कोरोना के बावजूद प्रदेश की वित्तीय स्थित मजबूत करने में जुटी योगी सरकार

कर्मचारियों का वेतन, पेंशनरों की पेंशन, विभिन्न सरकारी महकमों से आने वाले बिलों का भुगतान, करीब एक करोड़ से ऊपर विधवा, विकलांग, कुष्ठ रोगी और किसानों की दी जाने वाली पेंशन भी उनके खातें में समय से पहुंचे। इसके लिये प्रदेश भर में कोषागार निदेशालय के कर्मचारी फ्रंट वर्कर्स की तरह 24 घंटे काम में जुटे हैं।

Update: 2021-04-23 17:18 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सरकार जहां एक तरफ कोरोना महामारी से बचाव के लिये अथक प्रयासों में जुटी है। वहीं दूसरी ओर आर्थिक व्यवस्थाओं को भी सुदृढ़ करने पर उसका पूरा ध्यान है। सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनओं का लाभ जनता को समय से मिल सके। कर्मचारियों का वेतन, पेंशनरों की पेंशन, विभिन्न सरकारी महकमों से आने वाले बिलों का भुगतान, करीब एक करोड़ से ऊपर विधवा, विकलांग, कुष्ठ रोगी और किसानों की दी जाने वाली पेंशन भी उनके खातें में समय से पहुंचे। इसके लिये प्रदेश भर में कोषागार निदेशालय के कर्मचारी फ्रंट वर्कर्स की तरह 24 घंटे काम में जुटे हैं।

कोषागार विभाग की ओर से प्रदेश के विभिन्न सरकारी कार्यालयों में कार्यरत 14 लाख राज्यकर्मियों और 12 लाख पेंशनरों को समय से उनके खातों में वेतन व पेंशन का भुगतान करने का बड़ा काम किया जा रहा है। जिससे वर्तमान कोरोना महामारी के दौर में उनको उनकी मेहनत की राशि समय से मिल सके और उनको आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़ा। यही नहीं एक करोड़ से ऊपर विधवा पेंशनरों, विकलांग पेंशनरों, कुष्ठ रोगी व किसानों की पेंशन का भी समय से भुगतान कराया जा सके इसके लिये भी अधिकारी दिन रात जुटे हैं।


धन की कमी कहीं न आने पाए इसके लिये किया जा रहा हर संभव प्रयास

स्वास्थ्य कर्मी, पुलिसकर्मी व प्रशासन के समस्त अधिकारी जिस तरह से कोरोना से लड़ाई में जुटे हैं। उसी तरह से कोषागार के कर्मचारी भी 24 घंटे सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन व भुगतान में आगे आकर काम कर रहे हैं। प्रदेश भर में ट्रेजरी के कार्यालय वर्तमान की कठिन परिस्थितियों में भी खुले हुए हैं। विभाग का प्रयास है कि प्रदेश की आर्थिक व्यवस्था सुदृढ़ और मजबूत बनी रहे। जनता को सरकार की योजनाओं से मिलने वाली आर्थिक मदद में कोई देरी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। आवश्यकता पर जनता को सरकार की ओर से दिये जा रही आर्थिक सहायता मिल जाए जिससे वर्तमान परिस्थितियों में उनका जीवन चलाना आसान बना रहे।

ऑक्सीजन टैंकरों की ढ़ुलाई के लिये उत्तर रेलवे को किया 20 करोड़ का भुगतान

मुख्य कोषाधिकारी जवाहन भवन स्वतंत्र कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से कोरोना संक्रमितों को समय से ऑक्सीजन मिले। उसकी कमी को पूरा करने के लिये उत्तर रेलवे को 20 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। राहत आयुक्त् की ओर से ऑक्सीजन टैंकरों को विभिन्न शहरों में पहुंचाने के लिये रेलवे को 20 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं जिसका भुगतान कोषागार की ओर से तत्काल करा दिया गया है। उन्होंने बताया कि इसी तरह प्रदेश सरकार की प्राथमिकता वाली और जनता के लिये हितकारी योजनाओं का भुगतान कराने में कोषागार के समस्त अधिकारी जुटे हुए हैं। विभिन्न सरकारी विभागों की ओर से आने वाले बिलों का भुगतान करने में अधिकारी जुटे हैं।

सरकार ने बुजर्ग पेंशनरों को कोषागार या बैंक की दौड़ से बचाया

उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त हुए अधिकारियों और कर्मचारियों को वर्ष में एक बार जीवित प्रमाण पत्र देने के लिये बड़ी राहत दे चुकी है। कोरोना को देखते हुए सभी कोषागार में पेंशनधारियों को ऑनलाइन लाइफ सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने की सुविधा प्रदान की गई। जीवित होने का प्रमाण पत्र देने के लिए अब बुजुर्ग पेंशनरों को कोषागार या बैंक तक दौड़ नहीं लगानी पड़ रही है।

पिछले साल डाक विभाग के डाकियों ने घर-घर जाकर बुजुर्ग पेंशनरों का डिजिटली लाइफ सर्टिफिकेट जारी (जनरेट) करने का काम किया। इस सेवा का सिर्फ शुल्क भी बहुत न्यूनतम रखा गया। बुजुर्गों ने पेंशन, पेंशन भुगतान का ऑर्डर, बैंक खाता, मोबाइल व आधार नंबर आदि की जानकारी दी जिसके बाद उनका डिजिटली लाइफ सर्टिफिकेट जारी किया गया।

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