औरैया: क्या हार के डर से बढ़ाई जा रहीं जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की तारीखें

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सत्ताधारी दल भाजपा का पंचायत चुनाव में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। यही वजह है कि औरैया समेत कई जनपदों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के जिला पंचायत सदस्य कम ही जीत कर आए हैं, जबकि विपक्षी दल सपा ने कई जनपदों में अच्छी बढ़त बनाई है।

Update: 2021-05-12 13:25 GMT

औरैया: कोरोना जैसी महामारी में जब आम जनता से पंचायत चुनाव करा लिया गया तो अब जिला पंचायत अध्यक्ष, क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव में क्यों देरी की जा रही है। इसको लेकर विपक्षी दलों में बेचैनी बढ़ गई है। विशेषकर सपा नेता सत्ताधारी दल भाजपा की खिलाफत करने में लगे हुए हैं।

उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सत्ताधारी दल भाजपा का पंचायत चुनाव में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। यही वजह है कि औरैया समेत कई जनपदों में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के जिला पंचायत सदस्य कम ही जीत कर आए हैं, जबकि विपक्षी दल सपा ने कई जनपदों में अच्छी बढ़त बनाई है।

पिछले कई दिनों से जिला पंचायत अध्यक्ष एवं क्षेत्र पंचायत प्रमुख चुनाव को लेकर चल रही हलचल पर उस समय विराम लग गया, जब सरकार की ओर से यह इशारा कर दिया गया कि अब चुनाव मई में नहीं अगले माह जून में कराने की तैयारी है। ऐसे में अब सपा ने भाजपा पर हमला करना शुरू कर दिया हैं। समाजवादी पार्टी के कई नेताओं ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव में देरी इसलिए की जा रही है, क्योंकि कई जनपदों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ेगा।

सपा जिलाध्यक्ष राजवीर यादव ने बताया कि सत्ताधारी दल षणयंत्र के तहत चुनाव की तारीखें बढ़ा रहा है। अगर समय से चुनाव हो जाएगा तो उसे हार का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा इस चुनाव में देरी यह संकेत दे रही है कि कहीं न कहीं सत्तारूढ़ भाजपा अपनी पावर का दुरुपयोग करते हुए विपक्षी निर्वाचित सदस्यों पर फर्जी तरीके से कार्रवाई करवाकर उन्हें अपने पाले में लाना चाहती है, ताकि वह जिले के प्रथम नागरिक की कुर्सी पर काबिज हो सके। भाजपा के यह मंसूबे संभव नहीं हो पाएंगे, क्योंकि जनता ने जिस विश्वास के साथ भाजपा को नकार कर सपा को जिताने का काम किया है वह कहीं न कहीं भाजपा को इस चुनाव में भी हराने का काम करेगा। पूर्व विधायक विनोद यादव उर्फ काका को भाजपा सरकार की मनसा सही नहीं लग रही है।

जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में बढ़ाए जा रहे समय को लेकर पूर्व मंत्री एवं पूर्व विधायक तथा सपा के वरिष्ठ नेता विनोद यादव कक्का का कहना है कि इन चुनावों में की जा रही देरी यह संकेत दे रही है कि भाजपा की सोच अच्छी नहीं है। कोरोना जैसी महामारी में आम जनता से पंचायत चुनाव करा लिए गए तो भला इन चुनावों में भीड़ न होने के बावजूद देरी की जा रही है। वह यही साबित कर रही है इस चुनावों में सत्ता दल को हार का सामना करना पड़ेगा। इसी वजह से वह पर्याप्त समय लेकर अपनी जोड़-तोड़ की राजनीति करके इन पदों पर अपने ही लोगों को बैठाना चाहती है।

सपा जिला उपाध्यक्ष अवधेश भदौरिया का कहना है कि भाजपा सरकार चुनावों को बढ़ाकर इस अवधि में सपा से जीते जिला पंचायत सदस्यों को डराने धमकाने का काम करेगी। यहां तक कि फर्जी मुकदमे में भी फसाने का भय दिखाया जाएगा, ताकि वह मजबूर होकर भाजपा को वोट कर सकें। इसके बावजूद सपा के कार्यकर्ता एवं नेता भाजपा के सामने घुटने टेकने वाले नहीं है और वह खुलकर मैदान में डटे रहेंगे।

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