सम्मानित साहित्यकारों के घर डाक से पहुंच रहा है सम्मान
कोरोना महामारी में संस्थान ने पुरस्कार व सम्मान के लिए नामित साहित्यकारों के घर पर ही डाक से पुरस्कार व सम्मान पहुंचा रहा है।
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान ने इस वर्ष के गोरखपुर के कुल छह साहित्यकारों को पुरस्कार व सम्मान की सूची में शामिल किया गया है। कोरोना महामारी के मद्देनजर संस्थान ने इस वर्ष पुरस्कार व सम्मान देने के लिए किसी तरह का समारोह आयोजित नहीं करने का निर्णय लिया है। कोरोना महामारी में संस्थान ने पुरस्कार व सम्मान के लिए नामित साहित्यकारों के घर पर ही डाक से पुरस्कार व सम्मान पहुंचा रहा है।
जिन साहित्यकारों को पुरस्कृत किया गया है। उनके घर पुरस्कार की राशि का चेक, सम्मान-पत्र और अंगवस्त्र भेजा जा चुका है। व्यक्तिगत पुरस्कार प्राप्त करने वालों को पुरस्कार भेजने की तैयारी चल रही है। गोरखपुर में पुस्तकों के लिए चयनित चार साहित्यकारों तक संस्थान का पुरस्कार पहुंच चुका है। इनमें अनीता अग्रवाल, श्रीधर मिश्र, डा. फूलचंद गुप्त और डा. नित्यानंद श्रीवास्तव शामिल हैं।
प्रो. के.सी लाल को मधुलिमये साहित्य सम्मान और भोजपुरी साहित्यकार नरसिंह बहादुर चन्द को साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया है। इन दोनों साहित्यकारों का सम्मान डाक द्वारा शीघ्र प्रेषित किया जाएगा।
इस वर्ष के गोरखपुर के कुल छह साहित्यकारों को पुरस्कार व सम्मान की सूची में शामिल किया गया है। डा. फूलचंद गुप्त और श्रीधर मिश्र ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद संस्थान के इस निर्णय की सराहना की है।
उनका कहना है कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए संस्थान द्वारा एकदम सही निर्णय लिया गया है। इससे साहित्यकारों तक पुरस्कार भी पहुंच जा रहा और संक्रमण के इस माहौल में घर से निकलना भी नहीं पड़ रहा। डाक द्वारा पुरस्कार भेजने के इस निर्णय से संस्थानों और संस्थाओं को इससे सीख लेनी चाहिए।
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. सदानंद गुप्त ने बताया कि पुरस्कार व सम्मान समारोह के लिए 26 अप्रैल की तारीख प्रस्तावित थी लेकिन तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण उसे स्थगित कर दिया गया था। बाद में सभी साहित्यकारों को डाक के माध्यम से पुरस्कार और सम्मान भेजे जाने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय के अनुसार पुरस्कारों को भेजे जाने का सिलसिला शुरू हो गया है।