वाराणसी। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली के निधन पर पूरी काशी मर्माहत हैं। शनिवार को जैसे ही उनके निधन की जानकारी मिली लोग उनके व्यक्तित्व को याद करने लगे। लम्बी बीमारी के चलते लोगों को इस दुखद घटना का भान पहले से ही था।
बाबा की नगरी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से जेटली का बेहद लगाव रहा। अन्तिम बार जेटली बनारस में विधानसभा चुनाव 2017 के समय चुनाव प्रचार के अन्तिम दौर में एक मार्च को आये थे। मलदहिया स्थित विनायका प्लाजा में व्यापारियों के सम्मेलन में भाग लेने के दौरान उन्होंने जीएसटी से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने का भरोसा दिया था। उन्होंने जीएसटी के महत्व को भी व्यापारियों को समझाया था। अगले दिन जेटली ने चौकाघाट में भाजपा के अस्थायी चुनावी केन्द्रीय कार्यालय में मीडिया को भी सम्बोधित किया था।
तत्कालीन केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का कार्यक्रम लेने वालों में शामिल भाजपा के युवा नेता वैभव कपूर ने शोक जता उनसे जुड़ी यादों को साझा किया। वैभव कपूर बताते है कि जेटली जी उनके पिता हर्षपाल कपूर और पारिवारिक मित्र भाजपा एमएलसी अशोक धवन को बहुत मानते थे। पारिवारिक सम्बन्ध होने के कारण मुलाकात होने पर वाराणसी के व्यापार जगत की गतिविधियों की जानकारी लेते रहते थे। उन्होंने बताया कि अन्तिम बार जेटली जी वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में एक मार्च को व्यापारियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आये थे, तो उन्होंने हम लोगों से लंका स्थित पहलवान का लस्सी मंगा कर पी थी। जेटली जी अच्छा खाना खाने के शौकीन रहे। यहां अन्तिम बार जब आये थे तो खाना मंगाया गया, लेकिन उन्होंने कहा कि खाना खाने का मन नहीं है। इस पर पिता हर्षपाल कपूर और अन्य लोगों ने कहा कि आप नही खायेंगे तो कोई नहीं खायेगा। इस पर उन्होंने कार्यकर्ताओं का मन रखने के लिए थोड़ा बहुत खाना खाया था।
वैभव बताते हैं कि जेटली जी अच्छे इंसान और राजनेता थे। जेटली जी कार्यकर्ताओं को हमेशा प्रोत्साहित करते थे। बतौर वित्त मंत्री जेटली जी ने आम बजट और रेल बजट को एक साथ पेश कर सादगी से राजनीति की बड़ी लकीर खींच दी। गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) को पूरे देश में लागू करने में उनके योगदान को देश कभी भूल नहीं सकता।