सावन माह में बाबा विश्वनाथ दरबार में सुगम दर्शन, मंगला आरती का बढ़ा शुल्क

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने दर्शन आरती की नई लिस्ट जारी की,चार जुलाई से बढ़ा दर लागू होगा

Update: 2023-06-24 14:07 GMT

वाराणसी/वेबडेस्क।  सावन माह में काशी पुराधिपति के स्वर्णिम दरबार में सुगम दर्शन करने की चाहत रखने वाले शिवभक्तों को अब अधिक कीमत चुकानी होगी। मंदिर प्रशासन ने सुगम दर्शन से लेकर मंगला आरती के लिए नया दर (शुल्क) निर्धारित किया है। शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने दर्शन और आरती के लिए नई रेट लिस्ट जारी कर दी।

सूची के अनुसार बाबा के सुगम दर्शन के लिए अब 300 रूपये की जगह श्रद्धालुओं को 500 रुपए देने होंगे। सावन के सोमवार को सुगम दर्शन के लिए 750 रूपए चुकाना होगा। इसी तरह मंगला आरती के लिए 500 की जगह 1000 हजार रुपए देने होंगे। सावन के सोमवार को मंगला आरती का शुल्क दो हजार रूपए निर्धारित किया गया है। इसी तरह मध्यान्ह भोग आरती,सप्तर्षि आरती और रात्रि श्रृंगार भोग आरती का 500 और सावन के सोमवार पर इसका 2000 रुपए का टिकट लेना होगा। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा के अनुसार सावन माह में बाबा का रूद्राभिषेक एक शास्त्री से कराने पर 700 रूपए और पॉच शास्त्री से कराने पर 2100 रूपए श्रद्धालुओं को चुकाना होगा। सावन के सोमवार पर इसके लिए 3000 रूपए शुल्क निर्धारित है। वहीं, संन्यासी भोग के लिए 4500 रूपए और सावन के सोमवार पर इसके लिए 7500 शुल्क तय किया गया है। श्रावण श्रृंगार के लिए सावन के सामान्य दिनों में 4500 रूपए और सावन के सोमवार के लिए बीस हजार रूपए मंदिर प्रशासन ने तय किया है। 

सावन माह के आठों सोमवार पर बाबा विश्वनाथ का अलग-अलग श्रृंगार श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के अनुसार सावन माह के आठों सोमवार पर बाबा का अलग-अलग श्रृंगार होगा। 10 जुलाई को सावन के पहले सोमवार पर बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा का श्रृंगार, दूसरे सोमवार पर 17 जुलाई को गौरी शंकर श्रृंगार, 24 जुलाई तीसरे सोमवार को अमृत वर्षा श्रृंगार, 31 जुलाई को चौथे सोमवार को भागीरथी श्रृंगार और मासिक पूर्णिमा श्रृंगार, सात अगस्त 5वें सोमवार को तपस्यारत पार्वती श्रृंगार, 14 अगस्त छंठे सोमवार को शंकर पार्वती गणेश श्रृंगार, 21 अगस्त को सातवें सोमवार को बाबा का अर्धनारीश्वर श्रृंगार, 28 अगस्त को आंठवें सोमवार पर रुद्राक्ष श्रृंगार और 31 अगस्त को वार्षिक झूला श्रृंगार किया जाएगा।

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