हड़ताल का दिखा व्यापक असर, भीषण सर्दी में यात्री होते रहे परेशान
हिट एंड रन कानून का विरोध में बस, ट्रक व टैक्सी संचालकों की रही चक्का जाम हड़ताल
ललितपुर। मोदी सरकार ने जैसे ही यातायात के सम्बंध में देश में नए हिट एंड रन कानून लागू किया, बैसे ही इस नए कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्ट और ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं । बताया गया है कि भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर 7 लाख रुपए तक जुर्माना और 10 साल तक की कैद का प्रावधान है, जिसको लेकर ट्रांसपोर्ट संचालक और ड्राइवरों में सरकार के खिलाफ खासा आक्रोश देखा जा रहा है । तो वहीं इस भीषण सर्दी में परेशान हो रहे यात्रियों में भी सरकार की इस नीति के खिलाफ खास आक्रोश पनपता हुआ दिखाई दे रहा है । जानकारों की मानें तो इस हड़ताल का फर्क सीधा रोजमर्रा की ज़रूरतें की चीजों पर पड़ेगा, इस हड़ताल का आम आदमी पर सीधा असर देखने को मिल सकता है। बस ट्रैकों व टेम्पो टैक्सियों की हड़ताल होने से दूध, सब्जी और फलों की आवक के साथ रोजमर्रा की जरूरत की चीजो की कीमतो पर सीधा असर देखने को मिल सकता है। ट्रांसपोर्टिंग रुक जाने की वजह से पेट्रोल डीजल की बिक्री पर भी असर पड़ सकता है। तो वहीं दूसरी ओर इस हड़ताल से सरकार को भी खासा नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है इसके साथ ही सरकार को अब जन आक्रोश का सामना भी करना पड़ सकता है। ट्रांसपोर्ट मालिक और ड्राइवर तब तक हड़ताल पर रहने की हुंकार भर रहे हैं, जब तक की इस कानून में या तो बड़ा फेर-बदल नहीं किया जाता या फिर इस कानून को वापस नहीं लिया जाता। इस हड़ताल के कारण भीषण सर्दी में स्थानीय बस स्टैंड और सब हाईवे व नेशनल हाइबे पर यात्री परेशान होते दिखाई दिए।
मिली जानकारी के अनुसार मोदी सरकार के गृह मंत्री द्वारा नए हिट एंड रन कानून को लागू किया गया जिसका ऐलान होते ही समूचे ट्रांसपोर्ट जगत में एक हड़कंप जैसी स्थिति देखी गई। नया कानून लागू होने से समस्त ट्रांसपोर्ट संचालकों में चक्का जाम हड़ताल शुरू कर दी, जिसका सीधा असर इंसानी जिंदगियों पर देखा जा रहा है, तो वहीं आम जनजीवन अस्त-व्यस्त नजर आ रहा है । यदि यह हड़ताल लगातार जारी रही तो रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले सभी सामानों के दाम भी बढ़ सकते हैं। इस कानून के विरोध में प्रदेश के साथ देश के कई राज्यों में ट्रक बस ड्राइवरों और ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स द्वारा चक्काजाम किया जा रहा है। इसका असर प्रदेश के साथ साथ जनपद में भी खानपान और अन्य सेवाओं की सप्लाई पर भी पड़ सकता है। दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा सड़क हादसों पर नियंत्रण करने के लिए हिट ऐंड रन कानून में बदलाव किया जा रहा है। इंडियन पीनल कोड, 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट ऐंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवरों की सजा को और कड़ा किया जा रहा है। दोष साबित होने के बाद 7 लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान है। इस संशोधन का ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट ने विरोध किया और कहा है कि कानून वापस नहीं लिया गया, तो विरोध और तेज होगा। इस हड़ताल के कारण इस भीषण सर्दी में यात्रियों को काफी परेशान होना पड़ रहा है । जनपद के स्थानीय बस स्टैंड पर यात्रियों की भारी भीड़ देखी गई तो वहीं ट्रांसपोर्ट संचालकों में खासा आक्रोश देखा गया । बस आपरेटर यूनियन के पदाधिकारी और बस ड्राइवर ने इस हड़ताल में अपना समर्थन दिया है । ड्राइवर का कहना है कि उनकी मंशा नहीं होती कि वह किसी को भी टक्कर मार और वहां से भागे । लेकिन जब भीड़ जमा होने लगती है तो वही भीड़ ड्राइवर