धारा 370 पर प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार के फैसले को बताया असंवैधानिक
वाराणसी। आर्टिकल 370 को लेकर अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का बयान आया है। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने प्रियंका गांधी ने कहा कि यह असंवैधानिक है। कश्मीर मुद्दे में प्रियंका वाड्रा की यह पहली प्रतिक्रिया है। इससे पहले राहुल गांधी ने कहा था कि केंद्र सरकार ने जो निर्णय लिया है, वह संविधान का उल्लंघन है और इस फैसले से राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा आ सकता है। जब ऐसा कोई काम किया जाता है तो जिन नियमों का पालन होना चाहिए, वह नहीं हुआ।
वहीं, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने आशंका जताई कि कश्मीर देश के हाथों से फिसल सकता है। बकौल दिग्विजय सिंह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और अजीत डोवाल ने अपने हाथ आग में झुलसा लिए हैं। कश्मीर बचाना हमारी प्राथमिकता है। मैं अनुरोध करता हूं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और अजीत डोवाल से कि सोच समझकर काम करें अन्यथा कश्मीर अपने हाथ से निकल जाएगा।
वहीं, पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने हाल ही में कहा था, मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त करके हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेला है। यदि जम्मू-कश्मीर हिंदू बहुल राज्य होता तो भाजपा इस राज्य का विशेष दर्जा नहीं छीनती। ऐसा केवल इसलिए किया क्योंकि यह मुस्लिम बहुल है।
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने एक आलेख में लिखा, "नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने देश के उत्तरी बॉर्डर पर एक फिलीस्तीन बना दिया है। मोदी-शाह ने ये पढ़ाई अपने गुरु बेंजामिन नेतान्याहू और यहूदियों से ली है। मोदी और शाह ने इनसे सीखा है कि कश्मीरियों की आजादी, गरिमा और आत्मसम्मान को कैसे रौंदना है? अय्यर ने आगे लिखा है कि अच्छे दिन की बजाय, संसद ने जो तय किया है वह घाटी में एक लंबी और अंधेरी रात है, और शायद देश के बाकी हिस्सों में भी ऐसा होगा।
गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 में बदलाव किया है। इस संवैधानिक बदलाव के बाद जम्मू और कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया है। केंद्र ने पुनर्गठन बिल के जरिए जम्मू-कश्मीर को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिल गया है।
केंद्र सरकार ने किसी भी संभावित हिंसा को रोकने के लिए घाटी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है, जिससे आंशिक तौर पर लोग प्रभावित हुए हैं। विपक्ष इसी पर तरह-तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। जहां ज्यादार पार्टियों ने केंद्र का समर्थन किया है, वहीं प्रमुख पार्टियों ने विरोध जताया है। कांग्रेस नरेंद्र मोदी सरकार पर इस फैसले को लेकर हमलावर है।
घाटी में अभी भी मोबाइल फोन, मोबाइल इंटरनेट और टीवी-केबिल पर रोक लगी हुई है। हालांकि, जम्मू में धारा 144 को पूरी तरह से हटा दिया गया है और कुछ क्षेत्रों में फोन की सुविधा चालू की गई है। अभी सिर्फ मोबाइल कॉलिंग की सुविधा ही शुरू की गई है।