झांसी हादसा: नवजातों की मौत पर सियासी घमासान, हमलावर हुआ विपक्ष, प्रशासन ने पूछे तीखे सवाल…

Update: 2024-11-16 09:56 GMT

लखनऊ। झांसी मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात हुए अग्निकांड पर विपक्ष की सभी पार्टियां सत्तापक्ष पर हमलावर हैं। इस कड़ी में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि आग का कारण ‘ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर’ में आग लगना बताया जा रहा है।

ये सीधे-सीधे चिकत्सीय प्रबंधन एवं प्रशासन की लापरवाही का मामला है या फिर ख़राब क्वॉलिटी के आक्सीजन कॉन्संट्रेटर का। इस मामले में सभी ज़िम्मेदार लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई हो।

अखिलेश यादव ने कहा कि सबसे पहले उप्र भाजपा सरकार समस्त झुलसे बच्चों के लिए विश्वस्तरीय चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराए व जिन्होंने अपने बच्चों को खोया है, उन समस्त शोक संतप्त परिवारों को 1-1 करोड़ संवेदना राशि दे।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को, ‘सब ठीक होने के झूठे दावे’ छोड़कर स्वास्थ्य और चिकित्सा की बदहाली पर ध्यान देना चाहिए। जिन्होंने अपने बच्चे गंवाएं हैं, वो परिवारवाले ही इसका दुख-दर्द समझ सकते हैं। ये सरकारी ही नहीं, नैतिक ज़िम्मेदारी भी है।

आशा है चुनावी राजनीति करनेवाले पारिवारिक विपदा की इस घड़ी में इसकी सच्ची जाँच करवाएंगे और अपने तथाकथित स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग में ऊपर-से-नीचे तक आमूलचूल परिवर्तन करेंगे। रही बात उप्र के ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ की तो उनसे कुछ नहीं कहना है क्योंकि उन्हीं के कारण आज उप्र में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व्यवस्था की इतनी बदहाली हुई है।

संकीर्ण-साम्प्रदायिक राजनीति की निम्न स्तरीय टिप्पणियाँ करने में उलझे मंत्री जी को तो शायद ये भी याद नहीं होगा कि वो ‘स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री’ हैं। न तो उनके पास कोई शक्ति है न ही इच्छा शक्ति, बस उनके नाम की तख़्ती है।

सरकार पीड़ित परिवारों की हर प्रकार से मदद जरूर करे

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायाती ने भी झांसी की घटना पर दुःख प्रकट करते हुए इस दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

मायावती ने एक्स पर लिखा है कि झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कालेज में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत की अति-दुखद घटना से कोहराम एवं आक्रोश स्वाभाविक है। ऐसी घातक लापरवाही के लिए दोषियों को सख्त कानूनी सजा जरूर मिले। ऐसी घटनाओं की भरपाई असंभव है फिर भी सरकार पीड़ित परिवारों की हर प्रकार से मदद जरूर करे।

प्रशासन की लापरवाही और सरकार की अक्षमता का नतीजा

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने झांसी में आग लगने से 10 बच्चों की हुई मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इस घटना से पूरा प्रदेश स्तब्ध एवं आक्रोशित है। प्रशासन की लापरवाही से इस तरह के दर्दनाक हादसे हो रहे हैं जो सरकार की अक्षमता की ओर इशारा कर रहे है।

श्री राय ने कहा कि यह हादसा अस्पतालों में सुरक्षा के अर्प्याप्त उपाय और वहां व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करता है। झांसी मेडिकल कॉलेज में लगे अग्निशमन यंत्र एक्सपायर हो चुके थे और अर्प्याप्त भी थे। यही नहीं फायर अर्लाम भी काम नहीं कर रहा था और न ही कोई अस्पताल कर्मी इस तरह के हादसों से निपटने के लिए प्रशिक्षित था।

सरकार की संवेदनहीनता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस जगह 10 बच्चों की दर्दनाक मौत हुई थी वहीं 4 घंटे बाद उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक के स्वागत के लिए चूने का छिड़काव किया जा रहा था। नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत पर अफसोस जताने के बजाय प्रशासन के लोग प्रत्यक्षदर्शियों को सच बोलने से रोकने लिए धमका भी रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि पूरे देश में घूम घूम कर बटोगे तो कटोगे जैसे सांप्रदायिक नारे को देकर नफरत की आग भड़काने वाले योगी आदित्यनाथ दायित्वों से पूरी तरह विमुख हो चुके हैं। प्रशासन पर उनका नियंत्रण लगभग खत्म सा हो गया है और अधिकारी निरंकुश हो गये हैं। योगी यह सरकार पूरी तरह से असफल और नाकाम साबित हुई है।

जिन परिवारों के बच्चों को इस दर्दनाक हादसे ने छीन लिया, उन बच्चों को तो वापस नहीं लाया जा सकता परन्तु भविष्य में ऐसे हादसे को होने से रोककर एवं दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही कर कम से कम यह अक्षम सरकार मानवता की लाज रख सकती है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सभी पीड़ित परिवारों को पचास पचास लाख रूपये का मुआवजा और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य नरेन्द्र सिंह सेंगर के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग करती है।

सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था में खामियों को उजागर करती घटना

आम आदमी पार्टी के सांसद और प्रदेश प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में भर्ती बच्चों की भीषण आग लगने के कारण मौत होना बहुत ही दुःखद और पीड़ादायक है।

ईश्वर दिवंगत बच्चों की आत्मा को शांति, घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ एवं पीड़ित परिवार को इस अपार दु:ख की घड़ी से लड़ने में साहस प्रदान करें।

उन्होंने कहा कि यह घटना सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था में खामियों को उजागर करती है। 2023 में फायर एक्सटिंग्विशर एक्सपायर हो चुके थे और कई सिलेंडर 2019 से खराब पड़े थे। जब अस्पताल में नवजातों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए थे, तब सरकार ने केवल खानापूर्ति की।

यह घोर लापरवाही है। जिम्मेदार अधिकारियों को जल्द से जल्द जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। संजय सिंह ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं से स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति पर गंभीर सवाल उठते हैं और जनता को सुरक्षित चिकित्सा सेवा मिलनी चाहिए।

संजय सिंह ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए, कहा कि इस पूरे मामले की माननीय न्यायालय की कमिटी द्वारा जांच कराई जानी चाहिए , मृतक तथा घायल बच्चों के परिवार को उचित मुआवजा दे सरकार। 

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