की गलती ना होने के बाद जो उसे पीट-पीट कर मार डालती है, इसीलिए वह मौके से भाग खड़े होते हैं। सुविधा नहीं मिली तो हालत कोरोना काल जैसे देखे गए। यात्री अपना सामान शिर पर रखकर स्वयं घर की ओर पैदल ही चल पड़े। सभी ड्राइवर हिट एंड रन के नए कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं जिसका असर ललितपुर जिले में भी देखने को मिला यहां पर बसे टैक्सियां ट्रक अन्य सभी साधन रुके हुए हैं, उनके रुकने से मानो जिंदगी ही रुक गई हो अब देखने वाली बात यह होगी कि भारत सरकार इस विरोध प्रदर्शन के बाद हिट एंड रन का बनाया हुआ अपना नया कानून वापस लेती है या नहीं।
यात्रियों में भी देखा गया खासा आक्रोश
देश में नया कानून लागू होते ही जब हड़ताल हो गई तब आने जाने वाले यात्रियों में भी सरकार के खिलाफ खासा आक्रोश देखा गया । यात्री भीषण सर्दी में स्थानीय बस स्टैंड से लेकर हाइवे तक अपने गंतव्य तक आने जाने के लिए परेशान नजर आए तो कई यात्री अपने गंतव्य के लिए पैदल रवाना हो गए । इस दौरान उनका खासा आक्रोश मोदी सरकार के नए कानून के खिलाफ देखा गया।
यात्रियों का कहना है कि मोदी सरकार को कानून लागू करने से पहले इस मामले में विशेषज्ञ की राय लेनी चाहिए थी। अब इस भीषण सर्दी में जब हड़ताल हो गई है, तब वह अपने घर कैसे जाएं। तो कई यात्रियों ने इस हड़ताल को जायज बताया।
बीमारों को नहीं मिला साधन
इस हड़ताल के दौरान बीमार मरीजों को भी अपने घर जाने के लिए साधन नहीं मिला, वह अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ स्थानीय बस स्टैंड पर परेशान होते नजर आए। इस मामले में मध्य प्रदेश के शहर गंज बासौदा निवासी बीमार महिला कुसुम खान गंजबासौदा से चलकर चंदेरी जाने के लिए अपनी मां शाहजहां के साथ घर से निकली थी। लेकिन जनपद आकर वह स्थानीय बस स्टैंड पर हड़ताल के कारण फंसी हुई नजर आई ।
इस मामले में कुसुमखान और शाहजहां का कहना है कि मोदी सरकार के कानून के परिपेक्ष में जो बस संचालकों ने हड़ताल की है, वह उनके जी का जंजाल बन गई है। कुसुम खान का कहना है कि वह बीमारी से जूझ रही है जो अपने घर चंदेरी जाना चाहती है। तो वहीं शाहजहां का कहना है कि वह दिल की बीमारी की मरीज है और अपने बच्चों के साथ इस बस स्टैंड पर फांसी हुई है । उसे घर जाने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा है।
हाइवे के टोलप्लाज़ा पर ट्रक चालकों का लगा रहा जाम
नए कानून को लेकर नेशनल हाईवे 44 पर भी जाम की स्थिति देखी गई। झांसी रोड पर स्थित बीघा खेत टोल प्लाजा पर दोनों तरफ किलोमीटर लंबा जाम लग रहा। इस दौरान ट्रक चालकों ने टोल प्लाजा के आसपास हाईवे को जमकर मोदी सरकार के खिलाफ जमकर धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की और हाल ही में लागू किए गए इस नए एक्ट में संशोधन करने और उसे समाप्त करने की मांग उठाई। इस दौरान ट्रक ड्राइवर का कहना था कि वह जानबूझकर किसी हादसों को न्योता नहीं देते ।अनजाने में उनसे हदसे होते हैं, जिनमें अधिकतर छोटे वाहन वालों की ही गलती रहती है। जब सड़क दुर्घटनाएं होती हैं तब भीड़ इखट्टी हो जाती है और बड़े वाहन वाले की गलती को मानकर उसे पर टूट पड़ती है और कई मामलों में तो वाहन चालकों की हत्या तक हो जाती हैं। यदि हम दुर्घटना के बाद मौके पर रूकती हैं तो भीड़ हमें मार डालेगी और अब हम नए कानून का पालन नहीं करते तो सरकार हमें मार डालेगी। दोनों ही सूरतों में हमारे बच्चों का जीवन खतरे में नजर आ रहा है और उन पर भरण पोषण का भी संकट मंडरा रहा है। इसीलिए सरकार को हमारे बच्चों का ध्यान रखते हुए कम से कम इस एक्ट के बारे में एक बार पुन: विचार करना चाहिए और उसमें संशोधन करना बहुत जरूरी है। हालांकि इस एक्ट को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाना जरूरी है, नहीं तो इसका दुरुपयोग भी होगा।