उन्नाव में सोने की भविष्यवाणी करने वाले बाबा शोभन सरकार नहीं रहे

Update: 2020-05-13 04:51 GMT

कानपुर। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गांव डौंडियाखेडा में सोने के भंडार की भविष्यवाणी करने वाले बाबा शोभन सरकार का देहांत हो गया है। महंत स्वामी विरक्तानंद महाराज (शोभन सरकार) बुधवार सुबह ब्रह्मलीन हो गए। शोभन सरकार के निधन से भक्तों में शोक की लहर है। कानपुर और आसपास के जिलों से उनके भक्त शिवली स्थित आश्रम पहुंचने लगे हैं।

शोभन सरकार ने 2013 में उन्नाव जिले के प्रसिद्ध स्थल चंद्रिका देवी मंदिर के पास डौंडियाखेड़ा गांव में सोने का भंडार होने का सपना देखा था। फिर तत्कालीन केंद्र सरकार ने धर्म गुरु शोभन सरकार के कहने पर सरकार ने कई गड्ढों की खोदाई कर सोना निकालने का प्रयास किया था। सपने के आधार पर सोना होने की जांच में कुछ भी न मिलने से पुरातत्व विभाग की काफी किरकिरी हुई थी।

उन्नाव के डौंडियाखेड़ा में जिस चर्चित खुदाई की विश्व स्तर पर गहमागहमी रही एक आरटीआई के अनुसार सरकार ने उसपर खोदाई में 2.75 लाख रुपये खर्च किये थे। कई दिनों तक लगातार सोना खोजने निकली एएसआई की टीम को यहां से खुदाई में कुछ मिट्टी के बर्तन, कांच की कुछ टूटी चूड़ियां, पके हुए मिट्टी के मनके, लोहे की कई कीलें, तांबे के कुछ तार कम और पत्थर खंडित पशु आकृति मिली थी। हालांकि काफी खोजबीन के बाद भी सोना नही मिलने से सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी।

बता दें शोभन सरकार के सपने के आधार पर खजाने की खोज पर केंद्र व प्रदेश सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी। तत्कालीन विहिप के नेता अशोक सिंघल ने कहा था कि सिर्फ एक साधु के सपने के आधार पर खुदाई करना सही नहीं है। वहीं, खजाने के कई दावेदार भी सामने आ गए थे। रजा के वंशज ने भी उन्नाव में डेरा जमा दिया था। वहीं ग्रामीणों ने भी उस पर दावा किया था जिसके बाद तत्कालीन केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि खजाने पर सिर्फ देशवासियों का हक होगा। उधर तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने कहा था कि खजाने से निकली संपत्ति पर राज्‍य सरकार का हक होगा।

शोभन सरकार का वास्तविक नाम महंत विरक्ता नन्द था। इनका जन्म जन्म कानपुर देहात के शिवली में हुआ था। पिता का नाम पंडित कैलाशनाथ तिवारी था। कहते हैं कि शोभन सरकार को 11 साल की उम्र में वैराग्य प्राप्त हो गया था। शोभन सरकार ने गांव के लोगों के लिए कई तरह के जनहित के काम किए हैं। यही वजह है कि गांव वाले भी उन्हें अब भगवान की तरह मानने लगे हैं। कानपुर ही नहीं आसपास के कई जिलों तक में उनके भक्त हैं।

वर्ष 2004 में शोभन सरकार ने कानपुर और उन्नाव के बीच एक नया पुल बनाने की मांग की जा रही थी, लेकिन सरकार ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया। इसपर शोभन सरकार ने भक्तों के चढ़ावे से पुल बनाने का फैसला किया। हठी शोभन सरकार ने देखते ही देखते कई ट्रक बिल्डिंग मटीरियल खरीद लिया गया। जब यह बात शासन तक पहुंची तो सरकार ने पुल बनवाने की घोषणा की। बाद में शोभन सरकार ने पास ही स्थित प्रसिद्ध देवी स्थल चंद्रिकादेवी का उस राशि से जीर्णोद्धार कराया और वहां एक नया आश्रम भी स्थापित किया।

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