शाहजहांपुर: की ऑक्सीजन सिलेंडर वाली बिटिया 'अर्शी' कर रही लोगों की सांसे बचाने में मदद
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली एक 26 वर्षीय होनहार लड़की जिसका नाम 'अर्शी" है। जिसका काम है, अपनी स्कूटी पर आक्सीजन सिलेंडर रखकर कोविड- के मरीजों के घर पर पहुंचाना और उनकी जान बचाना है। इसलिए अब शहर के लोग उसे 'सिलेंडर वाली बिटिया' के नाम से भी जानने लगे हैंl
शाहजहांपुर: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली एक 26 वर्षीय होनहार लड़की जिसका नाम 'अर्शी" है। जिसका काम है, अपनी स्कूटी पर आक्सीजन सिलेंडर रखकर कोविड- के मरीजों के घर पर पहुंचाना और उनकी जान बचाना है। इसलिए अब शहर के लोग उसे 'सिलेंडर वाली बिटिया' के नाम से भी जानने लगे हैंl
शहर के मदार खेल मोहल्ले में रहने वाली अर्शी के पिता की रमजान के पहले ही दिन तबीयत खराब हो गई थी। जहाँ उसने अपनें पिता की कोविड-जांच भी कराई तो वह संक्रमित निकले जिसके बाद अपनें पिता को घर में ही होंम आईशोलेट कर दिया। होंम आईशोलेट के बाद उनका ऑक्सीजन लेवल भी कम हो गया अब डॉक्टरों ने कहा कि ऑक्सीजन की व्यवस्था करो ऐसे में स्नातक पास अर्शी नगर मजिस्ट्रेट के पास गई परंतु उन्होंने यह कहकर मना कर दिया कि घर में एकांतवास में रह रहे मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिलेगी और मरीज को अस्पताल में दाखिल करने की सलाह दी।
जिससे आहत अर्शी ने अपनें पिता को बचानें के लिए दृढ़ संकल्प लिया कि वह अपनें पिता के लिए कुछ भी कर सकती है। जिसके बाद उसने किसी तरहं दो खाली सिलेंडरों की व्यवस्था की और अपनें पिता का घर में ही इलाज़ शुरु करा दिया और फिर उसनें धीरे-धीरे शाहजहाँपुर, हरदोई शहाबाद, सहित उत्तराखंड से उसने ऑक्सीजन रिफिल कराकर किसी तरहं अपनें पिता की जान बचाई जिसके बाद उन्ही खाली सिलेंडरों को भराकर अन्य पीड़ित लोगों के घरों तक फ्री होंम डिलीवरी के साथ अपनीं स्कूटी पर ऱखकर निःशुल्क में ऑक्सीजन देकर घर घर पहुंचा रही है।
इस दौरान होनहार अट्ठारह वर्षीय अर्शी ने 20 ऑक्सीजन सिलेंडर अपने पापा को ठीक करने के लिये लगा दिये थे अब उन्हीं आक्सीजन सिलेंडरों को भरबाकर पीड़ित लोगों के घरों में बारी बारी से पहुंचा कर उपलब्ध करा रही है। इस काम में उसकी मदद उसके दो भाई तथा उसके ग्रुप से जुड़े लोग कर रहे हैं, सबसे खास बात यह है, कि वह रमजान के इस पवित्र माह में लगातार लोगों की मदद कर रही है। और साथ लोगों की दुआएं भी बटोर रही है। अर्शी अभी भी जहां सूचना मिलती है। वह लोगों की मदद करनें के लिए अपनीं स्कूटी से पहुच जाती हैl