प्रयागराज। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरि ने महाराष्ट्र के पालघर में हुई घटना की तीव्र निन्दा करते हुए सोमवार को कहा कि 03 मई को लॉकडाउन समाप्त होने के बाद महाराष्ट्र सरकार को घेरने के लिए देश भर के लाखों संत कूच करेंगे।
उन्होंने कहा कि दो साधुओं के हत्यारों को सीधे फांसी होनी चाहिए। कोई कानून नहीं, कोई कचहरी और कोर्ट नहीं। साधुओं की सरेआम लाठी-डण्डों से पीट-पीटकर हत्या की गई है, जिसका सबूत वीडियो रिकार्डिंग है। इसलिए निर्दोष संतों की हत्या करने वाले गांव को सील कर सभी को गोलियों से भून दिया जाय। संतों की हत्या करने वाले मनुष्य नहीं हैं, राक्षस हैं, इसलिए ऐसे राक्षसों को मारना कोई पाप नहीं है। अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी ने कहा कि 03 मई के बाद सभी संत एकजुट होकर महाराष्ट्र कूच करेंगे और सरकार को घेरकर मांग करेंगे कि ऐसे राक्षसों को सीधे गोली मार दी जाय या उन्हें फांसी दे दी जाय। पुलिस के बारे में उन्होंने कहा कि पुलिस क्या करेगी, बहुत ज्यादा उन पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर देगी, इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकती।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन हत्यारों के सामने हमारे महात्माओं को सुपुर्द कर दिया और वहां की सरकार कह रही है कि हमारे पुलिस को भी गोली लगी है। सवाल यह उठता है कि इन तीनों के बचाव के लिए हवाई फायरिंग क्यों नहीं की गयी जबकि यह तीनों पुलिस कस्टडी में थे। ऐसे में पुलिस की सत्यनिष्ठा भी संदिग्ध है। कासा पुलिस स्टेशन में इस मामले की एफआईआर संख्या 77/2020 धारा 302, 120बी, 427, 147, 148, 149 भादवि दर्ज हुई है। अब महाराष्ट्र संतों की भूमि नहीं रह गयी, वहां रावणराज आ गया है।
काशी सुमेरुपीठ के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने इस घटना पर दुःख जताते हुए जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस की भूमिका संदेहजनक है। शंकराचार्य ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मांग की है कि जूना अखाड़े से जुड़े दोनों साधुओं की हत्या के मामले में निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष महंत प्रेम गिरी महाराज ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिख कर घटना की जांच की मांग की है। ठाणे गिरी समाज के अध्यक्ष समाजसेवी घनश्याम गिरी, भोला गिरी सहित कई लोगों ने साधुओं की निर्मम हत्या पर दुख जताते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी महेशाश्रम जी महाराज ने महाराष्ट्र और भारत सरकार से इस जघन्य हत्या की जांच कराकर कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। शंकराचार्य स्वामी महेशाश्रम महाराज ने अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के सभी उच्च पदाधिकारियों से दूरभाष से परामर्श कर यह निर्णय लिया की दंडी सन्यासी परिषद जूना अखाड़े के साथ है। अखाड़ा जो भी निर्णय लेगा हम उनके साथ खड़े होंगे।
श्री पंच दशनाम आवाह्न अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत सत्य गिरी महाराज ने पीलीभीत जहानाबाद उत्तर प्रदेश में बैठक कर निर्णय लिया कि श्री पंचदशनाम आवाह्न अखाड़ा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के साथ है। जब भी वरिष्ठ जन आदेश करेंगे आवाह्न अखाड़ा के हजारों नागा साधु महाराष्ट्र सरकार का घेराव करने को तैयार है। श्रीमहंत सत्य गिरी महाराज ने कहा कि दोनों संतों की जिस प्रकार से हत्या की गई उससे यह स्पष्ट हो गया है कि महाराष्ट्र में हिंदू धर्म सुरक्षित नहीं है।
माँ कामाख्या संस्थान के महंत सद्गृहस्थ संत संकर्षण जी महाराज ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में जिस तरह साधुओं की हत्या कर दी गयी, उससे कई प्रश्न उठे हैं? क्या महाप्रलय की स्थिति बन रही है? क्या महाराष्ट्र सरकार इतनी निकम्मी और कमजोर हो चुकी है जो मुसलमानों को नियंत्रित नहीं कर पा रही? यदि इसकी तत्काल जांच करके दोषी हत्यारों को फांसी नहीं दी गई तो न केवल महाराष्ट्र सरकार को अपितु पूरे राष्ट्र को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
गौरतलब है कि पंचदशनाम जूना अखाड़े के संत कल्पवृक्ष गिरि (70), सुशील गिरि (35) कार ड्राइवर निलेश तेलगड़े के साथ अपने गुरू श्रीमहन्त रामगिरि के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मुम्बई से गुजरात के लिए निकले थे जिनकी बेरहमी से हत्या कर दी गयी थी।