शादियों में फीका होगा जश्न, कोरोना ने रखी 'सात फेरों' की शर्त
सरकार ने साफ कर दिया है कि बढ़ते संक्रमण की वजह से बंद कमारों में होने वाली शादियों में पचास और खुले मैदान में आयोजित सात फेरों में सिर्फ 100 मेहमान शामिल होंगे।
भदोही: उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में शादी-ब्याह की खुशियों पर लगातार दूसरे साल कोरोना की नजर लग गईं है। सरकार ने साफ कर दिया है कि बढ़ते संक्रमण की वजह से बंद कमारों में होने वाली शादियों में पचास और खुले मैदान में आयोजित सात फेरों में सिर्फ 100 मेहमान शामिल होंगे। जिसकी वजह से शादी का मजा किरकिरा हो गया है। नवरात्रि के बाद मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।
पूर्वांचल और उत्तर प्रदेश में अप्रैल से लेकर जुलाई तक का महीना आम तौर पर मांगलिक सामारोह का होता है। पिछले साल भी कोरोना की वजह से शादियां प्रभावित हुई थी। इस साल भी कोरोना ने लोगों को संकट में डाल दिया है। चालू महीने में काफी संख्या में मांगलिक समारोह आयोजित हैं। 23 अप्रैल को भी विवाह की लग्न है।
कोरोना की वजह से घरों से लोगों का निकलाना मुश्किल हो रहा है जिसकी वजह से समस्या बढ़ गई है। कोरोना की वजह से लोग खरीदारी को बाजारों में नहीं निकल पा रहे हैं।पूर्वांचल में काफी संख्या में लोग मुंबई, सूरत और दिल्ली जैसे शहरों में रहते हैं।
गर्मियों में शादी ब्याह की शरुआत होती है तो सभी लोग घर वापस आते हैं, लेकिन दूसरी बार लगातार कोरोना की वजह से समस्या खड़ी हो गई है। लोगों को घर आने में भी दिक्कत हो रही है। जिन परिवारों में शादियां नजदीक है वह अपनी खरीदारी कैसे करेंगे यह समस्या पैदा हो गई है। क्योंकि शनिवार से सोमवार सुबह तक लॉकडाउन है।
रात का कर्फ्यू चल रहा है उस स्थिति में शादी विवाह के सामान खरीदने के लिए लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।पिछले सत्र में कोरोना का असर ग्रामीण इलाकों में नहीं था लेकिन इस साल कोरोना वायरस ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैल रहा है। जिन परिवारों में वायरल इनफेक्शन फैला है वह पूरा परिवार चपेट में आ जा रहा है।
ग्रामीण इलाकों में शादी की खुशियों पर ग्रहण लग गया है। मेहमानों के प्रतिबंध लगने की वजह से समारोह में लोगों को वह आनंद नहीं मिल पाएगा। नवरात्रि के समापन के बाद मांगलिक समारोहों की शुरुवात हो जाएगी। पूर्वांचल से जुड़े जो परिवार बाहर हैं उनका आगमन शुरू हो गया है। अप्रैल, मई और जून में मांगलिक समारोहों में तेजी आएगी।