रंगों में डूबी बाबा विश्वनाथ की नगरी, ठंडाई और भांग का दौर चला
घरों और पाश कालोनियों में महिलाओं ने अपने-अपने ग्रुप में रंग
वाराणसी। काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में शुक्रवार को हर तरफ रंगों के पर्व होली का उल्लास दिख रहा है। गांव जवार, शहर के मोहल्लों, घरों के साथ गंगा किनारे घाटों पर लोग रंग अबीर गुलाल से पूरी तरह सराबोर नजर आ रहे हैं। पारम्परिक फिल्मी होली गीत...खेले रघुबीरा अवध में, रंग बरसे भीगे चुनर वाली, सात रंग में खेल रही है दिलवालो की टोली रे...पर लोग पूरी मस्ती, धूमधड़ाके, पिंगलबाजी के बीच थिरक रहे हैं। पर्व पर शहर में सुरक्षा के व्यापक प्रबन्ध किए गए हैं।
पर्व पर सुबह से ही बच्चों और युवाओं की टोली मस्ती की तरंग में रही। फिर जैसे-जैसे सूर्य की किरणें चढ़ती गयी, युवा और बच्चे पिचकारी लेकर एक दूसरे पर रंग बरसाने निकल पड़े। जगह-जगह लोगों ने एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाया तथा गले मिलकर बधाई दी। रंगों में इस कदर लोगों का चेहरा और शरीर सराबोर रहा कि उन्हें पहचानना मुश्किल रहा।
शहर के गोदौलिया, लहुराबीर, सोनारपुरा, लंका, सिगरा, रथयात्रा चौराहे पर युवाओं की टोली होली खेलती रही। इस दौरान जगह-जगह डीजे की धुन पर होली गीतों पर युवा थिरकते रहे। गंगा घाटों पर विदेशी नागरिक भी होली की खुमारी में डूब स्थानीय युवाओं संग नगाड़े और ढोल की थाप पर थिरकते रहे। पर्व पर घरों और पाश कालोनियों में महिलाओं ने भी अपने ग्रुप में जमकर होली खेली। फिर एक-दूसरे को पर्व की बधाई दी। कई जगह पर युवा अत्यधिक शराब के सेवन से टल्ली होकर सड़कों के किनारे बेसुध भी दिखे। फिर नशा कम होने पर घर की राह ली। रंग खेलने के बाद लोग घर-घर जाकर एक-दूसरे को पर्व की बधाइयां शुभकामनाएं देते रहे। शहर में कुछ जगह दही हांडी, मटका फोड़ होली भी खेली गई। गोदौलिया चौक में लड़कियां-महिलाएं भी दो पहिया वाहनों पर सवार होकर होलीयाना हुल्लड़ का लुत्फ उठाती दिखीं। शहर के विभिन्न अपार्टमेंट में महिलाओं, बच्चों और पुरुषों की टोलियों ने मिलजुल कर रंगोत्सव मनाया। किसी सोसाइटी में रंगोत्सव के दौरान मनोरंजक खेलों का आयोजन किया गया।
होली खेलने की परंपरा -
उधर, काशी विश्वनाथ मंदिर के नियमित दर्शनार्थियों के टोली ने बाबा के साथ होली खेलने की परंपरा का निर्वाह किया। बाबा के भक्तों की टोली दशाश्वमेध स्थित चितरंजन पार्क से मंदिर के लिए रवाना हुई। काशी विश्वनाथ के बाद भक्तों की टोली अन्नपूर्णा मंदिर गई और मां के दरबार में गुलाल उड़ाकर होली गाई। अपरान्ह बाद नहा धोकर लोग पकवान का रसास्वादन परिवार के साथ कर नये कपड़े पहन फिर अबीर गुलाल लेकर दोस्तों और पड़ोसियों के घर पहुंचेंगे। फिर देर शाम तक अबीर गुलाल की होली खेली जायेगी। शहर में कई जगहों पर होली मिलन समारोह का भी आयोजन किया जायेगा।
सड़कों पर छलके जाम -
होली के हुड़दंग में युवा किसी से पीछे नहीं रहे। मुख्य चौराहों पर भी जाम लड़ाते दिखाई दिए। उन्हें किसी का भय तक नहीं था। होली के मौके पर पुलिस कर्मी भी उन्हें देखकर मौन रहे। होली की मस्ती और हुड़दंग के बीच खाकी भी खासी सक्रिय दिखाई दी। शहर के प्रमुख चौराहों के साथ ही मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिस कर्मी मुस्तैद रहे। जुमे की नमाज देख मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में अतिरिक्त चौकसी बरती गई। पुलिस कर्मी और पीएसी के जवान संवेदनशील जगहों पर विशेष चौकसी बरत रहे थे।