काशी गैंगरेप कांड: परतें खुलीं तो सामने आया सेक्स स्कैंडल, जो याद दिला रहा 'अजमेर' जैसा घिनौना सच!
अजमेर सेक्स स्कैंडल जैसा मंजर काशी में देखने को मिला है। गिरफ्तार आरोपियों के फोन की जांच हुई तो पुलिस भी सन्न रह गई...;

Kashi Gang Rape Case : उत्तर प्रदेश। काशी की पवित्र धरती से जो खुलासा हुआ है, उसने पूरे देश को झकझोर दिया है। एक छात्रा से गैंगरेप के मामले की तह में गई पुलिस को जो मिला, वो सिर्फ एक अपराध नहीं बल्कि एक संगठित सेक्स रैकेट की भयावह सच्चाई है। 1992 में अजमेर में जिस तरह से मासूम लड़कियों को ब्लैकमेल कर शोषण का शिकार बनाया गया था, वैसा ही मंजर इस काशी गैंगरेप केस में भी देखने को मिला है।
इस मामले मेंं अब तक हुई 12 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद जब उनके मोबाइल की जांच हुई तो पुलिस भी सन्न रह गई। जांच में एक आरोपी के मोबाइल से 546 लड़कियों के न्यूड वीडियो बरामद हुए, जिन्हें देश के छह राज्यों- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु- में शेयर किया गया था।
इस घिनौने कांड का मास्टरमाइंड निकला ‘कांटिनेंटल कैफे’ का मालिक अनमोल, जो इस कैफे की आड़ में देशभर में लड़कियों को भेजने का धंधा चला रहा था। मामला सामने आते ही न सिर्फ स्थानीय पुलिस बल्कि केंद्र सरकार तक हरकत में आ गई।
मामले ने तूल पकड़ा 11 अप्रेल से जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब काशी पहुंचे, तो एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्होंने पुलिस कमिश्नर से इस केस पर सवाल-जवाब किए और स्पष्ट निर्देश दिए कि “कोई भी दोषी बचना नहीं चाहिए।”
अब इस मामले में कई हाईप्रोफाइल नामों के सामने आने की संभावना है, और पुलिस जल्द ही बड़ी गिरफ्तारियों की तैयारी में है।
आइए विस्तार से जानते हैं क्या है पूरा मामला
कहानी शुरू होती है 29 मार्च की रात से जब एक छात्रा अचानक गायब हो जाती है। परिजन रोते-बिलखते छात्रा को खोजने का प्रयास करते है। उसके दोस्त, आस-पड़ोस में पूछताछ करते है लेकिन कहीं कुछ खबर नहीं मिली। फिर 4 अप्रैल को पुलिस छात्रा के घर दस्तक देती है। पुलिस परिजन को उनकी बेटी से तो मिलवा देती है लेकिन उसकी हालात देख छात्रा के माता-पिता की रूह कांप जाती है। बच्ची को बेसुध देख माँ-बाप का कलेजा मानों बाहर निकल गया हो। बच्ची किसी को पहचान नहीं पा रही थी। वह सभी को शक की निगाहों से देख रही थी। छात्रा के पिता ने बताया कि, बेटी को नार्मल होने में 48 घंटे लग गए थे। मेरी बेटी के साथ 6 दिन में 23 लड़कों ने हैवानियत की, फिर सड़क किनारे फेंक दिया। पुलिस ने 7 अप्रैल को FIR दर्ज की। बेटी अब भी दहशत में है।
कांटिनेंटल कैफे का मालिक अनमोल गुप्ता निकला मास्टरमाइंड
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि इस जघन्य अपराध का मास्टरमाइंड कांटिनेंटल कैफे का मालिक अनमोल गुप्ता था, जिसने एक खतरनाक नेटवर्क बुन रखा था। जांच के दौरान 12 आरोपियों को हिरासत में लिया गया और उनके मोबाइल फोन्स से एक हैरान करने वाला सच सामने आया- 546 लड़कियों के न्यूड वीडियो और तस्वीरें। ये वीडियो सिर्फ वाराणसी तक सीमित नहीं थे; इन्हें यूपी समेत 6 राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, और तमिलनाडु भेजा गया था। यह रैकेट की भयावहता को दिखाता है, जो एक छोटे से कैफे से शुरू होकर देश के अलग अलग राज्यों तक पहुंच गया।
क्या हुआ था 29 मार्च को?
