प्रयागराज। कोरोना की दहशत में एक गंभीर हालत के मरीज को प्रयागराज में घंटों इलाज नहीं मिला। वह होलागढ़ सीएचसी के गेट पर तड़पता पड़ा रहा। काफी देर बाद करीब 35 किमी दूर मुख्यालय से पहुंची कोविड एंबुलेंस जब तक उसे एसआरएन लेकर आती, रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। परिजन शव लेकर घर लौट गए।
प्रतापगढ़ के बाघराय इलाका स्थित धनवासा गांव निवासी अंकित (19) पुत्र संतलाल कई दिनों से बीमार था। रविवार शाम करीब 4 बजे 108 एंबुलेंस से परिजन उसे लेकर सीएससी होलागढ़ पहुंचे। कोरोना से पीड़ित होने की आशंका पर वहां के स्वास्थ्यकर्मी व एंबुलेंस कर्मचारियों में दहशत का माहौल हो गया। एंबुलेंसकर्मी उसे छोड़कर चले गए। अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मी भी पीछे हट गए। वह अस्पताल के गेट पर ही पड़ा रहा। समय पर उसे इलाज नहीं मिला। काफी देर बाद मुख्यालय स्थित कोरोना कंट्रोल रूम में सूचना देकर एंबुलेंस बुलाई गई। सीएचसी से करीब 35 किलोमीटर दूर कोविड-19 एंबुलेंस उसे लेने गई। वहां से लेकर एसआरएन अस्पताल आते समय फाफामऊ के पास अंकित की मौत हो गई।
होलागढ़ सीएचसी प्रभारी डॉ. ऋतुराज के मुताबिक, वह दमा का मरीज था। कोविड 19 के नोडल अधिकारी डॉ. ऋषि सहाय ने बताया कि बिना जांच के नहीं बताया जा सकता कि वह कोरोना का मरीज था या नहीं। मौत होने के बाद परिजन शव लेकर लौट गए। सीएमओ डॉ. जीएस बाजपेई ने बताया कि वह कोरोना से नहीं किसी और बीमारी से पीड़ित था।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होलागढ़ में रविवार शाम पहुंचे बीमार युवक को कोरोना संक्रमित समझकर स्वास्थ्य कर्मचारी दूर चले गए। मरीज को लाने वाले एंबुलेंस कर्मचारी भी हट गए। यह देखकर मरीज को उसके घरवाले अस्पताल से बाहर लाए और जमीन पर लिटा दिया। बाद में जिला मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम में इसकी सूचना दी गई। कोराना एंबुलेंस से एसआरएन ले जाते समय उसकी मौत हो गई।