बिजनौर: पंचायत चुनाव जीतने की ख़ुशी में इफ्तार पार्टी, सपा विधायक समेत 34 लोगों पर मुकदमा
बिजनौर में पंचायत चुनाव जीतने वाले नवनियुक्त ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों को एक सपा नेता मतलूब कुरैशी ने रोजा इफ्तार की पार्टी दी थी। जिसमे सपा विधायक मनोज पारस भी शामिल होने पहुंचे। जिसके बाद विधायक समेत 34 लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
बिजनौर: कोरोना काल में ऐसा दूसरी बार है जब रमजान में कहीं भीड़ नहीं इकठ्ठा हो रही है। नेताओं ने भी रोजा इफ्तार से दूरी बना ली है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जो कि हर साल बड़ी रोजा इफ्तार पार्टी करते हैं। उन्होंने भी कोरोना के चलते दूरी बना रखी है, लेकिन यह बात समाजवादी पार्टी के विधायकों की समझ में नहीं आ रहा है।
दरअसल, बिजनौर में पंचायत चुनाव जीतने वाले नवनियुक्त ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों को एक सपा नेता मतलूब कुरैशी ने रोजा इफ्तार की पार्टी दी थी। जिसमे सपा विधायक मनोज पारस भी शामिल होने पहुंचे। जिसके बाद विधायक समेत 34 लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
रोजा इफ्तार में दावा किया जा रहा है कि इस पार्टी में 100 से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। इस पार्टी में कोविड के सभी प्रोटोकॉल पूरे नहीं किये गए। सपा नेता मतलूब कुरैशी के आवास पर नगीना विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक मनोज पारस भी पहुंचे थे। रोजा अफ्तार पार्टी में लोग एक दुसरे से सटे हुए अगल बगल बैठे फोटो में दिख रहे हैं जबकि ज्यादातर चेहरों से मास्क भी गायब है।
वायरल हुई फोटो तो पुलिस की खुली नींद :
5 मई को हुई रोजा इफ्तार पार्टी की तस्वीरें जब सोशल मीडिया पर कुछ युवकों ने डाली तो पुलिस की नीद खुली। आनन फानन में पुलिस ने विधायक मनोज पारस समेत 34 लोगों पर 6 मई को मुकदमा दर्ज कर दिया। एस आई करमजीत की तहरीर पर यह मुकदमा दर्ज किया गया। बिजनौर में पंचायत चुनाव जीतने वाले नवनियुक्त ग्राम प्रधानों और पंचायत सदस्यों को एक सपा नेता मतलूब कुरैशी ने रोजा अफ्तार की पार्टी दी थी।
कौन हैं विधायक मनोज पारस :
मनोज पारस समाजवादी पार्टी से लंबे अरसे से जुड़े हुए हैं। वह 2012 में विधायकी जीते तो, उन्हें राज्य मंत्री बनाया गया। कार्यकाल के बीच में एक युवती ने रेप के आरोप लगाये तो मंत्री की कुर्सी चली गयी। 2017 में अखिलेश यादव ने फिर भरोसा जताया तो वह फिर नगीना विधानसभा सीट से विधायकी जीत कर आ गए।