मामले की जांच कर रही पुलिस के अनुसार, 29 मार्च 2025 की एक शाम वाराणसी की सड़कों पर एक 18 साल की छात्रा अपनी सहेली के घर से लौट रही थी। रास्ते में उसकी मुलाकात राज विश्वकर्मा से हुई, जिसने उसे लंका स्थित एक कैफे में ले जाकर रात भर उसका शोषण किया। यह उसकी जिंदगी का पहला काला दिन था, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। अगले दिन, 30 मार्च को समीर नाम के युवक ने उसे जबरदस्ती बाइक पर बिठाया और नदेसर में छोड़ दिया, जहां उसने भी उसके साथ गलत हरकत की। यह घटना छात्रा को इतना सहमा गई कि वह रास्ता भटक गई। रात भर भटकने के बाद 31 मार्च को नदेसर में आयुष नाम के युवक ने उसे अपने चंगुल में ले लिया।
आयुष ने अपने साथियों सोहेल, दानिश, अनमोल, साजिद, और जाहिर के साथ मलदहिया के एक कैफे में ले जाकर सामूहिक रूप से उसका शोषण किया। उन्होंने उसे मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी दी, जिससे वह और ज्यादा डर गई। इस समय तक छात्रा पूरी तरह ब्लैक आउट हो चुकी थी। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था की, वह कहाँ जा रही है और उसे कहां जाना? आगे चलते चलते उसे इमरान मिला, जो उसे होटल में ले गया और नशीला पदार्थ खिलाकर रेप किया। यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था। भटकते हुए साजिद ने उसे औरंगाबाद के एक गोदाम में ले जाकर हैवानियत की, फिर अपने दोस्त अमन के साथ किसी कमरे में रात भर उसका शोषण किया। 2 अप्रैल की सुबह उसे सिगरा मॉल के पास छोड़ दिया गया। वहां राज खान ने उसे हुकुलगंज के घर में नशीला पदार्थ खिलाने की कोशिश की, लेकिन उसने मना किया तो अस्सी में छोड़ दिया।
3 अप्रैल को वह अपनी सहेली के घर पहुंची और थकान से सो गई। शाम को घर लौटते वक्त दानिश ने उसे पकड़ लिया और अपने साथियों सोहेल, सोहैब, और एक अन्य के साथ कमरे में ले जाकर फिर से रेप किया। इससे तंग आकर वह फिर सहेली के घर लौटी और 4 अप्रैल को घर पहुंचकर अपनी आपबीती सुनाई। पीड़िता की मां ने बताया कि उनकी बेटी के साथ शहर के अलग-अलग कोनों में इस तरह की वारदातें हुईं। भटकती हुई उस मासूम का हर किसी ने फायदा उठाने की कोशिश की।
कैसे शुरू हुआ स्कैंडल
इस भयानक कांड का मुख्य सरगना अनमोल गुप्ता है, जिसका सफर किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। मीरापुर बसही की अशोक पुरम कॉलोनी का रहने वाला अनमोल 2018 में सिगरा इलाके में चाऊमीन का ठेला लगाने वाला साधारण युवक था। 2020 में उसने सोनिया पोखरा के पास कस्तूरबानगर में एक छोटी सी दुकान किराए पर ली, जहां उसने बर्गर, चाऊमीन, और फास्ट फूड बेचना शुरू किया। धंधा चल निकला और उसने स्मिथ स्कूल के पास दूसरी दुकान भी खोल ली।
इसी बीच उसके पिता के करीबियों ने उसे सलाह दी और उसने सिगरा के पिशाच मोचन मलदहिया की सी-21/3 बिल्डिंग में हॉल किराए पर लिया। यहां उसने "कॉन्टिनेंटल कैफे" की नींव रखी। लेकिन यह कैफे जल्द ही एक काले धंधे का अड्डा बन गया। लड़कियों को वेटर के तौर पर रखा गया, और अफीम, हेरोइन, हुक्का, और शराब की बिक्री शुरू हो गई। धीरे-धीरे लड़कियां नशे की मांग करने लगीं, और अनमोल के दिमाग में सेक्स रैकेट का खतरनाक आइडिया आया।
उसने कैफे में आने वाले 5 लड़कों- सोहेल, दानिश, साजिद, जाहिर, और आयुष- को अपने साथ जोड़ा। इन्हें लड़कियों से पैसे कमाने का ऑफर दिया गया। पहले तो नशे में धुत लड़कियों को ग्राहकों के सामने पेश किया गया, और जब कोई शिकायत नहीं हुई, तो अनमोल ने इन्हें अपने धंधे का हिस्सेदार बना लिया। इस तरह उसने 15 लड़कों को एजेंट बना लिया, जो ग्राहकों को कैफे में लाते थे। शुरू में फ्री ड्रग्स देकर लड़कियों को नशे का आदी बनाया गया, फिर उन्हें सेक्स रैकेट में झोंक दिया गया।
