बहराइच: पूर्व विधायक दिलीप ने थामा सपा का दामन
सपा कार्यालय की चौखट चूम कर दिलीप बोले 14 साल बाद घर वापसी पर अच्छा लग रहा है। भाजपा से निष्कासित दिलीप बर्मा नानपारा से भाजपा विधायक माधुरी वर्मा के पति है। उनके सपा में शामिल होने के बाद जिले की राजनीति में एक बार फिर हलचल शुरू हो गई है।
बहराइच: पूर्व विधायक दिलीप बर्मा ने मंगलवार को अपने कई कार्यकर्ताओं के साथ समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय पहुंचकर संगठन की सदस्यता ग्रहण की। सपा कार्यालय की चौखट चूम कर दिलीप बोले 14 साल बाद घर वापसी पर अच्छा लग रहा है। भाजपा से निष्कासित दिलीप बर्मा नानपारा से भाजपा विधायक माधुरी वर्मा के पति है। उनके सपा में शामिल होने के बाद जिले की राजनीति में एक बार फिर हलचल शुरू हो गई है।
पूर्व विधायक दिलीप बर्मा सजायाफ्ता है। ऐसे में वह चुनाव तो नहीं लड़ सकते लेकिन कुर्मी बिरादरी में पैठ अधिक होने के चलते जिले के राजनीतिक समीकरण में उठापटक करने की कूवत जरूर रखते हैं। हाल ही में जिला पंचायत चुनाव के दौरान दिलीप बर्मा की बेटी के लिए जिला पंचायत सदस्य पद का टिकट भाजपा से मांग रहे थे। लेकिन भाजपा ने टिकट नहीं दिया। इस पर पूर्व विधायक ने बागी तेवर अख्तियार करते हुए अपनी बेटी को निर्दलीय चुनाव लड़ाकर जीत दिलाई। पार्टी से बगावत के चलते दिलीप बर्मा को 6 साल के लिए भाजपा से निष्कासित कर दिया गया। ऐसे में दिलीप बर्मा ने पुनः अपने पुराने घर सपा को याद किया। मंगलवार सुबह दिलीप बर्मा अपने कई कार्यकर्ताओं के साथ सपा कार्यालय पहुंचे। बाईपास रोड पर स्थित सपा कार्यालय की चौखट चूम कर उन्होंने कार्यालय में प्रवेश किया। वहां जिलाध्यक्ष राम हर्ष यादव, जिला महासचिव जफरुल्लाह खा बंटी, कोषाध्यक्ष अब्दुल मन्नान आदि ने फूल मालाओं से स्वागत किया। इस मौके पर पूर्व विधायक दिलीप ने का 14 साल बाद घर वापसी पर अच्छा लग रहा है। बहुत याद आ रही थी। इस दौरान सपा जिला अध्यक्ष ने दिलीप बर्मा और उनके साथ आए कार्यकर्ताओं को संगठन की सदस्यता ग्रहण कराई। इस मौके पर जिला अध्यक्ष राम हर्ष यादव, पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी नारायन यादव, आनन्द यादव, पूर्व विधायक राम तेज़ यादव, शब्बीर बाल्मीकी, सपा नेता अब्दुल मन्नान, ज़फ़र उल्ला खान बन्टी, जयंकर सिंह, अर्जुन गुप्ता, मेराज़ खां, लड्डन खां, समेत दर्जनों नेता पार्टी कार्यालय पर उपस्थित।
यह है दिलीप बर्मा का राजनीतिक सफर
पूर्व विधायक दिलीप वर्मा चार बार सपा से विधायक रहे हैं। सजायाफ्ता होने के बाद में अपनी पत्नी माधुरी वर्मा को बसपा से विधान परिषद सदस्य चुनाव जिताकर सदन पहुंचाया। विधान सभा चुनाव में बसपा से किनारा कस कर पत्नी के साथ कांग्रेस का दामन थामा। कांग्रेस के टिकट से माधुरी वर्मा विधायक नानपारा बनी। फिर 2017 के चुनाव में दिलीप बर्मा पत्नी समेत भाजपा के हो गए। इस बार भी भाजपा के टिकट से माधुरी वर्मा सदन पहुंची। पत्नी वर्तमान में भाजपा की नानपारा विधायक है। इस बार के पंचायत चुनाव में पूर्व विधायक दिलीप जिला पंचायत सदस्य पद के लिए बेटी को भाजपा का टिकट न मिलने से बागी होकर चुनाव लड़वाया। जीत दर्ज की। इस कारण भाजपा से निस्कासित कर दिए गए। अब पूर्व विधायक दिलीप वर्मा अपनी जिला पंचायत सदस्य बेटी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ाना चाह रहे है। ऐसे में सपा की सदस्यता लेने के बाद सपा से अब दावेदारी पक्की मानी जा रही है।