गोरखपुर: मई महीने में बारिश ने दिलाया सर्दी का एहसास
बुधवार सुबह आसमान में काली घटाएं ऐसी छाईं कि सुबह, शाम जैसा एहसास करवा रही थी। कुछ ही देर में गरज और चमक के साथ तेज बारिश होने लगी। करीब आधे घंटे बाद बारिश थम गई और मौसम एकदम सर्द हो गया। पूरुआ हवा लगातार चल रही है। ऐसे में बारिश का सिलसिला फिलहाल बने रहने का पूर्वानुमान है।
गोरखपुर: गरज-चमक के साथ रुक-रुक कर हो रही बारिश से गोरखपुर और आसपास मई महीने में सर्दी के मौसम का अहसास हो रहा था। बुधवार सुबह आसमान में काली घटाएं ऐसी छाईं कि सुबह, शाम जैसा एहसास करवा रही थी। कुछ ही देर में गरज और चमक के साथ तेज बारिश होने लगी। करीब आधे घंटे बाद बारिश थम गई और मौसम एकदम सर्द हो गया। पूरुआ हवा लगातार चल रही है। ऐसे में बारिश का सिलसिला फिलहाल बने रहने का पूर्वानुमान है।
मौसम विशेषज्ञ कैलाश पांडेय के अनुसार चार दिन पहले जम्मू के ऊपर बना पश्चिमी विक्षोभ पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऊपरी हिस्से और नेपाल के ऊपर से गुजर रहा है। बंगाल की खाड़ी से आ रही पुरुआ हवाओं के साथ नमी आने का सिलसिला लगातार जारी है। पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार होते हुए पूर्वोत्तर भारत तक एक निम्न वायुदाब की पट्टी बनी हुई है। यह सभी वायुमंडलीय परिस्थितियां अपनी सक्रियता के चरम पर हैं। इसके वजह से आसमान मे बादल छाए हुए हैं। फिलहाल आगे भी बादल छाए रहने की संभावना है। इन बादल के वजह से रुक-रुककर बारिश हो सकती है।
मौसम विशेषज्ञ के अनुसार मौसम का यह मिजाज 14-15 मई तक बना रहेगा। अगले दो से तीन दिन तक गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। बुधवार की सुबह हुई बारिश से आसपास के क्षेत्रों के तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। लोगों को सर्दियों के मौसम का अहसास हो रहा है। बारिश से किसानों के चेहरे खिल उठे। इस बारिश को कृषि विभाग भी खेती-किसानी के लिए काफी लाभकारी बता रहा है। पिछले तीन दिनों से हल्की बारिश हो रही थी। किसानों को अच्छी बारिश की दरकार थी। बुधवार को आसमान में घनी बदली छाई तो यह देख किसानों के चेहरे पर चमक आ गई।
किसान भगवान सिंह ने बताया कि आसमान से यह बारिश की बूंदें नहीं खेतों के लिए अमृत बरस रहा है। इसी बारिश का हमको इंतजार था। झंगहा के किसान शंकर प्रसाद ने कहा कि यह बारिश नहीं बल्कि किसानों की मुराद पूरी हो रही है। बारिश के रूप में किसानों के लिए सोना बरस रहा है।
किसान माधव पांडेय बताते हैं कि इस बारिश से खेत को संजीवनी मिली है। खेती में राहत मिलेगी तो पैदावार भी अच्छी होती है। बारिश जैविक रूप से मिट्टी को मजबूत करती है। किसान सुरेंद्र गुप्ता ने कहते हैं कि किसानों को इसी बारिश का इंतजार था। जब खेत में नमी आ जाए, पानी खेत के कोने-कोने तक पहुंच जाए, तभी लाभ मिलता है। इस बारिश ने वह कर दिया है।