बलिया: गंगा किनारे फेल दिखी कोरोना गाइडलाइन
लोग आस्था व रिवाज की गंगा में डुबकी लगाते नजर आए। ऐसे में संक्रमण की चेन तोड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन हो सकता है। यहां सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात, भीड़ में कोई ऐसा नहीं दिखा जिसने मास्क पहन रखा हो।
बलिया: देश जहां कोरोना वायरस की दूसरी लहर से परेशान है, वही आस्था व रिवाज के नाम पर क्षेत्र के गंगा घाटों पर उमड़ी भीड़ ने कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां ही उड़ा दी। अहम पहलू यह है कि कोरोना संक्रमण से कोई अंजान नहीं है। हर रोज शासन-प्रशासन व समाज के जागरूक लोग कोरोना से बचाव से जुड़ी जानकारी दे रहे है। सामाजिक दूरी-मास्क जरूरी का संदेश दिया जा रहा है।
ऐसा भी नहीं की उमड़ी भीड़ इस खबर से बेखबर है। लेकिन, तमाम सूत्रों से जन-जन तक जनपद हो रही कोरोना संक्रमण से मौत की सूची से बेखबर ये लोग आस्था व रिवाज की गंगा में डुबकी लगाते नजर आए। ऐसे में संक्रमण की चेन तोड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन हो सकता है। यहां सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात, भीड़ में कोई ऐसा नहीं दिखा जिसने मास्क पहन रखा हो।
एनएच-31 बना भीड़ का बंधक
दूर-दराज से मुंडन संस्कार में आये लोगों के वाहन ने मझौवां से लेकर रामगढ़ तक के मार्ग पर जाम का झाम लगा रखा था। स्थानीय प्रशासन भी इससे बेखबर चैन की नींद सोता रहा। जरूरतमंदों का वाहन चींटी के माफिक रेंगते हुए किसी तरह अपनी मंजिल की तरफ प्रस्थान तो कर गई, परन्तु चिंतनीय पहलू यह है कि ऐसे जाम में यदि कोई रोगी वाहन फंस जाए तो क्या होता?
मौत का सफर कराते नाविक
ओहार संस्कार के अंतर्गत स्थानीय नाविक अधिक कमाई के चक्कर में नाव की क्षमता से अधिक सवारियों को बैठाकर पार कराते दिखे। क्षमता से अधिक जर्जर नाव में सवारियों का दृश्य देखकर किसी का भी मन सिहर उठता है।