीयत रखती हैं और न ही क्षमता। इससे पार्टी के लोगों का मनोबल प्रभावित होता है।


उन्होंने कहा कि जहां तक चुनावी माहौल का सवाल है तो इस संबंध में हर तरफ से फीडबैक यही है कि भाजपा की साम्प्रदायिक राजनीति तथा द्वेषपूर्ण कार्यकलापों ने सभी का जीवन दुखी और त्रस्त कर रखा है। इसकी वजह से भाजपा अपना प्रभाव ही नहीं बल्कि अपना जनाधार भी खो रही है। यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहने वाली है, जिससे लोकसभा चुनाव खासकर उत्तर प्रदेश में एकतरफा न होकर काफी दिलचस्प एवं देश की राजनीति को नया करवट बदलने वाला साबित होगा।

 कथनी-करनी में जमीन असमान का अंतर 

मायावती ने कहा कि कांग्रेस की तरह ही भाजपा की कथनी-करनी में जमीन असमान का अंतर है। आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया हो जाने के कारण गरीब एवं मेहनतकश लोगों के लिए परिवार का उचित पालन-पोषण करना भी असंभव हो गया है। इस सबका चुनाव पर प्रभाव पड़ने से कोई इनकार नहीं कर सकता है। कुल मिलाकर सत्तापक्ष और विपक्षी पार्टियों का गठबंधन केंद्र की सत्ता में आने के अपने-अपने दावे कर रहे हैं, जबकि जनता से किए गए इनके वादे खोखले ही साबित हुए हैं।उन्होंने कहा कि दोनों की नीतियों व कार्यशैली से देश के गरीब, मजदूरों दलित, पिछड़ों और धार्मिक अल्संख्यक समाज के लोगों का हित, कल्याण और इन्हें आपस में तोड़कर इनका अहित ज्यादा किया है। बसपा समाज को जोड़कर आगे बढ़ने का प्रयास करती है, जबकि वे लोग इन्हें तोड़कर कमजोर करने की संकीर्ण राजनीति में ही ज्यादातार व्यस्त रहते हैं। इसलिए इनसे दूरी बेहतर है।

भतीजे आकाश को दिया आशीर्वाद - 

बसपा प्रमुख ने प्रदेश पार्टी संगठन में कुछ जरूरी फेरबदल की बात कही। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश महत्वपूर्ण राज्य है। यहां के राजनीतिक हालात लगातार बदलते रहते हैं। इसके मदृेनजर अच्छा चुनावी रिजल्ट पाने की नीयत से पार्टी संगठन में लगातार कुछ न कुछ फेरबदल करने की जरूरत पड़ती है। इसलिए जिसे जो जिम्मेदारी दी जाती है वह उसे कम न आंके बल्कि पार्टी हित को सर्वोपरि मानकर पूरी ईमानदारी एवं निष्ठा से अपनी जिम्मेदारी को निभाते रहें।इस दौरान पार्टी कार्यालय में सतीश चन्द्र मिश्रा एवं उनके भतीजे आकाश आनंद के अलावा पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे। मायावती ने भतीजे आकाश आनंद के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद भी दिया।

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