546 लड़कियों का रैकेट
पुलिस ने बताया कि, पहले कॉन्टिनेंटल कैफे से जुड़ी 20 लड़कियों के इस रैकेट में शामिल होने की बात सामने आई थी, जिनकी उम्र 18 से 40 साल के बीच है। हालांकि बाद में यह आंकड़ा 546 तक पहुंच गया है। अनमोल ग्राहकों को विदेशी लड़कियों की प्रोफाइल दिखाकर उन्हें फंसाता था। इस कमाई से उसने आई-20 कार, 2 आईफोन और 2 सोने की चेन खरीदी। उसका नेटवर्क यूपी से लेकर बिहार और कोलकाता तक फैला हुआ था।
इस गैंग में शामिल सोहेल खान (20) एक स्नातक छात्र है जो एलएलबी की तैयारी कर रहा था, लेकिन ड्रग्स के चक्कर में अनमोल का एजेंट बन गया। राज विश्वकर्मा एक निजी कंपनी में नौकरी करता है, जबकि साजिद गुलाम लल्लापुरा का निवासी है और नशे का आदी हो चुका है। आयुष सिंह मैकेनिकल इंजीनियरिंग ट्रेड से आईटीआई कर रहा है और तनवीर उर्फ समीर एक दुकान पर कार मैकेनिक है।
इमरान इंटरमीडिएट का छात्र है, जो कैफे में लड़कियों के फोटो और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करता था। दानिश अली (20) सोशल मीडिया पर नेटवर्क फैलाता था, और शब्बीर आलम एक कपड़े की दुकान पर काम करता है। इन सभी को नशे और लालच के जाल में फंसाकर अनमोल ने अपने गंदे खेल का हिस्सा बना लिया।
मेन्टल ट्रॉमा से जूझ रही छात्रा
छात्रा जो 6 दिनों तक इन दरिंदों के चंगुल में रही, अब मेन्टल ट्रॉमा से जूझ रही है। उसे दिन-रात ड्रग्स दिए गए, जिसने उसकी जिंदगी को तबाह कर दिया। घर लौटने के बाद वह चुपचाप बैठी रहती है, कभी अचानक रो पड़ती है, और परिवार से बात करने से कतराती है। अपनी मां और पिता को देखते ही उसकी आंखों से आंसुओं की बाढ़ आ जाती है। परिवार कहता है कि उनकी बेटी की मानसिक हालत खराब है, और वे उसे हर संभव सहारा दे रहे हैं।
बीते दिन शुक्रवार 11 अप्रैल 2025 को उसे पंडित दीनदयाल राजकीय जिला चिकित्सालय के महिला अस्पताल में पुलिस सुरक्षा के साथ लाया गया। डॉ. ज्योति ठाकुर ने उसका ब्लड सैंपल लिया, और दो महिला कॉन्स्टेबल्स की निगरानी में उसे घर भेजा गया। डॉक्टरों ने दवाइयां दी हैं, लेकिन यह दवाएं उसके जख्मों को कितना भर पाएंगी, यह सवाल अनुत्तरित है। परिवार की आंखों में आंसुओं के साथ इंसाफ की उम्मीद भी है, जो इस दर्द को कम कर सके।
पीएम मोदी ने ली केस की अपडेट
11 अप्रैल 2025 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी पहुंचे, तो एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्होंने पुलिस कमिश्नर से कहा कि, "कोई भी गुनहगार बचेगा नहीं!" उनकी यह सख्त टिप्पणी पुलिस के लिए एक चेतावनी थी। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई और हाईप्रोफाइल लोगों की गिरफ्तारी की संभावना जताई गई। पीएम की निगरानी में अब इस मामले में बड़े खुलासे होने की उम्मीद है, जिसमें राजनीतिक और प्रभावशाली चेहरे भी शामिल हो सकते हैं। यह काशी के लिए इंसाफ की एक नई सुबह का संकेत है।
पुलिस के लिए यह मामला एक जटिल पहेली है। 23 आरोपियों में से अभी सिर्फ 12 की पहचान हुई है और 11 की तलाश जारी है। छात्रा ने जिन्हें पहचाना, उनके बारे में पुलिस को बता दिया है और अब पकड़े गए लोगों की मदद से बाकी आरोपियों तक पहुंचने की कोशिश हो रही है। पुलिस का दावा है कि वे हर संभव कोशिश कर रहे हैं। फोरेंसिक जांच सच को उजागर करेंगे और सभी आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाएंगे।