अतीक व अशरफ के हत्यारोपियों की 14 दिन की रिमांड बढ़ी, SIT करेगी पूछताछ
माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की बीती 15 अप्रैल को काल्विन अस्पताल में पुलिस हिरासत में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी
प्रयागराज/वेबडेस्क। प्रयागराज के सीजेएम कोर्ट में मंगलवार को माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट में हत्यारोपियों लवलेश तिवारी, अरुण मौर्या और सनी सिंह की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेशी में शामिल हुए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद तीनों आरोपियों की कस्टडी रिमांड 14 दिन और बढ़ा दी है। अब तीन जुलाई को इस मामले की सुनवाई होगी।
एसआईटी ने तीनों शूटरों की न्यायिक हिरासत 14 दिन और बढ़ाने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया। अब 3 जुलाई तक तीनों प्रतापगढ़ जेल में ही न्यायिक अभिरक्षा में रहेंगे। एसआईटी इससे पहले तीनों से प्रतापगढ़ जेल में पूछताछ कर चुकी है। बताया जाता है कि जून के अंतिम सप्ताह में चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी है। तत्पश्चात ट्रायल शुरू होगा और आरोप तय होंगे।
हत्या में कौन-कौन शामिल -
सवाल यह भी है कि तीनों की साजिश में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। बिना किसी प्लानिंग के अतीक और अशरफ की कैसे इन तीनों ने हत्या कर दी। शुरुआती बयान में सनी सिंह ने कहा था कि उन्हें किसी ने नहीं भेजा है और ना ही किसी के इशारे पर उन्होंने अतीक और अशरफ की हत्या की है। पुलिस सूत्रों की मानी जाय तो तीनों का बयान बरगलाने वाला है। कोई ना कोई बड़ा चेहरा इस हत्याकांड के पीछे है, जिसे बेनकाब करने के लिए एसआईटी अब फिर पूछताछ की तैयारी में है।
डॉन बनने के लिए हत्या की
उल्लेखनीय है कि माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की बीती 15 अप्रैल को काल्विन अस्पताल में पुलिस हिरासत में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्याकांड में इस्तेमाल असलहों की हुई फॉरेंसिक जांच और एफएसएल रिपोर्ट में सामने आया है कि हत्या जिगाना पिस्टल से की गई है। सनी को साजिश रचने का मुख्य आरोपी माना जा रहा है। क्योंकि सनी सिंह का बयान आया था कि उसने माफिया डॉन बनने के लिए हत्या की है। इसके पीछे और किसी का हाथ नहीं है।