मेरठ: सोशल मीडिया पर हनीट्रैप के शिकार हो रहे युवा, खाकी भी 'गिरफ्त' में
फेसबुक की डीपी पर सुंदर युवतियों की फोटो लगाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है। इसके बाद ही फेसबुक मैसेंजर पर संदेश भेजे जाते हैं। फिर युवाओं को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉलिंग के लिए कहा जाता है।
मेरठ: सोशल मीडिया पर फ्रेंड रिक्वेस्ट और व्हाट्सएप पर वीडियो कॉलिंग कर युवाओं को हनीट्रैप में फंसाया जा रहा है। ऐसा गिरोह काफी समय से सक्रिय है। यह गिरोह अधिकांश वर्दीधारियों को निशाना बना रहा है।
साइबर सेल में एक महीने में ऐसी 18 शिकायतें आई हैं। कुछ शिकायतों को सुनकर अफसर भी हैरान रह गए। इनमें बताया गया है कि गिरोह के सदस्य अश्लील वीडियो बनाकर वसूली कर रहे हैं।
बताया गया है कि फेसबुक की डीपी पर सुंदर युवतियों की फोटो लगाकर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है। इसके बाद ही फेसबुक मैसेंजर पर संदेश भेजे जाते हैं। फिर युवाओं को व्हाट्सएप पर वीडियो कॉलिंग के लिए कहा जाता है।
इसके बाद युवाओं को फंसाया जाता है। युवाओं के फोटो-अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें वायरल करने की धमकी दी जाती है। इसके बाद अवैध वसूली की जाती है। कुछ पीड़ित युवाओं की अश्लील वीडियो उनके परिचितों के ग्रुप पर भी भेजी हैं और ब्लैकमेल कर लाखों रुपये की वसूली की गई है।
वर्दीधारी भी बने शिकार :
कई पुलिसकर्मियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर हनीट्रैप में फंसाया गया है। इसकी शिकायतें साइबर सेल में आई हैं। कुछ ने तो शिकायत तक नहीं की। एक थाने का सिपाही और दरोगा भी हनीट्रैप के शिकार हुए हैं। बताया कि इन दोनों से अब पैसे की मांग की जा रही है। वहीं, दो रिटायर्ड फौजी ने भी साइबर सेल में शिकायत की है।
साइबर सेल कर रही जांच :
हनी ट्रैप का शिकार करने वाला गिरोह राजस्थान का बताया जा रहा है। इसकी तलाश में साइबर सेल लगी है। एक टीम राजस्थान गई थी, लेकिन वहां से खाली हाथ लौट आई। हालांकि गिरोह के सदस्यों की तलाश जारी है।
वर्जन
हनी ट्रैप में शिकार होने वालों की शिकायत साइबर सेल में लगातार आ रही है। पुलिस अभी जांच करने में लगी है। इस गिरोह से जुड़ीं युवतियों और अन्य लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। - राम अर्ज, एसपी क्राइम