उप्र पुलिस ने गृह मंत्रालय से पूछा, विदेशी जमातियों का क्या करें

Update: 2020-06-12 05:34 GMT

मेरठ/दिल्ली। मेरठ में विभिन्न देशों और राज्यों से आए 321 जमातियों की चार्जशीट पर पिछले करीब 20 दिन से सुनवाई नहीं हो पा रही है। उसकी वजह कचहरी बंद होना है जो हॉटस्पॉट दायरे में आ रही है। उधर, मेरठ एसएसपी ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से पूछा है कि कोर्ट फैसले के बाद विदेशी जमातियों का क्या किया जाए। उम्मीद है कि कोर्ट सहारनपुर जिले की तरह सुनवाई वाले दिन ही सजा मुकर्रर कर देगा।

एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि मेरठ में भारत के विभिन्न राज्यों के 302 जमाती आए थे। इसके अलावा 19 विदेशी जमाती थे। ये जमाती इंडोनेशिया, सूडान, जिबूती और कीनिया के रहने वाले थे। सभी 321 जमातियों के खिलाफ पुलिस करीब 20 दिन पहले चार्जशीट लगा चुकी है। 302 भारतीय जमातियों को जमानत पर छोड़ा जा चुका है। 19 विदेशी जमाती अभी अस्थायी जेल में बंद हैं। कोर्ट बंद होने से चार्जशीट का संज्ञान अभी तक नहीं लिया जा सका है। वेस्टर्न कचहरी रोड पर असौड़ा हाउस अभी हॉटस्पॉट है। इसी हॉटस्पॉट के दायरे में कचहरी परिसर भी आता है। इसलिए कचहरी खोलने को अभी तक छूट नहीं मिल पाई है।

एसएसपी ने बताया कि कोर्ट के खुलने पर ही जमातियों की चार्जशीट का संज्ञान लिए जाने की उम्मीद है। सहारनपुर में कोर्ट ने 57 विदेशी जमातियों की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए उसी दिन सजा मुकर्रर कर दी। जमातियों को उतने दिन की सजा दी गई, जितने दिन वह अस्थायी जेल में बिता चुके हैं। इस प्रकार मुकदमा खत्म करके जमातियों को जेल से रिहा कर दिया गया है। माना जा रहा है कि मेरठ में भी ऐसा हो सकता है। इसके मद्देनजर एसएसपी ने गृह और विदेश मंत्रालय से विदेशी जमातियों को लेकर स्पष्ट राय मांगी है। मतलब जेल से रिहा होने की स्थिति में विदेशी जमातियों का क्या किया जाए। माना जा रहा है कि कोर्ट से रिहा हुए जमाती एम्बेसी को सुपुर्द कर दिए जाएंगे, जहां से वे अपने-अपने देश लौट जाएंगे।

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