चार पहिया वाहनों में भी राजनीतिक पार्टियों के स्टीकर का फैशन

ई रिक्शा बने प्रचार वाहन

Update: 2022-01-14 14:29 GMT

बांदा। आगामी विधानसभा चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई गाइड लाइन और प्रशासन के चाबुक से बचने के लिए चुनावी रणभूमि पर उतरे चुनावी योद्धा अपने प्रचार के लिए इस कहावत को चरितार्थ करने पर उतारू हो गए हैं कि च.ुनाव आयोग और प्रशासन डाल-डाल तो हम पात-पात। अपने चुनाव प्रचारों के लिए इन दिनों बांदा शहर मुख्यालय की सड़कों पर चलने वाले ई रिक्शा उनके प्रचार का साधन बनते जा रहे हैं। रिक्शों के पीछे कुछ नेताओं ने अपना फोटो और अपनी पार्टी नेताओं के सुप्रीमों की फोटो लगाकर शहर में घुमाने का काम शुरू किया है।

किसी प्रचार में प्रकाश व विकास लिखा है तो दूसरे में सपा के सुप्रीमों की फोटो सहित स्थानीय वीरेंद्र गुप्ता नाम लिखकर पार्टी प्रचार किया जा रहा है। स्वदेश टीम ने एक सर्वे के दौरान कुछ ऐसे रिक्शे सड़क पर फर्राटे से दौड़ते हुए देखे जिनके पीछे नेता जी के प्रचार के कटलाग लगे थे। जिनमें उनके फोटो अंकित हैं। संबंधित कुछ रिक्शा चालकों से इस संबंध में जानकारी चाही गई तो उन्होंने अपने आपको आचार संहिता और चुनाव आयोग सहित प्रशासन के निर्देशों से अनभिज्ञ बताते हुए कहा कि भइया हम गरीब आदमी है। हमें पता नहीं है बड़े-बड़े लोग रोक कर लगाने के लिए कहते हैं तो पीछे हम लगा लेते हैं। इस तरह शहर की सड़कों सहित जिले के कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले ई रिक्शों का अगर सही आंकड़ा लगाया जाए तो और भी तमाम ऐसे रिक्शे मिल सकते हैं जिनमें तमाम राजनीतिक दलों का प्रचार जारी हुआ है।

चुनाव प्रचार के नाम पर तरह-तरह के हथकंडे और फंडे अपनाने की कवायद शनैः-शनैः जोर पकड़ती जा रही है। सड़कों पर चलने वाले कई ऐसे चार पहिया वाहन भी अक्सर दिखाई पड़ते हैं जो वाहन के मुंह और पीछे संभावित प्रत्याशियों का नाम और पार्टी लिखकर प्रचार की कहानी रच रहा है। धीरे-धीरे प्रचारकों की कवायद दिन के कम रात की ओर ज्यादा जोर पकड़ रही है। मोहल्लों-मोहल्लों में प्रचारक पहुंच करके अपनी पार्टियों का प्रचार करके अपने-अपने दावेदारों की गिनती गिनाने में जुट गए हैं। हालांकि अभी तक जिले की चारो विधानसभाओं में सभी राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के नाम उजागर नहीं हुए केवल बसपा पार्टी के प्रत्याशी अपने-अपने नामों का दावा करके प्रचार युद्ध में उतर रहे हैं।

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