अस्पतालों में होगी मौक ड्रिल, मुख्यमंत्री ने दिए स्वास्थ्य सेवा बेहतर करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने की माहमारी से निपटने की तैयारियों की समीक्षा
लखनऊ। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच उत्तर प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था की बेहतरी को लेकर काम तेज हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 03-04 जनवरी को सभी जिले में अस्पतालों में मॉक ड्रिल होगी। इसके माध्यम से डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ आदि की उपलब्धता, आइसोलेशन और आईसीयू बेड की स्थिति, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन प्लांट, पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू), जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता आदि की पड़ताल की जाएगी। मॉक ड्रिल के लिए सभी जिलों में चिकित्सा विभाग के नामित अधिकारी पहुंच चुके हैं। इस बीच मुख्यमंत्री योगी ने जेलों में कैदी और उनके संबंधियों से मुलाक़ात पर रोक लगाने और जरूरत के मुताबिक कंटेनमेंट ज़ोन निर्धारित करने के निर्देश दिए हैं।
शनिवार को उच्चस्तरीय टीम-09 के साथ कोरोना के हालात की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च 2020 में जब प्रदेश में पहला कोविड केस आया था तब हमारे पास न टेस्टिंग फैसिलिटी थी न ही उपचार की। आज हर जिले में आरटीपीसीर टेस्ट लैबोरेटरी एक्टिव हैं। हर जिले में ऑक्सीजन प्लांट हैं और आइसोलेशन, आईसीयू बेड्स भी पर्याप्त संख्या में हैं। 550 से अधिक ऑक्सीजन प्लांट्स हैं।
कोरोना के खिलाफ अब तक की लड़ाई में उत्तर प्रदेश के प्रयास को वैश्विक सराहना मिली है, आगे भी हम सभी के सहयोग से जीत हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में कोविड के 'ओमिक्रोन' वैरिएंट का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक वायरस कमजोर है। ऐसे में मास्क, सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत को समझना होगा। इसके साथ-साथ कोविड टीकाकरण एक मजबूत सुरक्षा कवर है, हर एक प्रदेशवासी जल्द से जल्द टीका लगवाए। रात्रि कर्फ्यू को सख्ती से लागू करने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कोरोना कर्फ्यू के नाम पर किसी के साथ दुर्व्यवहार न हो और न ही कहीं कोविड को लेकर अनावश्यक पैनिक, भ्रम, अफवाह का माहौल बने।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि पुलिस द्वारा लोगों को मास्क लगाने, भीड़ न लगाने तथा रात्रि 10 बजे के बाद घर जाने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके अलावा रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू के नाम पर किसी के भी साथ दुर्व्यवहार न किया जाए। इस बात पर भी ध्यान दिया जाए कि लोगों में अनावश्यक पैनिक न हो।