वर्मी कंपोस्ट तैयार कर जैविक उत्पादन की ओर बढ़ी महिलाएं

Update: 2022-01-28 13:45 GMT

बांदा/नरैनी। तहसील ब्लाक नरैनी में स्थित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ग्राम पंचायत में दस महिलाओं का समूह बनाया गया है। उसी एक समूह में महिला किसान सशक्तिकरण के तहत महेश्वरीमाता स्वयं सहायता समूह की महिला गायत्री के यहां पर वर्मी कम्पोस्ट बनवाया है।

वहीं आजीविका मिशन के ब्लाक मिशन प्रबंधक गणेश पांडे एवं राकेश प्रजापति ने बताया की अपनी खेती में कम लागत से अच्छी फसल की पैदावार के लिए जैविक खेती करने जिससे उनकी फसल की लागत भी कम हो जाएगी और उत्पादन भी अधिक होगा। जो अपनी फसल में रासायनिक खाद का प्रयोग करते हैं जो कि जैविक खाद की तुलना में काफी महंगा पड़ता है। कुछ आसान विधियों से वर्मी कम्पोस्ट घर पर ही बना सकते हैं।

गाय के गोबर को पोषण का सर्वाधिक श्रेष्ठ विकल्प माना जाता हैं जिसमे पौधों के लिए आवश्यक सभी सूक्ष्म तत्व संतुलित मात्रा में उपलब्ध रहते हैं। इन सूक्ष्म तत्वों को पौधे या फसलें बड़ी आसानी से अवशोषित कर लेती हैं। गोबर में उपस्थित सूक्ष्मजीव मृदा में उपस्थित जैव-भार के विघटन का भी कार्य करते हैं। खाद बनाने के लिए आजकल कई विधियां प्रचलन में हैं इनमे से कम्पोस्ट, नाडेप या वर्मी कम्पोस्ट प्रमुख हैं। इस मौके पर राजकुमार पांडे रामविशाल कुशवाहा केशव एवं महेश्वरी माता समूह की महिलाएं कृषि सखी, पशु सखी आदि उपस्थित रहे। 

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