पांटून पुल घटना की जिम्मेदार सरकार : मुख्य अभियंता
पीडब्ल्यूडी विभाग ने जिम्मेदारी से झाड़ा पल्ला
बांदा। कई बार छोटे से लगाकर बड़े मामलों की शिकायत होती है जिम्मेदार अधिकारी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने का वचन देते हैं। लेकिन अधिकांशतः मामले ऐसे होते हैं जिनमें शिकायत के बाद न जांच होती न दोषियों की खोज होती। कार्यवाही होना तो बड़ी दूर की बात है। कुछ ऐसा ही मामला जनपद क्षेत्र के बारा गलौली पांटून पुल में एक ओवरलोड ट्रक नदी में गिरकर डूबने सहित उसमें सवार दो लोगों की जान जाने के मामले को प्रकाश में आने के बाद पांच दिन पूरे होने के बाद अभी तक किसी भी न दोष को ढूंढा गया न दोषी को ढूंढा गया न ही किसी प्रकार की कार्यवाही हुई। जरूर जब प्रकरण को लेकर अधिकारियों से फोन पर या जुबानी वार्ता होती है तो वह यह कहकर कहानी को समाप्त कर देते हैं कि मामले की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। पीडब्ल्यूडी सीडी-2 द्वारा बनाए गए पांटून पुल में घटी गंभीर घटना को लेकर जब मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी बांदा से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि हमारा काम पुल बनाना था हमने पुल बना दिया अब हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। जिम्मेदारी के सवाल पर वह तिलमिलाते हुए कुछ यूं बोले कि अब सरकार जाने या फिर पुलिस?
बीते सप्ताह शुक्र-शनिवार के दिन बारा गलौली यमुना नदी में बनाए गए पांटून पुल से एक धान भरा ट्रक निकला जो थोड़ी दूर जाने के बाद नदी में धान समेत डूब गया। हल्ला मचा ट्रक की खोजबीन के बाद उसमें सवार चालक-परिचालक की तलाश हुई। स्थानीय पुलिस व राहत दल ने अपना काम शुरू किया। बड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद दो शव निकाले गए। घटना को लेकर क्षेत्र सहित जिला प्रशासन गंभीर हो गया। पांटून पुल की निर्माण कार्यदायी एजेंसी पीडब्ल्यूडी सीडी-2 के अधिशासी अभियंता से बातचीत की गई। उन्होंने सवालों के जवाब की जगह अपने मुंह से सवाल उगलना शुरू कर दिया।
पुल के दोनो ओर न बैरियर न रोकटोक के लिए कोई कर्मचारी या पुल बनने के बाद पांटून पुल की नियमावली पर जब कुछ पूछतांछ की गई तो वह भड़क जैसे रहे थे। एसडीएम पैलानी से बातचीत की गई उन्होंने कहा कि प्रकरण गंभीर है। मामले की तह तक जाकर जांच कराई जाएगी और दोषीजनों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। उनकी जांच कार्यवाही का फिलहाल मुकाम कहां है पता नहीं चला। अब जब मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी बांदा से पांटून पुल में घटी घटना और दो लोगों के शव बरामद होने के बाद अब पीडब्ल्यूडी की क्या जिम्मेदारी बनती है तो उन्होंने कहा कि हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। पुल बनाने की मांग उठी सरकार ने पुल बनाने का आदेश किया तब पुल बना दिया गया। अब हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है जिला प्रशासन पुलिस और सरकार जाने। मुख्य अभियंता से जब बातचीत का दौर चल रहा था तो जवाब देने में वह भी झल्ला रहे थे। ऐसा भी बोले कि जिरह बहस की कोई जरूरत नहीं है बता दिया कि हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है। उठे एक सवाल को लेकर जब कहा गया कि पहले पुल पार करने के लिए बैरियर और कर्मचारी सहित घंटा बजता था तो उन्होंने कहा कि उस वक्त ठेके पर पुल उठाए जाते थे अब वह दौर खत्म हो गया है पुल बना दिया जिसको निकलना हो निकल जाए या न निकले? ऐसे ही कई सवालों के जवाब देने में झल्ला रहे मुख्य अभियंता कुछ ऐसा भी बोल पड़े कि मुझे जिरह बहस नहीं करनी है। दूसरी ओर क्षेत्र की जनता और पीड़ित शोकाकुल परिवार के लोग कार्यवाही का इंतजार कर रहे हैं। नेता मौन साधे हैं। मानो कोई घटना ही नहीं हुई है। कल तक नेताओं की जुबा से व्यक्त की जाने वाली संवेदना मतदान के बाद मर सी गई है का आरोप लगाते हुए जिले में राजनीति करने वाले नेताओं को लेकर काफी किरकिरी है।