बलिया: पहले कैंसर, फिर कोरोना को हराकर जनता की सेवा में जुटे फार्मासिस्ट निर्भय नारायण शुक्ल

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा में तैनात फार्मासिस्ट निर्भय नारायण शुक्ल ने न सिर्फ कैंसर को हराया, बल्कि दो बार कोरोना पर भी फतह किया। अब पूर्ण मनोयोग से सोनबरसा अस्पताल में रोगियों की सेवा कर रहे हैं।

Update: 2021-05-11 10:17 GMT

बैरिया, बलिया: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा में तैनात फार्मासिस्ट निर्भय नारायण शुक्ल ने न सिर्फ कैंसर को हराया, बल्कि दो बार कोरोना पर भी फतह किया। अब पूर्ण मनोयोग से सोनबरसा अस्पताल में रोगियों की सेवा कर रहे हैं।

सिकंदरपुर तहसील क्षेत्र के जिगिड़सर गांव के निवासी 50 वर्षीय निर्भय नारायण शुक्ला पहले सूचना व जनसंपर्क विभाग के संगीत विभाग में तैनात थे। इसी दौरान उन्होंने फार्मेसी की पढ़ाई पूरी की। 3 दशक पूर्व स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट की नौकरी प्राप्त कर ली। पिछले 7 वर्षों से सोनबरसा अस्पताल में तैनात निर्भय नारायण शुक्ल 4 वर्षों से गले के कैंसर से पीड़ित थे।

कैंसर पीड़ित होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। नौकरी करते हुए अपना इलाज मुंबई के एक चिकित्सालय में कराया। संबंधित अस्पताल ने इन्हें स्वस्थ घोषित कर दिया है। पिछले वर्ष निर्भय नारायण शुक्ला कोरोना पाजिटिव हो गए थे। दूसरी लहर में 2 अप्रैल को भी इनकी रिपोर्ट पाजिटिव आ गई।

खुद को होम आइसोलेट कर निर्भय नारायण शुक्ला ने अंग्रेजी दवाइयों के साथ गिलोय, काढ़ा, हल्दी-दूध और योगा के माध्यम से अपने को स्वस्थ कर लिया। कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद वह एक बार फिर रोगियों की सेवा में जुट गए हैं। निर्भय नारायण शुक्ला फार्मासिस्ट होने के साथ-साथ एक अच्छे गायक भी हैं, जो अक्सर अस्पताल में भी गुनगुनाते रहते हैं।

उनके कोरोना पाजिटिव होने के बाद लोगों के माथे पर चिन्ता की लकीरें गहराने लगी थी। क्योंकि वह लोगों में अपने सेवा के चलते काफी लोकप्रिय है। निर्भय नारायण शुक्ला का कहना है कि लोगों केे आशीर्वाद व भगवान की कृपा के चलते मैंने कैंसर और कोरोना दोनों को हराया है। यह जीवन ऊपर वाले की देन है। ऐसे में लोगों की जितनी सेवा हो जाए, वही जीवन की सार्थकता है।

उन्होंने कहा कि कठिन समय में आत्म बल, दृढ़ निश्चय और लोगों के सहयोग से किसी भी कठिनाई पर विजय पाया जा सकता है। मैं एक साधारण कर्मचारी हूं। लोगों की दुआओं का फल है कि मुझे कैंसर से मुक्ति मिलने के बाद कोरोना से भी मुक्ति मिल गई।

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