कानपुर। उप्र एटीएस ने मुगलसराय रेलवे स्टेशन के पास से चार युवकों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार किए गए चार लोगों में से मिथुन पश्चिम बंगाल का है जो एक ट्रैवल एजेंसी चलाता है और तीन अन्य बांग्लादेशी हैं। बुधवार को इस संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार का बयान जारी हुआ है।
एडीजी ने बताया कि मुगलसराय रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान पहचान पश्चिम बंगाल निवासी मिथुन मंडल, बांग्लादेश निवासी शाओन अहमद, मोमिनुर इस्लाम, और मेहंदी हसन के रुप में हुई है। ये लोग बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं को अवैध तरीके से भारत लाकर उनका फर्जी दस्तावेज तैयार करवाते हैं। इनमें बांग्लादेशी व रोहिंग्या स्वेच्छा से सम्मिलित रहते थे, जिनका उद्देश्य सिर्फ इन फर्जी दस्तावेजों से विदेश जाना होता था। फर्जी दस्तावेज के जरिए इनके वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड फर्जी पते पर होते हैं।
16 अगस्त को आये थे भारत -
तीनों बांग्लादेशियों ने बताया कि वे लोग बांग्लादेश के मदारगंज में एक होटल में काम करते थे। वे लोग 16 अगस्त को अवैध रुप से भारत-बांग्लादेश की सीमा पार कर भारत में आये थे। इन लोगों के पास कोरोना की जांच आरटी पीसीआर और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए है। एटीएस इन्हें कोर्ट में पेश कर रिमांड में लेकर इस संबंध में विस्तृत जानकारी करेगी।
हिन्दू नाम रखकर रहते है -
पूछताछ में इन लोगों से पता चला है कि भारत में रहने के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाते हैं। इन दस्तावेजों में यह लोग अपनी पहचान छिपाकर हिन्दू बनकर रहते हैं।भारतीय पहचान स्थापित कर अवैध रुप से विदेश भेजने के नाम पर इस गिरोह के सदस्य इन बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं से भारत में लाने के लिए अच्छा पैसा वसूलते हैं।
नई दिल्ली से आये मुगलसराय -
एटीएस लखनऊ की यूनिट को सूचना मिली कि तीन बांग्लादेशी और एक पश्चिम बंगाल का नगारिक राजधानी एक्सप्रेस (02314) से नई दिल्ली से मुगलसराय आ रहे है। इस सूचना के बाद सक्रिय हुई लखनऊ, वाराणसी और कानपुर की एटीएस टीम ने मंगलवार को रेलवे स्टेशन से पकड़ा था और सभी को पूछताछ के लिए मुख्यालय लाया गया। चारों को गिरफ्तार कर छानबीन शुरू कर दी गई है।