पंचायत चुनाव: नामांकन व प्रचार में भीड़ को रोकने का उच्च न्यायालय ने दिया आदेश

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश के लोगों से कोविड 19 के गाइड लाइन्स के प्रति अपनी जिम्मेदारी महसूस करने की अपील करते हुए सूबे की सरकार को कोविड 19 पर रोकथाम के लिए समुचित कदम उठाने का आदेश दिया है।

Update: 2021-04-07 16:20 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश के लोगों से कोविड 19 के गाइड लाइन्स के प्रति अपनी जिम्मेदारी महसूस करने की अपील करते हुए सूबे की सरकार को कोविड 19 पर रोकथाम के लिए समुचित कदम उठाने का आदेश दिया है। सरकार को दिए अपने आदेश में उच्च न्यायालय ने कहा है कि कोविड 19 की लहर को रोकने हेतु सरकार की ओर से कदम उठाए जा रहें हैं, लेकीन दिशा निर्देशों का सही से पालन नहीं हो रहा।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर तथा न्यायमूर्ति सिद्धांत वर्मा की खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सभी जिलाधिकारियों को भी यह निर्देश दिया है कि वे कोविड 19 के रोकथाम के लिए जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई के साथ पालन कराएं।

न्यायालय ने प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि अपने-अपने क्षेत्र में सौ फीसदी मास्क पहनना अनिवार्य करें। साथ ही न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि ग्राम पंचायत के चुनाव के नामांकन और प्रचार के समय भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगाने के लिए कड़ाई से पेश आए। प्रचार के समय कोविड गाइड लाइन्स का पालन किया जाय।

रात्रि कर्फ्यू पर विचार करे सरकार

उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने कोविड 19 की भयावहता को देखते हुए सूबे की सरकार से रात्रि कर्फ्यू पर विचार करने को कहा है। साथ ही न्यायालय ने हाई स्कूल और इंटर मीडिएट में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की कोरोना जांच अनिवार्य रूप से कराने का आदेश दिया है। न्यायालय ने कोविड 19 के दूसरी लहर को रोकने के लिए तुरन्त कड़ाई से पेश आने का आदेश दिया है।

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