खुदाई में मिली एक हजार साल पुरानी सूर्यदेव की मूर्ति, राजकीय संग्रहालय में रखवाई जाएगी
हमीरपुर। उत्तर प्रदेश के जनपद हमीरपुर में एक गांव में जमीन की खुदाई में एक हजार साल पुरानी सूर्यदेव की नयनाभिराम मूर्ति मिली है। गांव की सरपंच ने मूर्ति को मंदिर में पूजा के लिए रखवाया है। वहीं, पुरातत्व विभाग का मानना है कि यह मूर्ति चंदेल शासनकाल में स्थापित कराई गई थी विभाग जल्द ही इसे अपने कब्जे में लेगा।
कुरारा थाना क्षेत्र के पतारा डांडा गांव में भगवान विष्णु की यह नयनाभिराम प्रतिमा मजदूरों को उस समय मिली जब वह लोग हनुमान मंदिर के पास जमीन की खुदाई कर रहे थे। मजूदरों को जमीन में धंसी साढ़े तीन फीट लम्बी भगवान की मूर्ति मिली तो सबसे पहले जानकारी गांव की सरपंच माया देवी को दी गई। वे यहां पर पहुंची तो मूर्ति के एकमात्र दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्र हो गई। इस पर सरपंच ने मूर्ति को महंत के हाथ से मंदिर में रखवाया और इसकी पूजा करवायी। सरपंच के साथ ग्रामीणों ने भी एक हजार साल पुरानी सूर्यदेव की मूर्ति सरपंच की सूचना पर पहुंचे पुरातत्व विभाग ने मूर्ति को लेकर जांच शुरू कर दी है। सरपंच ने बताया कि यह मूर्ति बड़ी ही दुर्लभ है, जिसे सुरक्षित मंदिर के अंदर रखवाया गया है।
हनुमान जी के मंदिर की छत डालने को हो रही थी खुदाई
गांव के सरपंच के प्रतिनिधि मुकेश प्रसाद ने गुरुवार को बताया कि गांव के बाहर जंगल में एक मंदिर हनुमान जी का है जो बड़ा ही सिद्ध है। इस मंदिर में छत डालने के लिए पास ही मिट्टी की खुदाई मजदूरों से कराई जा रही थी, तभी यह मूर्ति मिली है। मूर्ति करीब साढ़े तीन फीट लम्बी है। भगवान की मूर्ति में एक हाथ में सुदर्शन चक्र लिए दिख रहा है। मूर्ति में नक्काशी भी बेजोड़ है। बताया कि मंदिर के आसपास का स्थान सिद्ध है, जहां सैकड़ों साल पहले कुछ पवित्र स्थल थे।
राजकीय संग्रहालय में रखवाई जाएगीमूर्ति
क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी एसके दुबे ने आज बताया कि यह मूर्ति सूर्य भगवान की ही है जो कम से कम एक हजार साल पुरानी है। बताया कि इस तरह की मूर्तियां चंदेल शासनकाल में स्थापित कराई गई थी। सूर्य भगवान के मंदिरों के निर्माण भी कराए गए थे। उन्होंने बताया कि उस जमाने में लोग कुष्ठ बीमारी होने पर सूर्य भगवान की पूजा करते थे। उन्होंने बताया कि यह मूर्ति बड़ी ही अनमोल है जिसे जल्द ही पुरातत्व विभाग के राजकीय संग्रहालय में रखवाया जाएगा।