नेपाल सीमा पर धड़ल्ले से हो रही खाद की तस्करी

सीमा पर सुरक्षा में लगे प्रहरी इसे लेकर गंभीर नहीं हैं सुबह से लेकर शाम तक बाइक और साइकिलों से देव राही बूढ़ा बनकटी ढकिया बरिया कजरिया सेंडा बेड़ा धुसुकिया सूंडा बनगवां के आस पास की पगडंडियों से होते हुए नदी घाटों से पार कर डीएपी यूरिया नेपाल पहुंचाए जा रहा है।

Update: 2021-04-10 09:42 GMT

लखीमपुर खीरी : सीमावर्ती क्षेत्र में इन दिनों खाद की तस्करी धड़ल्ले से हो रही है वहीं सीमा पर सुरक्षा में लगे प्रहरी इसे लेकर गंभीर नहीं हैं सुबह से लेकर शाम तक बाइक और साइकिलों से देव राही बूढ़ा बनकटी ढकिया बरिया कजरिया सेंडा बेड़ा धुसुकिया सूंडा बनगवां के आस पास की पगडंडियों से होते हुए नदी घाटों से पार कर डीएपी यूरिया नेपाल पहुंचाए जा रहा है।

सूत्र बताते हैं कि जंगल के समीप लगभग पांच या सात गांव ऐसे हैं जिस पर किसी भी सुरक्षा बल या गस्त कर रही टीमों को भनक तक नहीं लगती और अगर लग जाती है तो उस पर तस्कर अपने रुतबे का रौब या फ़िर पैसों का लालच दिखाकर मुंह बंद कर देते है। जबकि सूंडा से लेकर चंदन चौकी के हर नाके से बाइक साइकिल व टेंपो से खाद को नदी पार कर नेपाल भेजा जाता है। दिन ढलते इन नामी गांवों से तस्करी शुरू हो जाती है।

बॉर्डर के समीप जंगल से सटे कई गांव ऐसे हैं जिनमें खाद एकत्र किया जाता हैं और मौका मिलते ही नेपाल पहुंचायाकर मोटी रकम कमा रहे हैं। इसी पर कृषि विभाग अधिकारियों को हो रही तस्करी पर अंकुश लगाते हुए उन खाद्य दुकानों को चिन्हित कर कार्रवाई करे जिनके संरक्षण में तस्करी को अंजाम दिया जा रहा है।


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