लोकनिर्माण विभाग में सड़क सुरक्षा सवालों के घेरे में, जिम्मेदार अफसर मौन
स्वामीनाथ शुक्ल
अमेठी। लोकनिर्माण विभाग में सड़क सुरक्षा सवालों के घेरे में है। लेकिन अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या और लखनऊ के जिम्मेदार अफसर मौन है। जिम्मेदारों की अनदेखी से आबादी और बाजारों से गुजरने वाली सड़कों पर अवैध कब्जे से आधी सड़कें गायब हो गई है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में तीन मीटर की पक्की सड़कें एक मीटर में पगडंडी के बराबर हो गई है। सड़कें छोटी और यातायात ज्यादा होने से सबसे ज्यादा खतरा साइकिल से स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों को पैदा हो गया है। जबकि सड़कों की निगरानी के लिए बलराम सिंह अमीन की तैनाती की गई है। लेकिन अमीन फील्ड में डियुटी के नाम पर घर बैठकर पगार लेता हैं।
लोकनिर्माण विभाग की सड़कों पर जगह-जगह अवैध अतिक्रमण हो गए हैं। विभाग करोड़ों रुपए खर्च करके सड़कों का निर्माण करता है। लेकिन सड़क सुरक्षा के नाम पर कुछ भी नहीं है। सड़कों पर अवैध कब्जे के संबंध में लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता शैलेंद्र कुमार ने बताया कि सड़कों पर अवैध कब्जे की शिकायतें रोजाना आती है। लेकिन अमीन बलराम सिंह कभी आता नहीं है। बलराम सिंह सुल्तानपुर जनपद का अमीन है। अतिरिक्त चार्ज अमेठी का है। अमेठी में अमीन का पद बहुत लंबे समय से खाली पड़ा है। जिससे अवैध कब्जेदारों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती है। अवैध कब्जेदारों के खिलाफ लिखा पढ़ी न होने से सरकारी भय खत्म हो गया है। जिससे सड़कें सुरक्षित नहीं है।
अमेठी जनपद में लोकनिर्माण विभाग की करीब छह सौ सड़कें है। लेकिन सड़कों की निगरानी के लिए अमीन नहीं है। कहने के लिए कागज पर अमीन है। एक अवर अभियंता ने बताया कि सड़कों पर अवैध ब्रेकर, अवैध कब्जे, अवैध अतिक्रमण को हटवाने और नोटिस जारी करने तथा मुकदमा पंजीकृत कराने के लिए अमीन की तैनाती की गई है। लेकिन सड़कों पर अतिक्रमण करने वाले अमीन की हर महीने जेब गरम करते हैं। जिससे अमीन को अवैध कब्जे और अतिक्रमण नजर नहीं आते हैं। गिट्टी,मोरंग बेचने वाले व अन्य व्यवसाय करने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों तक पर कब्जा जमा रखा है। बाकी दुकानदार सड़कों की पटरी पर खुलेआम काउंटर लगा रखा है। एक दूधिया ने बताया कि अमेठी में सूफी संत मलिक मोहम्मद जायसी को जाने वाली सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। छावनी में एक मीटर चौड़ी सड़क भी नहीं बची है। बची सड़कों पर टैक्टर ट्राली, गाड़ी, भैंस,गाय, जानवर, लोगों के सामान रखें है। जिससे निकलना मुश्किल हो गया है। उन्होंने बताया कि बनपुरवा गांव से छावनी तक तीस से चालीस जगह सड़क काटी गई है। दस रुपए की पाइप बचाने के लिए लाखों रुपए की सड़क काट दी गई हैं। लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से लोगों में कानून का भय नहीं है।
ग्राम प्रधान ने बताया कि रामनगर से नौगवा मोड़ तक तीस से ज्यादा अवैध ब्रेकर बने हैं। जिससे रोजाना दुर्घटनाएं होती है। अवैध ब्रेकर तोड़वाने के लिए कई बार अफसरों से शिकायत की गई। लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। एक बाबू ने बताया कि नोटिस जारी कर मुकदमा दर्ज होना चाहिए। लेकिन कौन करें। कार्यवाही की जिम्मेदारी पाने वाले सुल्तानपुर में चीफ के खास है। अमेठी, गौरीगंज, जगदीशपुर, मुंशीगंज, रामनगर,भादर, तिलोई, मुसाफिरखाना,जामो, बाजार शुक्ल आदि बाजारों में आधी सड़कें गायब हो गई है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अवैध कब्जेधारियों के खिलाफ अभियान चला कर नियमित कार्यवाही करें। लेकिन मुख्यमंत्री का आदेश फाइल में पड़ा है। सड़कों पर अवैध अतिक्रमण पर आचार्य संतोष कुमार मिश्र ने बताया कि इसी में उनके 18 साल के बेटे की मौत हो चुकी है। ऐसे ही कितनी मौतें हो रही है। लेकिन अफसरों से कोई लेना देना नहीं है। भाजपा नेता ज्ञान सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री कहा कहा देखें। अधिकारी कर्मचारी कुछ करना नहीं चाहते हैं। केवल फोकट में वेतन चाहते हैं। जबकि हर एक ब्लाक में अवर अभियंता, सहायक अभियंता तैनात हैं। अधिकांश ब्लाकों में दो दो अवर अभियंता तैनात हैं।